जहां एक ओर china के सामने एक बार फिर पस्त हुआ पाकिस्तान, अमेरिका के सामने फैलाया हाथ ने पाकिस्तान में अपने प्रोजक्ट रोककर पाकिस्तान को चारों खाने चित कर दिया है तो वहीं अब शहबाज मियां बाइडेन के आगे कटोरा लेकर पहुंचने की तैयारी में हैं…-America attacks China
दरअसल 30 मार्च को बाइडेन ने पाकिस्तानी PM शाहबाज को खत लिखा था…उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों की अहमियत बताते हुए पाकिस्तान के लिए अमेरिका के सपोर्ट की बात की थी…इसके जवाब में शाहबाज ने लिखा कि पाकिस्तान वैश्विक शांति, सुरक्षा और देश के विकास और समृद्धि के लिए अमेरिका के साथ काम करने को इच्छुक है…दोनों देश एनर्जी, क्लाइमेट चेंज, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे…-America attacks China
ऐसे में सवाल उठता है कि पाकिस्तान जो खुद एक अशांत मुल्क है…आतंकी देश है…आतंकियों को पालता है, पोषता है और फिर हिंदुस्तान समेत दुनिया भर के मुल्कों में भेजता है…उस देश का वजीरे आजम अगर अमेरिका को ये भरोसा देता है कि वो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए काम करना चाहता है तो फिर ऐसा लगता है कि अमेरिका को भी सतर्क हो जाना चाहिए या फिर अमेरिका ने भी किसी चाल के तहत दक्षिण एशिया में ये कदम उठाया है और पाकिस्तान से एक बार फिर दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करने की कोशिश की है…क्योंकि ये पहली बार था जब बाइडेन ने पाकिस्तान में चुनाव के बाद किसी प्रधानमंत्री से बात की, खत लिखा…2018 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुनाव जीता था तब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इमरान से कोई बात नहीं की थी…इसके बाद साल 2022 में इमरान की सरकार गिरने के बाद जब शाहबाज शरीफ ने सरकार बनाई, तब भी बाइडेन ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया…-America attacks China
तो फिर आज क्यों? इसे समझना प़ड़ेगा…दरअसल बाइडेन के खत में शाहबाज को सत्ता संभालने या चुनाव जीतने के लिए बधाई नहीं दी गई है तो असली माजरा क्या है…पहले उसे समझते हैं…दरअसल, जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में china के सामने एक बार फिर पस्त हुआ पाकिस्तान, अमेरिका के सामने फैलाया हाथ और पाकिस्तान में दोस्ती में दरार आई है उसका फायदा अब अमेरिका उठाना चाहता है…
पाकिस्तान में china के सामने एक बार फिर पस्त हुआ पाकिस्तान, अमेरिका के सामने फैलाया हाथ लोगों पर हुए हमले से china खफा है…china ने दो टूक कहा कि दोषियों पर कार्रवाई हो, जो पाकिस्तान नहीं कर पाया…china ने पाकिस्तान में अपने तीन प्रोजेक्ट पर पिछले 72 घंटे में काम रोक दिया है और तो और china और निवेश करने से भी फिलहाल परहेज कर रहा है…जिसके बाद ही शहबाज शरीफ को दिन में तारे नजर आने लगे…यानि अगर china ने भी आतंक और आतंकी वारदातों को लेकर पाकिस्तान को ठेंगा दे दिया तो फिर पाकिस्तान की सरकार क्या करती है…इसलिए पाकिस्तान और अमेरिका की इस दोस्ती में दोनों ने अपने अपने फायदे के लिए हाथ बढ़ाए है…
पाकिस्तान में मौजूद अमेरिकी राजदूत ने 15 मार्च को पाकिस्तान को अमेरिका का अहम पार्टनर बताया था…उन्होंने उम्मीद जताई थी कि पाकिस्तान की नई सरकार अमेरिका के साथ मिलकर द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए काम करेगी…
अमेरिका भी जब से अफगानिस्तान से निकला है तब से साउथ एशिया में उसका का कोई सैन्य ठिकाना नहीं है…इधर chinaलगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है…ताइवान को हड़पने में लगा है…जिसमें अमेरिका सबसे बड़ा रोडा़ है…इसलिए अमेरिका भी इस क्षेत्र में एक सैन्या ठिकाना चाहता है…क्योंकि अमेरिका को पता है कि पाकिस्तान ही ऐसा मुल्क है जिसे जैसा चाहों इस्तेमाल कर सकते हैं…
ये पहली बार था जब बाइडेन ने पाकिस्तान में चुनाव के बाद किसी प्रधानमंत्री से बात की, खत लिखा
क्या पाकिस्तान अमेरिका पर डोरे डाल रहा है
china के जाने के बाद अमेरिका पाकिस्तान में कैसे एंट्री करेगा?