मशहूर चित्रकार अमृता शेरगिल ने पंडित नेहरू को उनका पोट्रेट बनाने से कर दिया था मना, आखिर क्यों?
भारत की एक मशहूर चित्रकार जिसने मात्र 28 साल की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं अमृता शेरगिल की। अमृता शेरगिल का जन्म 30 जनवरी 1913 को बुडापेस्ट में डेन्यूब नदी के किनारे हुआ था। अमृता ने पेरिस से लेकर बुडापेस्ट, शिमला और लाहौर तक पढ़ाई करने के साथ ही चित्रकारी में भी काफी काम किया। अमृता के पिता भारतीय मूल के थे और उनकी मां हंगरी की थी। हांलाकि अमृता बाद में भारत लौट आईं क्योंकि उनका मानना था कि बतौर पेंटर उनका भविष्य भारत में है। अमृता शेरगिल ने कभी अपनी जिन्दगी से समझौता नहीं किया सिर्फ अपनी शर्तों पर जिन्दा रहीं। शुरूआत में विद्रोही प्रकृति की अमृता के जीवन जीने का अंदाज बिल्कुज जुदा था, उनकी प्रेम कहानियां अक्सर सुर्खियों में रहती थीं।
कला की इतिहासकार यशोधरा डालमिया के मुताबिक अमृता की बेहतरीन पेंटिंग्स पूर्व और पश्चिम के संगम का बेहतरीन उदाहरण है। अमृता ने अपनी पेटिंग्स में भारत के आम लोगों के रंगरूप को कैनवास पर जगह दी। उनका एक सेल्फ पोट्रेट बहुत प्रसिद्ध है जिसमें वो मुस्कुरा रही हैं। इस पोट्रेट में उन्होंने खुले कंधों वाला ड्रेस पहन रखा है। आजादी से पहले के भारत में इस तरह का पोट्रेट पेंट करना काफी साहस का काम था।
अमृता शेरगिल के निजी जीवन के किस्से अक्सर सुर्खियों में बने रहे। कई बार ऐसा दावा किया गया है कि अमृता शेरगिल निम्फोमेनिया से ग्रसित थीं, बता दें कि इस बीमारी में शारीरिक संबंध बनाना किसी नशे की लत जैसा होता है। मशहूर लेखक खुशवन्त सिंह ने अमृता शेरगिल के बारे में लिखा है कि मन होने पर उन्होंने कई पुरुषों और स्त्रियों से संबंध बनाएं। खुशवन्त सिंह ने लिखा है कि अमृता जब उनके परिवार से मिली तो खुशवंत की पत्नी के सामने ही उनके बेटे को अमृता ने बदसूरत कह दिया। उन्होंने लिखा है कि अमृता ने अपने कई न्यूड पोट्रेट ही खुद ही पेंट किए।
भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी अमृता शेरगिल की पेटिंग्स बहुत पसन्द थी। ऐसे में एक बार उन्होंने अमृता शेरगिल से अपनी पोट्रेट बनाने की गुजारिश की। लेकिन अमृता शेरगिल ने इनकार कर दिया क्योंकि अमृता को पंडित नेहरू इतने प्रभावी नहीं लगे कि कैनवस पर पेंट किए जाए।
वहीं अमृता के करीबी दोस्त इकबाल सिंह ने जब पूछा कि उन्होंने नेहरू जी की तस्वीर क्यों नहीं बनाई तो अमृता का जवाब था कि वह नेहरू जी की तस्वीर कभी नहीं बनाएंगी, क्योंकि वो बहुत ज्यादा खूबसूरत दिखते हैं। अमृता के करीबी डालमिया के मुताबिक, अमृता शेरगिल और पंडित नेहरू के बीच कितनी गहरी दोस्ती थी, इसे स्पष्ट शब्दों में नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि जब अमृता की शादी बुडापेस्ट में हो रही थी, तब नेहरू जी की कई चिट्ठियों को अमृता के पेरेंट्स ने जला दिया था।
बता दें कि साल 19938 में अमृता शेरगिल ने अपने चचेरे भाई विक्टर ईगन से शादी कर ली। बावजूद इसके उनके अफेयर के चर्चे सुनाई देते रहे। साल 1941 में अमृता शेरगिल अचानक कोमा में चली गईं, इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। हांलाकि कुछ लोग अमृता शेरगिल की मौत को साजिश करार दे चुके हैं।
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