APSC Scam Exposed: A Deep Dive into Assam’s Biggest Job Scandal
APSC Scam उजागर: असम के सबसे बड़े नौकरी घोटाले में एक गहरा गोता
“क्या आपने कभी सोचा है कि नौकरी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के साथ धोखाधड़ी हो सकती है? क्या आपने कभी सोचा है कि नौकरी के लिए चयनित होने के लिए रिश्वत देनी पड़ सकती है? आज हम आपको एक ऐसे ही घोटाले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने असम लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता को झटका दिया है। इस वीडियो में, हम आपको एपीएससी के घोटाले के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें एपीएससी के पूर्व अध्यक्ष राकेश पॉल और उनके सहयोगी नौकरी के बदले में रिश्वत लेने और अनियमितताओं के दोषी पाए गए। तो चलिए, शुरू करते है ‘असम लोक सेवा आयोग: एक घोटाले की कहानी’ में।”
असम लोक सेवा आयोग मतलब एपीएससी के घोटाले ने राज्य की लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता को झटका दिया है। इस घोटाले में, एपीएससी के पूर्व अध्यक्ष राकेश पॉल और उनके सहयोगी नौकरी के बदले में रिश्वत लेने और अनियमितताओं के दोषी पाए गए है। इस मामले में अब तक 70 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं, जिनमें से 57 को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है।
आपको बता दे कि 2016 में डिब्रूगढ़ पुलिस ने एपीएससी के पूर्व अध्यक्ष राकेश पॉल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा जब उन्होंने एक उम्मीदवार को एसीएस पद पर नियुक्त करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस ने उनके घर और कार्यालय में छापेमारी की और उनके पास से कई दस्तावेज, चेक, ड्राफ्ट और कैश बरामद किए।
इस घोटाले में राकेश पॉल के अलावा उनके करीबी साथी नंदा बाबू सिंह, जो पूर्व मुख्य परीक्षा नियंत्रक थे, शामिल हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने पॉल के निर्देश पर एपीएससी की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं के लगभग 45,000 उम्मीदवारों को अनदेखा करके अनैतिक रूप से अपनी बेटी मिनर्वा देवी अरम्बम को एसीएस पद पर नियुक्त किया था।
आपको बता दे कि इस घोटाले की जांच को लेकर असम पुलिस ने एसआईटी का गठन किया , जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुन्ना प्रसाद गुप्ता कर रहे हैं। एसआईटी ने अब तक 70 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से कई को जमानत मिल चुकी है। घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश पॉल को भी मार्च 2021 में जमानत मिली थी। एसआईटी ने घोटाले के सभी पहलुओं की जांच करने के लिए छह महीने का समय मांगा है।
आपको बता दे कि इस APSC Scam के प्रभाव से असम लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर दाग लगा है। वैसे इस घोटाले में शामिल हुए अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। इसी वजह से असम में कई भर्ती परीक्षाओं को रोक दिया गया है और उनके नतीजे भी अभी तक लंबित हैं। घोटाले से प्रभावित हुए उम्मीदवारों ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन और प्रदर्शन भी किए हैं।
बाद में असम सरकार ने घोटाले की गंभीरता को समझते हुए जांच को गति देने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने घोटाले की जांच के लिए एक सदस्य आयोग की स्थापना की थी, जिसने घोटाले में शामिल अधिकारियों की सूची तैयार की थी। सरकार ने घोटाले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक विशेष जांच दल भी गठित किया है। सरकार ने घोटाले को रोकने और एपीएससी को सुधारने के लिए नई नीतियां और कानून बनाने का भी वादा किया है।
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