पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम
अकबर रोड के साइन बोर्ड पर कालिख पोतने की घटना के बाद अमित राठौड़ नाम के एक युवक ने ANI से कहा “कश्मीरी गेट पर जो घटना हुई है, उसको पुलिस प्रशासन, दिल्ली सरकार सब मिलकर दबाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा सवाल ये है कि महाराणा प्रताप का भाला और तलवार अष्टधातु की मूर्ति के हाथ को क्या कोई बंदर तोड़ सकता है। मैं दिल्ली पुलिस से कहना चाहता हूं कि हमें मूर्ख न बनाएं। महाराणा प्रताप की अष्टधातु की मूर्ति सम्मान के साथ वापस उसी जगह पर लगाएं। जो दोषी हैं, उनको गिरफ्तार करें। 24 घंटे का अल्टीमेटम है, तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा चेतावनी है यह कि एक भी आक्रांताओं का नाम नहीं छोड़ेंगे, मिटा देंगे। जय भवानी।”
आक्रांताओं ने मंदिर तोड़े, सरकार तुरंत फैसला ले
इस घटना में शामिल विजय नाम के दूसरे शख्स विजय ने कहा “हम लोग हिंदू हैं। हम अकबर, बाबर, हुमायूं के बोर्ड हटाने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि सरकारों की आखें खुलें और सरकार फैसला ले कि जो आक्रांता बाहर से आए। उन्होंने हमारी बहन-बेटियों का बलात्कार किया, पेड़ से उल्टा लटकाया। उन्होंने मंदिरों को ध्वस्त किया। भारत की अखंडता को तोड़ा। सवाल यह है कि हम ही ऐसा क्यों कर रहे हैं, समाज के बाकी लोग कहां हैं?”
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क्या है महाराणा प्रताप की प्रतिमा तोड़ने का मामला?
अकबर रोड के साइनबोर्ड पर कालिख पोतने वाले युवकों के मुताबिक कश्मीरी गेट पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा तोड़ी गई है। इस मामले में करणी सेना ने दिल्ली पुलिस को अपनी शिकायत दी थी। दिल्ली पुलिस ने करणी सेना की शिकायत पर मामले की जांच करने का आश्वासन दिया था। इसके साथ ही एमसीडी से भी जानकारी लेने की बात कही थी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह प्रतिमा काफी पुरानी है और इसे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट भी किया गया। हालांकि, अभी दिल्ली पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

पहले भी साइन बोर्ड पर पोती जा चुकी है कालिख
सूत्रों की मानें तो दिल्ली में पहली बार किसी साइन बोर्ड पर कालिख नहीं पोती गई है। इससे पहले भी दिल्ली में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले महीने छावा मूवी देखने के बाद दिल्ली में शरारती तत्वों ने अकबर रोड और हुमायूं रोड पर लगे साइनबोर्ड पर कालिख पोती थी। इसके साथ ही उन साइन बोर्ड पर छत्रपति शिवाजी के पोस्टर चिपकाए गए थे। इस दौरान शरारती तत्वों ने जमकर नारेबाजी भी की थी। गुरुवार को फिर एक बार इस घटना से पुलिस में हड़कंप मचा है।
नागपुर में औरंगजेब की कब्र हो लेकर हो चुका है दंगा
दिल्ली में अकबर रोड के साइन बोर्ड पर कालिख पोतने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे पहले ऐसे ही एक मामले में नागपुर हिंसा झेल चुका है। दरअसल, महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर भीड़ एकत्रित हुई थी। इस दौरान मामूली झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया। इसमें कई लोगों की मौत और सैकड़ों की तादात में लोगों के घायल होने की बात कही गई। नागपुर के पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंगल ने कहा कि नागपुर पुलिस ने शहर में हिंसा के सिलसिले में सात नाबालिगों सहित 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि शहर में शांति बनी हुई है और घटना की आगे की जांच चल रही है।
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