Unlawful Declaration of Muslim League Jammu Kashmir: A Deep Dive into Allegations of Terrorism and Separatism
Muslim लीग जम्मू कश्मीर की गैरकानूनी घोषणा: आतंकवाद और अलगाववाद के आरोपों में गहराई से उतरना
भारत सरकार ने हाल ही में मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर को अवैध संगठन घोषित कर दिया है, क्योंकि इसपर जम्मू और कश्मीर में भारत विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों और आतंकवादी ऑपरेशनों का समर्थन करने का आरोप लगा है । इस प्रतिबंध को अवैध गतिविधियों निवारण अधिनियम के तहत गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लगाया गया है, जिन्होंने कहा है कि मोदी सरकार देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता को किसी भी तरह की धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज।
अपनी एक्स की एक पोस्ट में गृह मंत्री ने कहा, “Muslim लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम फैक्शन) या MLJK-MA को UAPA के तहत एक ‘अवैध संघ’ घोषित किया गया है।” इस संगठन और इसके सदस्यों का जम्मू और कश्मीर में भारत विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होना, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करना और जम्मू और कश्मीर में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए लोगों को उकसाना।”
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट और साफ है कि हमारे देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ कोई भी कार्य करने वाला बख्शा नहीं जाएगा और कानून के पूरे क्रोध का सामना करेगा,” मंत्री ने घोषणा की।
आपको बता दे की MLJK-MA का नेतृत्व मसरत आलम भट द्वारा किया जाता है, जो एक आतंकवादी और अलगाववादी नेता है, जो जम्मू और कश्मीर में भारत के खिलाफ हिंसक और दंगाई आंदोलनों के पीछे का मुख्य कारण रहा था। वह 1990 के दशक में आतंकवाद में शामिल हुआ था और पाकिस्तान के समर्थन वाले एक आतंकवादी संगठन, हिजबुल्लाह का स्थानीय कमांडर था।
ये खबर तब सामने आया जब 27, दिसंबर 2023 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त और आतंकवादी कार्यों का समर्थन करने वाले संगठन Muslim लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम फैक्शन) (MLJK-MA) को अवैध घोषित किया।
मसरत आलम भट वो व्यक्ति है जिसने 1989 में जम्मू-कश्मीर में शुरू हुए हथियारबंद विद्रोह में भाग लिया था। उन्होंने मुश्ताक अहमद भट के साथ मिलकर एक आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह और एक अलगाववादी संगठन Muslim लीग की स्थापना की थी। वे बाद में सईद अली शाह गिलानी के साथ मिलकर हुर्रियत कांफ्रेंस में शामिल हुए और उनके निकट सहयोगी बने।
मसरत आलम भट को 2010 में जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी के आंदोलन के पीछे का मुख्य षड्यंत्रकारी माना जाता है, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया था और जिसके दौरान 120 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। उन्हें भारत सरकार ने इसके लिए इनाम घोषित करके गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें चार साल से अधिक की सजा हुई थी। 2015 में उन्हें रिहा कर दिया गया था, लेकिन उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था, जब उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय झंडे को नीचा दिखाने और पाकिस्तान के झंडे को लहराने के लिए लोगों को उकसाया था। उन्हें अनेक आपराधिक मामलों में फंसाया गया था, जिनमें आतंकवाद, देशद्रोह, दंगा फैलाना, आगजनी, हत्या का प्रयास और अशांति फैलाना शामिल थे। उन्हें अभी भी जेल में हैं और उनके खिलाफ कई मुकदमे चल रहे हैं।
इस रोक पर MLJK-MA का दावा है कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज हैं और वे उनके हक के लिए लड़ रहे हैं। वे भारत को एक अक्रमणकारी और जबरन शासन करने वाला देश मानते हैं, जिसने जम्मू-कश्मीर को अपने कब्जे में लिया है। वे पाकिस्तान को एक दोस्त और सहयोगी मानते हैं, जिसने उनके मुद्दे का समर्थन किया है। वे जम्मू-कश्मीर को एक अलग राष्ट्र बनाने या पाकिस्तान से मिलाने की मांग करते हैं।
भारत सरकार ने MLJK-MA को एक आतंकवादी और विभाजनकारी संगठन माना है, जिसने जम्मू-कश्मीर में शांति, सुरक्षा और विकास को बाधित किया है। भारत सरकार ने कहा है कि MLJK-MA ने आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल्लाह और अल-बदर के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में हमले, हत्याएं, बम धमाके और अपहरण किए हैं। भारत सरकार ने कहा है कि MLJK-MA ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भ्रमित, भड़काया और देश के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसाया है।
माना जा रहा है की भारत सरकार के इस कदम से MLJK-MA को एक बड़ा झटका लगा है, जिससे उनकी गतिविधियों पर रोक लगेगी और उनके संसाधनों पर नियंत्रण होगा। इससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी और उनके सहयोगियों और समर्थकों को डरा और रोका जा सकेगा। इससे जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा और वहां के लोगों को विकास और समृद्धि के अवसर मिलेंगे।
इस समझौते का स्वागत करते हुए, जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह एक बहुत ही जरूरी और सही कदम है, जो जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और अलगाववाद से मुक्त करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार का आभारी हैं, जिसने इस संगठन को अवैध घोषित किया है, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के विपरीत काम कर रहा था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील की कि वे इस तरह के संगठनों से दूर रहें और देश के साथ मिलकर विकास के लिए काम करें।
आशा है आज की ये जानकारी जिसमे , MLJK-MA की स्थापना, मसरत आलम भट का भूमिका, 2010 का पत्थरबाजी आंदोलन और उनकी गिरफ्तारी को शामिल किया है। आपको पसंद आई होगी और आपको इस विषय पर नई और रोचक जानकारी मिली होगी।
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