मुस्लिम देशों के बीच एक यहूदी देश Israel बसता है, जो कभी फिलिस्तीन का हिस्सा हुआ करता था…लेकिन आज उसी फिलिस्तीन के गाजा में Israel सेना ने कोहराम मचा रखा है…-America – Israel relation
ये सब कुछ बेंजामिन नेतन्याहू के इशारे पर हो रहा है…क्योंकि Israel ने अपनी सैन्य ताकत के दम पर अपनी दमदार छवि बनाई है…वैसे एक सच ये है कि 1948 से अब तक करीब 7 जंग Israel और फिलिस्तीन के बीच लड़ी जा चुकी है…जो विवाद गाजा पट्टी को लेकर शुरु हुआ…वो आज सबसे बड़ी जंग का कारण बन चुका है…और इसके पीछे Israel के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का वो फैसला है…जि.-America – Israel relation
वैसे ये बयान Israel की तरफ से तब आया जब हमास के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के शक्तिशाली देशों का समर्थन मिला…हमास के हमले में मारे गए लोगों के खिलाफ अमेरिका ने Israel का साथ दिया…बाइडन से बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की…भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने समर्थन दिया और कहा कि हम कठिन समय में Israelके साथ है…ब्रिटेन ने भी आतंकी हमले के विरोध में Israel की कार्रवाई का समर्थन किया…सोचिए एक छोटा सा देश, जिसके समर्थन में दुनिया के शक्तिशाली देश खड़े हैं. सवाल है कि शक्तिशाली देशों ने साथ क्यों दिया?-America – Israel relation
सात अक्तूबर 2023 को फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था…तब ब्रिटेन, अमेरिका और जर्मनी ने इजराइल की मदद की थी और आज भी ये देश उसके साथ खड़े हैं…उसी वक्त संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा के साथ इजराइल के युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा गया था पर इजराइल को साल 1948 में सबसे पहले मान्यता देने वाले अमेरिका समेत 14 पश्चिमी देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया था…-America – Israel relation
इसके पीछे बेंजामिन नेतन्याहू की रणनीति है, कूटनीति है…जिसका लोहा दुनिया भर देश मानते हैं…आज जब Israel युद्ध के मैदान में खड़ा है….तब भी कई देशों का समर्थन इसलिए मिल रहा है क्योंकि Israel ने खुद को सैन्य ताकत के तौर पर दमदार बनाया है…कई बार PM बेंजामिन को सैनिकों के बीच देखा गया है. इसके पीछे सैनिकों की हौसला अफजाई करना है. ताकि युद्ध के मैदान में दुश्मन देशों को मात दे सके…
आज अमेरिका इसलिए भी साथ खड़ा दिखाई देता है…क्योंकि अमेरिका के साथ इजराइल के व्यापारिक संबंध भी बेहद मजबूत हैं…एक-दूसरे के लिए हथियारों की होड़ में तो दोनों देश रहते ही हैं, साल 1985 में ही इन दोनों देशों के बीच पहला फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया गया था…साल 2016 तक दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 49 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया…इजराइली लोगों का अमेरिका में 24 बिलियन डॉलर का निवेश है जिससे वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है…
Israel दुश्मन देशों से घिरा है फिर भी किसी देश की हिम्मत नहीं हो रही है कि वो Israel से पंगा ले सके. इसके पीछे बेंजामिन नेतन्याहू के फैसलों को माना जा रहा है. क्योंकि वो मानते हैं कि अगर किसी ने उन देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. तो फिर उनका हश्र भी हमास जैसा होगा. आज हमास के गढ़ गाजा पट्टी में सर्वनाश के अलावा कुछ नहीं दिखता है. क्योंकि 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के बाद नेतन्याहू ने तय किया था. कि हमास को मिट्टी में मिला देंगे. और वो सिलसिला गाजा पट्टी में जारी है.
अमेरिका के साथ इजराइल के व्यापारिक संबंध भी बेहद मजबूत हैं
क्या Israel से दूसरे देशों को सीखना चाहिए?
हमास को हराने के लिए Israel का अगला प्लान क्या होगा?