Abu Asim Azmi and Nawab Malik :अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक के बीच का सियासी संघर्ष महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत संबंधों की कहानी है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे दोस्ती भी सियासत के चक्रव्यूह में उलझ सकती है। आजमी और मलिक दोनों के बीच का मुकाबला मुस्लिम वोटों पर असर डालने वाला है। जहां आजमी अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखना चाहते हैं, वहीं मलिक अपनी बेटी के जरिए नए सियासी विकल्प पेश कर रहे हैं।
इस संघर्ष में वोटों का बिखराव महत्वपूर्ण होगा। अगर वोट विभाजित होते हैं, तो दोनों नेताओं की जीत मुश्किल हो सकती है। इस प्रकार, यह चुनाव न केवल उनके राजनीतिक भविष्य के लिए, बल्कि महाराष्ट्र की मुस्लिम सियासत की दिशा के लिए भी निर्णायक साबित हो सकता है। यह स्थिति दर्शाती है कि सियासत में दोस्ती और दुश्मनी का चक्र हमेशा चलता रहता है।
महाराष्ट्र की राजनीति में अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक की दोस्ती एक समय बहुत मजबूत थी। दोनों ही नेता उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से आए हैं और मुंबई की मुस्लिम बहुल सीटों पर अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं। पहले ये दोनों सपा के सदस्य थे और विधायक भी बने। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उनके रास्ते अलग होते गए। अब ये दोनों एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। Airr News
सियासी राहें अलग
Abu Asim Azmi and Nawab Malik :अबू आसिम आजमी मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। वहीं, नवाब मलिक अणुशक्तिनगर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। आजमी ने सपा में अपनी पकड़ मजबूत की है, जबकि मलिक एनसीपी में चले गए हैं और शरद पवार के करीबी बन गए हैं। यह बदलाव उनके बीच की दोस्ती को खत्म करने का कारण बना। Airr News
चुनावी दांव-पेंच
इस बार चुनावों में अबू आसिम ने मलिक की सियासी ताकत को चुनौती देने का निर्णय लिया। उन्होंने नवाब मलिक की प्रभाव वाली अणुशक्तिनगर सीट पर अपने करीबी फहाद अहमद को उम्मीदवार बनाने की कोशिश की। फहाद, जो टाटा इंस्टीट्यूट से पढ़े हैं, अबू आसिम के साथ मिलकर राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। Airr News
सना मलिक की एंट्री
इस बार नवाब मलिक ने अपनी बेटी सना मलिक को अणुशक्तिनगर सीट से एनसीपी का प्रत्याशी बनाया है। वहीं, फहाद अहमद के चुनाव लड़ने से इस सीट पर एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। दोनों नेता अपनी-अपनी पार्टी की ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। Airr News
मानखुर्द की टक्कर
अबू आसिम आजमी मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से लगातार विधायक बनते आए हैं। लेकिन इस बार नवाब मलिक ने भी इस सीट पर खुद को उतारकर सियासी चुनौती पेश की है। यह सीट मुस्लिम बहुल है और उत्तर भारतीय मुस्लिमों का दबदबा है। इस स्थिति में आजमी को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। Airr News
मुस्लिम वोटों का प्रभाव
मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर मुस्लिम वोट महत्वपूर्ण हैं। अबू आसिम और नवाब मलिक दोनों पूर्वांचल से हैं, इसलिए उनका वोट बैंक भी एक जैसा है। अगर वोट बिखरते हैं, तो आजमी की जीत की संभावना कम हो सकती है। इस बार चुनावी मुकाबला रोचक होने वाला है। Airr News
बयानबाजी का दौर
चुनावों के दौरान दोनों नेताओं के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। अबू आसिम ने कहा कि नवाब मलिक बीजेपी की मदद से आगे बढ़ रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी मुस्लिम वोटों को बांटने के लिए मलिक का सहारा ले रही है। दूसरी ओर, मलिक का कहना है कि उन्होंने पहले से मानखुर्द सीट से लड़ने की तैयारी की थी। Airr News
सियासी दबदबा
अबू आसिम आजमी अपने सियासी दबदबे को बनाए रखना चाहते हैं। वे लंबे समय से मुस्लिम सियासत में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। नवाब मलिक भी अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए प्रयासरत हैं। यह चुनाव दोनों नेताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। Airr News
भविष्य का सवाल
इस चुनाव में जो भी नेता हार जाएगा, उसके लिए आगे की सियासी राह मुश्किल हो सकती है। अबू आसिम और नवाब मलिक की टक्कर से साफ है कि महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाब आ रहा है। ये दोनों नेता अपने-अपने लिए जीत हासिल करने की पूरी कोशिश करेंगे। Airr News
अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक की यह सियासी लड़ाई न केवल उनकी दोस्ती को खत्म कर रही है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में भी नए रंग भर रही है। दोनों ही नेता अपनी-अपनी ताकत को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह चुनावी मुकाबला न केवल उनके लिए, बल्कि मुस्लिम सियासत के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। Airr News
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