Lower 01 — Explained: UAPA Charges Leveled Against Arundhati Roy–Arundhati Roy political news
Lower 02 — Delhi LG’s Approval: What You Need to Know About Arundhati Roy‘s Case
Lower 03 — Arundhati Roy under UAPA: Delhi LG’s controversial move
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS….अक्सर विवादों में रहने वालीArundhati Roy की मुश्किलें बढ़ गई हैं….अपने पुराने बयान की वजह से इनके ऊपर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी गई है….दरअसल ये मामला 14 साल पुराना है…. –Arundhati Roy political news
Arundhati Roy और कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है….Arundhati Roy और डॉ. शेख शौकत हुसैन ने 21 अक्टूबर 2010 को नई दिल्ली के auditorium में “Azadi – The Only way” के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे….इन्होंने कश्मीर को लेकर देश विरोधी बयान दिए थे…
इस सम्मेलन में भाषण देने वालों में सैयद अली शाह गिलानी, एसएआर और माओवादी समर्थक वारा वारा राव भी शामिल थे….इस बयान के खिलाफ 28 अक्टूबर 2010 को सोशल एक्टिविस्ट सुशील पंडित की शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी…आखिर ये UAPA की धारा क्या है, क्यों ये कानून कठोर है…आइए आपको बताते हैं….यूएपीए की धारा-15 आतंकी गतिविधि को परिभाषित करती है….इस कानून के तहत कम से कम 5 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है….-Arundhati Roy political news
अगर आतंकी घटना में किसी की जान चली जाती है तो दोषी व्यक्ति को सजा-ए-मौत या फिर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है….अगर कोई भी व्यक्ति आतंक फैलाने के मकसद से देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और संप्रभुता तो खंडित करने की कोशिश करता है या फिर देश या देश के बाहर भारतीयों के साथ आतंकी घटना की कोशिश करता है, तो वह UAPA कानून के दायरे में आएगा…..
यूएपीए कानून को आतंकी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए 1967 में लाया गया था. इस कानून के तहत उन लोगों पर कार्रवाई की जाती है जो आतंकी गतिविधियों में संदिग्ध होते हैं….UAPA कानून राष्ट्रीय जांच एजेंसी को संदिग्ध या फिर आरोपी की संपत्ति जब्त या फिर कुर्क करने का अधिकार देती है….ये कानून कुछ खास हालातों में ही लागू होता है…..UAPA अकेला ऐसा कानून है जो आतंकवाद और गैरकानूनी गतिविधियों पर लागू होता है….ऐसे कई क्राइम थे,
जिनका आईपीसी में जिक्र तक नहीं था….यही वजह रही कि 1967 में गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम की जरूरत महसूस की गई और UAPA कानून लाया गया….
ये कानून गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम कसने में सक्षम है…AIRR NEWS के माध्यम से आपको बता दें कि…साल 2001 में 13 दिसंबर के दिन हुए Parliament Attack की 22वीं बरसी पर यानी 13 दिसंबर 2023 के दिन संसद को धुआं-धुआं करने वाले छह आरोपियों के खिलाफ भी अब गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानि UAPA के तहत मुकदमा चलेगा…
क्या अरूंधति के खिलाफ UAPA के तहत केस होना चाहिए ? आखिर इस मामले में मुकदमा चलाने में 14 साल क्यों लगे ? देश के खिलाफ बयान देने वालों के खिलाफ क्या इससे भी ठोस कार्रवाई होनी चाहिए ? ये तमाम सवालों के जवाब आप हमें कॉमेंट बॉक्स में दे सकते हैं….ऐसी ही खास खबरों और जानकारी के लिए देखते रहिए AIRR NEWS…….
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