AIRR News: A New Era of Criminal Justice in India – Three New Laws That Will Change Your Life 

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क्या आप जानते हैं कि India में हर घंटे 87 महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज होते हैं? क्या आप जानते हैं कि India में हर साल 1.5 लाख बच्चों का अपहरण होता है? क्या आप जानते हैं कि India में हर साल 3.5 लाख लोग हत्या के शिकार होते हैं? और क्या आप ये भी जानते हैं कि India में हर साल 1.2 लाख आतंकवादी हमले होते हैं?-A New Era of Criminal Justice in India

ये सब आंकड़े आपको चौंका सकते हैं, लेकिन ये सच हैं। India में आपराधिक गतिविधियों का स्तर बहुत ऊंचा है, और इसका समाधान करने के लिए सरकार ने तीन नए कानून बनाए हैं, जो 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगे।-A New Era of Criminal Justice in India

इन तीन कानूनों का नाम है: भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक। ये कानून पुराने कानूनों, जैसे भारतीय दण्ड संहिता-1860, दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 को बदल देंगे।-A New Era of Criminal Justice in India

इन नए कानूनों का उद्देश्य है कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकना, शारीरिक हिंसा को कम करना, और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना। इन कानूनों में कई नए प्रावधान शामिल हैं, जैसे पीड़ितों के बयानों की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग, एफआईआर की समय सीमा, जांच रिपोर्टों का तुरंत प्रस्तुतीकरण, चार्जशीट की अवधि, और अन्य।

इन कानूनों को लागू करने के लिए सरकार ने शनिवार को एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के अनुसार, इन कानूनों को 1 जुलाई, 2024 से पूरे देश में लागू किया जाएगा।

इन कानूनों के बारे में अधिक जानने के लिए, इस वीडियो को अंत तक जरूर देखे क्योंकि इसमें हम आपको बताएंगे कि ये कानून कैसे बने ?, क्या हैं इनके प्रमुख प्रावधान, और ये आपकी जिंदगी पर कैसा प्रभाव डालेंगे ?

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।

Indiaमें आपराधिक न्याय के क्षेत्र में बदलाव की मांग कई वर्षों से चल रही है। भारतीय दण्ड संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ये तीन कानून ब्रिटिश काल में बनाए गए थे, और उनमें कई अप्रासंगिक, अनुचित, और कुरीतिपूर्ण प्रावधान थे। इन कानूनों को समय-समय पर संशोधित किया गया, लेकिन वे आधुनिक जरूरतों, चुनौतियों, और मानवाधिकारों के अनुरूप नहीं थे।

इसलिए, सरकार ने 2019 में एक आयोग का गठन किया, जिसका नाम था भारतीय आपराधिक न्याय सुधार आयोग (ICJRC)। इस आयोग का कार्य था कि वह इन तीन कानूनों को पुनर्लेखन करे, और उनमें ऐसे प्रावधान शामिल करे, जो आपराधिक न्याय को अधिक प्रभावी, निष्पक्ष, और जनहितकारी बनाएं।

इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट 2021 में सरकार को सौंपी, जिसमें तीन नए कानूनों का प्रस्ताव रखा। इन कानूनों को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक के नाम से जाना गया। इन कानूनों को 2022 में संसद में पेश किया गया, और उन पर बहुत से चर्चे, विवाद, और विरोध हुए। अंततः, इन कानूनों को 2023 में संसद द्वारा पारित कर दिया गया, और राष्ट्रपति ने उन पर अपनी सहमति दी।

इस प्रकार, India में आपराधिक न्याय के क्षेत्र में एक नया दौर शुरू हुआ, जिसमें तीन नए कानून लागू होंगे, जो आपकी जिंदगी को बेहतर बनाने का दावा करते हैं।

इन तीन नए कानूनों में कई ऐसे प्रावधान हैं, जो आपराधिक न्याय की प्रक्रिया को अधिक तेज, आसान, और न्यायपूर्ण बनाने का प्रयास करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:

पीड़ितों के बयानों की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग जिसमे कोई भी पीड़ित जब अपना बयान देता है, तो उसे ऑनलाइन रिकॉर्डिंग किया जाएगा, और उसकी एक कॉपी उसे दी जाएगी। इससे पीड़ित को बार-बार अपना बयान दोहराने की जरूरत नहीं होगी, और उसका बयान बदला या मिटाया नहीं जा सकेगा।

एफआईआर की समय सीमा वाले इस प्रावधान के अनुसार, जब भी कोई अपराध की शिकायत करता है, तो उसकी एफआईआर 24 घंटों के भीतर दर्ज होनी चाहिए। अगर कोई पुलिस अधिकारी एफआईआर दर्ज करने से इनकार करता है, तो उस पर कार्रवाई होगी।

जांच रिपोर्टों का तुरंत प्रस्तुतीकरण करने वाले इस प्रावधान के अनुसार, जब भी कोई जांच रिपोर्ट बनती है, तो उसे 24 घंटों के,भीतर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। अगर कोई जांच अधिकारी जांच रिपोर्ट में देरी करता है, तो उस पर जुर्माना या सजा हो सकती है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों की सुनवाई का भी एक प्रावधान जिसके अनुसार, जब भी कोई गवाह अपना बयान देने के लिए न्यायालय में बुलाया जाता है, तो उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना बयान देने का विकल्प मिलेगा। इससे गवाहों को बार-बार न्यायालय जाने की परेशानी नहीं होगी, और उनकी सुरक्षा भी बनी रहेगी।

अपराधों के लिए नए दंड और नयी श्रेणियां, इस प्रावधान के अनुसार, अपराधों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है, जैसे अत्यंत गंभीर, गंभीर, मध्यम, और हल्के। इन श्रेणियों के अनुसार, अपराधियों को दंड दिया जाएगा, जो उनके अपराध के प्रभाव के अनुरूप होगा। इसके अलावा, कुछ नए अपराध भी शामिल किए गए हैं, जैसे साइबर क्राइम, आतंकवाद, नारी शोषण, बाल अपराध, आदि।

इनके अलावा, नए कानूनों में कई और प्रावधान हैं, जो आपराधिक न्याय को अधिक जल्दी, आसानी, और न्याय से निपटने के लिए बनाए गए हैं। ये कानून आपके अधिकारों की रक्षा करने, आपको न्याय दिलाने, और आपको अपराधियों से सुरक्षित रखने का दावा करते हैं।

तो यह थी आज की खास वीडियो आशा है कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा और आपने कुछ नया सीखा होगा। अगर आपको इस वीडियो से संबंधित कोई सवाल या सुझाव हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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