अमेरिका के एक राजनीतिक नेता ने हाल ही में एक गुप्त राष्ट्रीय सुरक्षा धमकी का उल्लेख किया, जिसने वाशिंगटन में चिंता का माहौल पैदा कर दिया। बाद में पता चला कि यह धमकी रूस के एक अंतरिक्ष-आधारित एंटी – उपग्रह हथियार से संबंधित है, जिसे वह विकसित कर रहा है। अमेरिका ने इसे एक चिंताजनक और अवैध कदम बताया, जबकि रूस ने इसे एक बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण आरोप कहा है।
इस वीडियो में हम इसी विवादित हथियार के बारे में जानेंगे, जो अंतरिक्ष में नाभिकीय शक्ति से संचालित हो सकता है और अन्य देशों के उपग्रहों को नष्ट कर सकता है। हम ये भी जानेंगे कि इसका अमेरिका और उसके सहयोगियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, जो अपने देश की रक्षा, संचार और जासूसी के लिए अंतरिक्ष पर निर्भर हैं।
साथ ही हम जानेगे कि,
रूस ने इस हथियार को कब और कैसे विकसित किया?
इस हथियार की क्षमता और सीमाएं क्या हैं?
इस हथियार का उपयोग करने से अंतरिक्ष में क्या परिणाम हो सकते हैं?
अमेरिका और उसके साथी इस खतरे का सामना करने के लिए क्या कर रहे हैं या कर सकते हैं?
इस हथियार के पीछे रूस की राजनीतिक और सैन्य रणनीति क्या है?
इन सभी सवालों के जवाब आपको इस वीडियो में मिलेंगे, जो आपको अंतरिक्ष में चल रहे इस नए शीत युद्ध के बारे में जागरूक बनाएगा। तो बने रहिये हमारे साथ। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़
आइए शुरू करते हैं इस हथियार के विकास की कहानी, जिसका सीधा सम्बन्ध रूस से है।
अमेरिका के अनुसार, रूस ने एक उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे वह कोस्मोस 2499 के नाम से जानता था। जिसे 23 मई, 2014 को लॉन्च किया गया था। जो 1,510.6 किलोमीटर और 1,158.8 किलोमीटर की दूरी पर 82.4 डिग्री के कोण पर पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है। इस उपग्रह का उद्देश्य रूस ने कभी सार्वजनिक रूप से नहीं बताया, लेकिन अमेरिका ने इसे एक “इंस्पेक्टर सैटेलाइट” कहा, जो अन्य उपग्रहों के करीब जा सकता है और उनकी गतिविधियों की निगरानी कर सकता है।
इसके बाद 2017 में, रूस ने एक और उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा, जिसे वह कोस्मोस 2521 के नाम से जानता था। इस उपग्रह का उद्देश्य भी रूस ने छिपाया रखा, लेकिन अमेरिका ने इसे नेस्टिंग डॉल कहा, क्योंकि इसमें एक छोटा उपग्रह था, जिसे कोस्मोस 2523 के नाम से जाना जाता है। इस छोटे उपग्रह को बड़े उपग्रह से अलग किया जा सकता है और फिर उसमें वापस जोड़ा जा सकता है।
अमेरिका ने इन दोनों उपग्रहों को एक अंतरिक्ष-आधारित एंटी-उपग्रह हथियार के रूप में वर्णित किया, जो अपने लक्ष्य को तबाह करने के लिए उनके साथ टकरा सकता है। अमेरिका ने इसे अंतरिक्ष का आतंकवाद कहा, जो अंतरिक्ष की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालता है।
हालाँकि, रूस ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि ये उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जो शांतिपूर्ण और वैज्ञानिक हैं। रूस ने ये भी कहा कि अमेरिका खुद भी अंतरिक्ष में एंटी – उपग्रह हथियारों का विकास कर रहा है, जैसे कि एक्स-37बी, जो अमेरिकी सेना का एक रहस्यमयी अंतरिक्ष यान है। यह एक पुन: प्रयोज्य रोबोटिक अंतरिक्ष यान है, जो अंतरिक्ष में कई माह तक रह सकता है और अपने लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस प्रकार, अमेरिका और रूस के बीच एक नया शीत युद्ध अंतरिक्ष में शुरू हो गया है, जिसमें दोनों देश अपने अंतरिक्ष क्षमता को बढ़ाने और दूसरे को कमजोर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसका परिणाम यह हो सकता है कि अंतरिक्ष में अधिक खतरनाक और अस्थिर हालात पैदा हों, जो अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक अनुसंधान और मानवता के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
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हमारी अगली वीडियो में आपको हम इस हथियार की क्षमता और सीमाएं के साथ साथ इसकी तकनीकी विशेषताओं के बारे में जानेंगे, जो अंतरिक्ष में नाभिकीय शक्ति से संचालित हो सकता है और अन्य देशों के उपग्रहों को नष्ट कर सकता है। हम ये भी जानेंगे कि इसका अमेरिका और उसके सहयोगियों का इसपर क्या कहना है। अगर आप ये सब जानना चाहते हैं तो हमारी अगली वीडियो को जरूर देखें। तब तक के लिए, नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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