Amit Shah: Explosive Speech in Rajasthan: A Game Changer for the Upcoming Elections?
राजस्थान में Amit Shah का विस्फोटक भाषण: आगामी चुनावों के लिए गेम चेंजर?
23 नवम्बर 2023 को राजस्थान विधानसभा चुनावो का प्रचार ख़त्म हो गया , शाम के 5 बजते है सभी पार्टियों के उम्मीदवारों ने अपने कार्यालयों की तरफ रुख कर दिया , और पीछे छोड़ दिया आम जनता के दिल और दिमाग में सवाल , क्या सच में इन भावी विधायकों और इनके समर्थन में आये बड़े स्टार प्रचारकों ने जो कहा है जो इलज़ाम मौजूदा सरकार पर लगाए है वो सही है या गलत ?
ऐसा ही एक इलज़ाम इस साल के जाते जाते 7 नवंबर, 2023 को राजस्थान की चुनावी सभा में गूंजा Amit Shah का एक सवाल और साथ में अशोक गहलोत सरकार पर इलज़ाम ! अपनी राजस्थान की कांग्रेस सरकार की आलोचना में अमित शाह ने कहा कि राजस्थान की सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति में सारी सीमाएं पार कर दी हैं¹. राजस्थान को “दंगों की भूमि” बना दिया गया है, जहां मासूम लोगों की हत्या हो रही है और उग्रवादी संगठनों को खुला छोड़ दिया गया है।
आपको बता दे की उनका इशारा उदयपुर में पिछले वर्ष दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या को लेकर था “मैं पूछना चाहता हूं, आप क्या कर रहे हैं गहलोत जी? आपने क्या किया? आपने राम नवमी और महावीर जयंती पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन दूसरी ओर, पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) खुलेआम रैली निकालता है,”।
आगे जनता से सम्बोधित होते हुए अमित शाह ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार राज्य में वापसी करती है, तो पीएफआई जैसे संगठनों से सुरक्षा नहीं होगी। उन्होंने “तुष्टिकरण की राजनीति” की आलोचना करते हुए पिछले वर्ष के कुछ मामलों का उल्लेख किया, उन्होंने बताया कि अलवर में एक 300 वर्ष पुराने मंदिर को तोडा गया और भरतपुर के पवित्र पहाड़ों में खनन माफियाओ को रोकने की मांग करने वाले संत विजय दास की आत्महत्या या कहे आत्महत्या के साथ ही 2021 में ही झालावाड़ में एक दलित पुरुष, श्री कृष्ण वाल्मीकि जी की हत्या हो जाती है और राज्य सरकार चुप रह जाती है ।
आगे आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान को एक ऐसा एटीएम बना दिया है, जहां उनके दिल्ली के नेता कार्ड स्वाइप करके पैसे निकालते हैं। इसके बाद केंद्र में मोदी और राजस्थान में भाजपा को लेकर उन्होंने दावा किया कि “हर एक मत का महत्व होगा , अगर राज्य में दोहरी इंजन की सरकार बनती है तो।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के पांच साल के शासनकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचारो ने आज़ादी के बाद आयी सभी सरकारों के घोटालों को भी पीछे छोड़ दिया। “
आगे अमित शाह ने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं कि यूपीए सरकार ने केंद्र में अपने 10 वर्ष के शासनकाल में राजस्थान के लिए क्या किया। उन्होंने राज्य को केवल 1.10 लाख करोड़ रुपये भेजे, जबकि मोदी सरकार ने नौ वर्षों में 8.71 लाख करोड़ रुपये भेजे । “
राज्य में भाजपा कि सरकार के अन्य फायदे गिनाने के बाद Amit Shah ने अपनी वाणी को विराम दिया।
उनके इस भाषण से एक बात तो साफ़ हो जाती है कि राजस्थान में कांग्रेस कि हार होने के बारे में सबसे ज्यादा चिंता तो भाजपा को हो रही है इसी लिए वो अपनी हर रैली में मतदाताओं को किसी जाति या धर्म विशेष का डर या मौजूदा सरकार कि उससे घनिष्ट निकटता दिखाकर वोटर्स के दिलो में अपनी जगह बनाने में लगी हुई है।
अगर हम राजस्थान के वोटर्स कि माने तो भाजपा और कांग्रेस के घोषणा पत्र से ज्यादा आकर्षित नजर नहीं आ रही है। जनता के लिए उनके क्षेत्रीय मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण लग रहे है , और इसलिए वो उस उम्मीदवार को अपना मत देना चाहती है जो उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सके जैसे बिजली , पानी , शिक्षा , स्वास्थय और रोजगार।
अब मतदाता इन चुनावी रैलियों से कितने प्रभावित हुए है ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। फिलहाल आज कि इस वीडियो के लिए आपकी क्या राय या सुझाव है , इस पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
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