उपाध्याय को 22 जनवरी की सुबह सवा नौ बजे एक व्यक्ति ने ट्राई डिपार्टमेंट से राजेश कुमार चौधरी का परिचय देकर फोन किया। फोन पर कहा कि तुम्हारे नाम से रजिस्टर मोबाइल नंबर की चाइल्ड पोर्नोग्राफी व अन्य अवैध मामलों में लिप्तता की शिकायत मिली है। नासिक पुलिस को कार्रवाई करनी है। नासिक पुलिस कंट्रोलरूम से कनेक्ट कराता हूं। ऐसा कहकर किसी से बात कराई, जिसमें सामने वाले ने कहा कि तुम्हारे विरुद्ध एफआईआर हुई है। इंस्पेक्टर संजय तुम्हारे से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूछताछ करें।
कमरे में खुद को कैद करने को कहा
ठग ने वॉट्सएप पर उपाध्याय को आईडी कार्ड भेजा और फिर वॉट्सएप से वीडियो कॉल किया। उसमें वर्दी में बैठे एक कथित पुलिस अफसर ने पहले पूरे घर का निरीक्षण किया और फिर उपाध्याय से कहा कि तुम एक कमरे में खुद को बंद कर लो। बातों में आए उपाध्याय ने खुद को एक कमरे में बंद भी कर लिया। कथित अफसर ने उपाध्याय से परिजनों की, कामकाज और बैंक बैलेंस की जानकारी ली फिर आधारकार्ड और बैंक पासबुक की फोटो मंगवाई। इसके बाद कहा कि तुम्हारे विरुद्ध गंभीर मामला दर्ज हुआ है।
प्रायोरिटी इन्वेस्टिगेशन कराने पर नहीं आना होगा नासिक
कथित पुलिस अफसर ने उपाध्याय से कहा कि प्रायोरिटी इन्वेस्टिगेशन कराने पर तुम्हें नासिक नहीं आना होगा। इससे पूर्व उसने वॉट्सएप पर एक लिंक भेजा, जिसे ओपन करने पर उपाध्याय को नासिक में दर्ज एफआईआर और सुप्रीमकोर्ट की नोटिस मिली। उनसे यह भी कहा कि नरेश गोयल के मामले में भी तुम्हारा नाम सामने आया है। ऐसे में तुम्हें गिरफ्तार करना होगा। बातों में आए उपाध्याय ने इस पर प्रायोरिटी इन्वेस्टिगेशन की तैयारी दर्शाई। आरोपी ने उपाध्याय से कहा कि तुम्हारे बैंक के बैलेंस को वैरिफाइ करना पड़ेगा। तुम्हें पैसा हमारे बताए बैंक खाते में ट्रांसफर करने होंगे। तीन दिन के वैरिफिकेशन बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा।
चालू वीडियो कॉल में बैंक जाकर ट्रांसफर की राशि
एफआईआर के तहत उपाध्याय ने साइबर ठग की बातों में आकर वीडियो कॉल को चालू रखते हुए बैंक में जाकर ठग के बताए बैंक अकाउंट में 15 लाख 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। ठग ने उन्हें वॉट्सएप पर ईडी की रसीद भी भेजी। उसके बाद उपाध्याय नौकरी पर चले गए।
पत्नी से बात करने पर चला ठगी का पता
नौकरी से रात को घर लौटने पर उपाध्याय ने पत्नी से इस बारे में बातचीत की। उस समय पत्नी ने कहा कि तुम्हारे साथ ठगी हो गई है तब उन्हें भी ठगे जाने का अहसास हुआ। उन्होंने 1930 पर फोन कर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद साइबर क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई।