जहां एक ओर America नाटो का एशियाई संस्करण बनाने में तेज़ी ला दी है…इससे जुड़े देशों के साथ-साथ दूसरे देशों को भी इसमें लाने का गुणा-गणित किया जा रहा है वहीं चीन इसको लेकर भड़का हुआ है…चीन ने ‘क्वाड’ के बाद अब ‘ऑकस’ गठबंधन पर निशाना साधते हुए America की आलोचना की और कहा कि वॉशिंगटन बीजिंग को दबाने के लिए नाटो का एशियाई संस्करण बनाने का प्रयास कर रहा है…जिसे चीन किसी भी हाल में नहीं होने देगा और अगर ऐसा हुआ तो कोरियाई द्वीप समेत पूरे एशिया में अशांति आना तय है…-America against china
व्हाइट हाउस AUKUS में कनाडा और जापान की सदस्यता में तेजी लाने का प्रयास कर रहा है…अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन अमेरिकी चुनाव से पहले AUKUS स्तंभ 2 पर कुछ चीजें करने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत कर रहे हैं जिसकी फाइनल तस्वीर जल्द ही दुनिया के सामने होगी…
आपको बता दें कि AUKUS की स्थापना 2021 में हुई थी…समझौते के ‘स्तंभ 1’ के तहत, वाशिंगटन और लंदन ने कैनबरा को परमाणु-संचालित पनडुब्बियां हासिल करने में मदद करने का वादा किया था जबकि ‘स्तंभ 2’ एक व्यापक प्रौद्योगिकी-साझाकरण समझौता है…कनाडा और जापान के अलावा, भारत, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया को संभावित ‘स्तंभ 2’ सदस्यों के रूप में नामित किया गया है…यानि साफ है…America हर हाल में उन देशों को नाटो या नाटो जैसी संस्थाओं में शामिल करना चाहता है जिससे उसकी दोस्ती है…इसी का फायदा उठाकर वो जापान और कनाडा को ऑकस का हिस्सा बनाना चाहता है…जिसपर चीन आपत्ति जता रहा है…अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर America की खिलाफत कर रहा है…
बीजिंग ने नाटो का एशिया-प्रशांत संस्करण बनाने के प्रयास के रूप में AUKUS समझौते की निंदा की है…चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पिछले साल तर्क दिया था कि यह शीत युद्ध की मानसिकता पर आधारित है जो केवल हथियारों की दौड़ और नुकसान को प्रेरित करेगा…ये अंतर्राष्ट्रीय परमाणु अप्रसार व्यवस्था और क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को नुकसान पहुंचाएगी…
लेकिन America कहां मानने वाला…उसे चीन की ओर से की जा रही खिलाफत का कोई असर नहीं पड़ता…उसे तो बस नाटो का विस्तार करना है जिसकी चाहत पाले बैठा यूक्रेन बर्बादी की कगार पर खड़ा है…यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के इसी प्लान से ही रूस भड़का हुआ है…सुपर पावर America समेत नाटो देशों को धमकी दे रहा है और AUKUS की भी खुलकर खिलाफत कर रहा है…-America against china
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि AUKUS दुनिया के कई इलाकों में परमाणु खतरे के साथ एक सैन्य रणनीतिक खतरा भी उत्पन्न करता है…AUKUS को इस तरह से डिजाइन किया गया है और उसपर काम किया जा रहा है कि ये नाटो से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है…यानि नाटो के नाम पर दुनिया में छिड़ी जंग अब और तेज़ हो सकती है…और भयावह हो सकती है क्योंकि America ऑकस के नाम पर जो कुछ कर रहा है उसका असर पूरी दुनिया पर होने वाला है जो मौजूदा जंग से और भी ज्यागा विध्वंसकारी होगा…
America और ब्रिटेन परमाणु-संचालित पनडुब्बियों को प्राप्त करने में ऑस्ट्रेलिया की सहायता करेंगे…
क्या ‘एशियाई नाटो’ से भारत की शांति को भी खतरा है?
‘एशियाई नाटो’ से America को क्या बड़ा फायदा हो सकता है?