केजरीवाल केस में अमेरिका और जर्मनी ने की बयानबाजी, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति

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Arvind Kejriwal Arrest updates के मामले ने पकड़ा तूल

अमेरिका ने केजरीवाल को लेकर दिया बयान

निष्पक्ष, पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया की कही बात

भारत ने अमेरिका को दी कड़ी प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट सीज करने पर भी दिया बयान

भारत ने अमेरिकी डिप्लोमैट को तलब किया था

जर्मनी ने भी मामले में दिया था बयान

जर्मनी ऐंबैसी के डिप्टी हेड को तलब किया था

दिल्ली के सीएम Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी के मामले में विदेशों में भी गर्माया हुआ है…वहीं अमेरिका इस पर लगातार बयान दे रहा है… केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में अमेरिका ने एक बार फिर बयान दिया है.. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं और इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.. हम उम्मीद करते हैं कि मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी.. अमेरिका ने इसके अलावा कांग्रेस पार्टी से जुड़े बैंक अकाउंट्स फ्रीज किए जाने पर भी बयान दिया.. -Arvind Kejriwal Arrest updates

मैथ्यू मिलर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाए हैं कि टैक्स अथॉरिटी ने उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं.. इससे उन्हें चुनाव कैंपेन चलाने में दिक्कतें हो सकती हैं.. हम उम्मीद करते हैं कि निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा… वहीं इस बयानबाजी के बाद भारत ने अमेरिकी डिप्लोमैट को तलब किया था.. अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब बुधवार को ही भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बारबेना को तलब किया था.. -Arvind Kejriwal Arrest updates

उनके बीच करीब 40 मिनट तक बैठक हुई थी.. इससे जुड़े एक सवाल पर बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा- मैं कूटनीतिक बातचीत की जानकारी नहीं दे सकता… दरअसल अमेरिका ने 26 मार्च की रात भी Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी के मामले में बयान दिया था.. उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर नजर बनाए हुए है.. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.. इस दौरान कानून और लोकतंत्र के मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए.. 

भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसका विरोध किया था.. अमेरिका की बयानबाजी के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया मंत्रालय ने कहा था कि भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है.. कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे.. अगर दो देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद और बढ़ जाती है, नहीं तो अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है.. विदेश मंत्रालय ने आगे कहा था कि भारत में कानूनी प्रक्रिया एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित है.. उस पर कलंक लगाना या सवाल उठाना स्वीकार नहीं किया जाएगा..

इससे पहले 23 मार्च को इस मामले में जर्मनी का बयान भी सामने आया था.. जर्मनी ने कहा था, ‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है.. हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है.. केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा..  केजरीवाल को बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी.. जर्मनी के बयान पर भारत ने उनकी ऐंबैसी के डिप्टी हेड को तलब किया था और कहा कि जर्मनी भारत के आतंरिक मामलों में दखलंदाजी न करे.. हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं..

आपको बता दें कि शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था.. वो अभी ED की हिरासत में हैं.. केजरीवाल ED कस्टडी से सरकार चला रहे हैं.. उन्होंने कोर्ट में पेशी के समय कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलाएंगे.. अब जिस तरह से दूसरे देश केजरीवाल की गिरफ्तारी पर लगातार सवाल खड़ा कर रहे है. ऐसे में भारत को भी अपना रुख सख्त रखना होगा.. ताकि किसी भी तरह की असहज स्थिति से बचा जा सके… इसी तरह की और खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ..

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