क्या AMIT SHAH PM मोदी के कार्यकाल के इकलौते गृहमंत्री हैं?
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शाहकासियासीप्रहार, विपक्षतार–तार
गुजरात के सियासी गलियारों की मानें तो शाह ने मोदी के पीएम बनने की भविष्यवाणी 1990 में ही कर दी थी…तब दोनों अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पास एक रेस्तरां में बैठे हुए थे…और वहीं से इस जोड़ी ने देश के लिए जो संकल्प लिया वो आज भी अनवरत जारी है…तभी से देश के PM और देश के भविष्य पर चर्चा हो रही है…जिसमें देश के मौजूदा गृहमंत्री एक शिला की तरह अपने वचनों के साथ दृढ़ होकर खड़े हैं…
शाह का सियासी प्रहार, विपक्ष तार-तार
गुजरात के सियासी गलियारों की मानें तो शाह ने मोदी के पीएम बनने की भविष्यवाणी 1990 में ही कर दी थी…तब दोनों अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पास एक रेस्तरां में बैठे हुए थे…और वहीं से इस जोड़ी ने देश के लिए जो संकल्प लिया वो आज भी अनवरत जारी है…तभी से देश के PM और देश के भविष्य पर चर्चा हो रही है…जिसमें देश के मौजूदा गृहमंत्री एक शिला की तरह अपने वचनों के साथ दृढ़ होकर खड़े हैं…
बहुत कम लोगों को पता है कि AMIT SHAH के बचपन के दोस्त उन्हें पूनम के नाम से बुलाते हैं…आज भी पूनम का नाम सुनते ही AMIT SHAH समझ जाते हैं कि कोई उनके गांव माणसा से आया है…जहां से उनकी जड़ें जुड़ी हुई हैं…AMIT SHAH की छवि एक सख्त नेता की है…उनपर मुसलमान विरोधी होने के आरोप भी लगते रहे हैं लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि शाह के कई करीबी दोस्त मुसलमान ही हैं…और तो और एक प्रभावशाली मौलाना से भी उनकी गहरी दोस्ती है…अक्सर दोनों साथ बैठकर खाना खाते हैं…लेकिन अफवाहों का क्या और जब विपक्ष एक ही चश्मे से सबकुछ देखना चाहे तो क्या ही किया जा सकता है…
संगठन में AMIT SHAH की कामयाबी के कई राज हैं…एक राज तो ये है कि उन्होंने देशभर के बीजेपी कार्यकर्ताओं को सलाह दी है कि वे मार्क्स, समाजवाद, इस्लाम और ईसाइयत के बारे में जमकर पढ़े…उनका मानना है कि बहस में टिके रहने और अपनी विचारधारा को सही साबित करने के लिए कार्यकर्ताओं को ये काम करना जरूरी है ताकि विरोधी को जवाब दिया जा सके, उसे हराया जा सके तभी देश के विकास का संकल्प पूरा किया जा सकता है
बचपन में क्रिकेट खेलने के शौकिन AMIT SHAH पर परिवार का काफी असर है…संघवी कॉलेज के ग्राउंड में वो क्रिकेट खेलते थे शायद इसलिए राजनीति में आने के बाद उनकी नजर गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन पर पड़ी जिसके बाद में वो अध्यक्ष भी रहे..AMIT SHAH खाने के भी शौकिन हैं…उनके पसंदीदी जायके की बात की जाए तो उन्हें भाजीपांव खाना बेहद पसंद है…
गुजरात में पतंग उड़ाने का बड़ा चलन है…पतंग को हर कोई नहीं उड़ा पाता इसमें हाथों की कलाकारी और हवा का रुख दोनों में तालमेल बैठाना पड़ता है…अमित शाह रणनीति बनाने के मामले में किसी भी नेता से कहीं आगे निकल चुके हैं…जमीनी तौर पर वो अपने काम को अंजाम देते हैं…भारतीय राजनीति में कांग्रेस के बाद शायद ही कोई पार्टी हुई है जो इतनी ताकतवर बनकर उभरी है…कांग्रेस लगातार सिमटती जा रही है, कमजोर होती जा रही है…कांग्रेस का हर दांव उस पर उलटा पड़ रहा है और इसकी वजह कोई और नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ अमित शाह हैं…दरअसल पीएम मोदी भले ही कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देते हों लेकिन उसे पूरा करने का काम अमित शाह कर रहे हैं…2024 वाले चुनावी समर में भी सियासत के इसी सूरमा ने बीजेपी के विजय रथ की बागडोर संभाल रखी है…
AMIT SHAH के संकल्प के आगे विपक्ष धाराशायी क्यों हो जाता है?