AIRR News: The Future of Trinamool Congress MP Mahua Moitra in ‘Cash-for-Query’ Case
नमस्कार
‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में तृणमूल कांग्रेस की MP Mahua Moitra का क्या होगा जब उनके खिलाफ रिपोर्ट को संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पेश किया जाएगा।”
कॅश फॉर क्वैरी मामले में रोज रोज नए नए मोड़ आ रहे है इसके पक्ष और विपक्ष में बोलने वालो की कमी नहीं है। अभी ताज़ा मोड़ तब आया जब कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने इस मामले में मोइत्रा के पक्ष में चिट्ठी लिखी थी , अब अधीरे रंजन के जवाब में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस रिपोर्ट को संसद में पेश करने से पहले सार्वजनिक कर दिया है।
आपको बता दे कि इस रिपोर्ट में नैतिकता समिति ने महुआ मोइत्रा को ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में उनकी सांसदी बर्खास्त करने की सिफारिश की है। इस मामले में दुबे ने मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के कहने से लोकसभा में सवाल पूछने के बदले में उनसे उपहार और पैसे लिए हैं। दुबे ने कहा था कि उन्हें एक उच्च न्यायालय के वकील जय आनंत देहदराई का पत्र मिला था, जिसमें मोइत्रा और हीरानंदानी के बीच रिश्वत के ‘अखंड सबूत’ थे।
मोइत्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है और उन्होंने कहा है कि ये आरोप झूठे, निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। आपको बता दे कि इस मामले में मोइत्रा ने दुबे और देहदराई को कानूनी नोटिस भी भेजा है।
महुआ के पक्ष में साथ खड़े विपक्षी दलों के कई नेताओं ने भी इस रिपोर्ट का विरोध किया है। बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि ये रिपोर्ट नियमों के खिलाफ है और महुआ मोइत्रा का बयान अधूरा है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर संसद में कम से कम एक चर्चा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने स्पीकर को भी पत्र लिखा है कि किसी सदस्य के खिलाफ सुओ-मोटू सिफारिश कैसे हो सकती है। कोई भी नियमों और विनियमों का पालन करने को तैयार नहीं है।
आपको बता दे कि कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा है कि “उनकी पार्टी महुआ मोइत्रा के निष्कासन का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा निष्कासन नहीं होना चाहिए। “
इसके अलावा, विपक्षी दलों के अन्य नेताओं ने भी इस रिपोर्ट को निष्प्रभावी और अन्यायपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को लेकर लोकसभा में एक चर्चा होनी चाहिए और महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट को लीक करने का मामला भी गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए।
इस रिपोर्ट को लेकर भाजपा ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि ये एक निष्पक्ष और नियमानुसार बनी रिपोर्ट है और इसमें कोई राजनीतिक रंग नहीं है। भाजपा के नेता और एथिक्स कमेटी के सदस्य राजेश वर्मा ने कहा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वो बिल्कुल सत्य हैं और उनके पास इसके सबूत भी हैं। उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा ने संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और उन्हें इसके लिए सजा मिलनी चाहिए।
आने वाले समय में जब इस रिपोर्ट को लोकसभा में पेश किया जायेगा तो इसकी वजह से लोकसभा में विपक्ष का हंगामा देखने को मिल सकता है। विपक्षी दलों के नेता ने पहले ही इसका विरोध करने का ऐलान किया है। वहीं, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सांसद इस रिपोर्ट का समर्थन करने की तैयारी में हैं। इस तरह, इस मामले में संसद में तेज बहस और टकराव की संभावना है।
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