Delhi Jal Board: Allegations of Corruption and Political Controversy
Delhi Jal Board: भ्रष्टाचार के आरोप और राजनीतिक विवाद
“Delhi Jal Board, दिल्ली सरकार का एक विभाग है, जिसके जरिये दिल्ली के तीन करोड़ से ज्यादा निवासियों को पीने का पानी और सीवेज सेवाओं का संचालन किया जाता है । आज वही विभाग कठघरे में खड़ा होने वाला है “
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के अधीन आने वाला दिल्ली जल बोर्ड , जिस पर बार बार भर्ष्टाचार और अनियमिताओं के आरोप लगते रहे है । विपक्ष के लिए तो जैसे ये सबसे सुलभ मुद्दा है जिसके जरिये दिल्ली प्रदेश भाजपा के नेता धरना प्रदर्शन करते रहते है। अभी हाल ही के कुछ दिनों पहले ही दिल्ली जल बोर्ड के खिलाफ भाजपा नेताओं ने कई बार प्रदर्शन किए हैं।
आपको बता दे कि 30 नवम्बर, 2023 को भाजपा के नेताओ ने दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय के पास जंडेवालान में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधुरी ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि “DJB घोटाला” “शराब घोटाला” से भी बड़ा है , उन्होंने यह भी दावा किया कि DJB ने कई बार निविदाएं जारी कीं और भुगतान भी किए, लेकिन कोई काम नहीं हुआ।
इसके बाद 1 दिसम्बर, 2023 को भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली जल बोर्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए दिल्ली के हर घर तक पहुंचने का संकल्प अभियान कि घोषणा की थी।
आपको बता दे की इन प्रदर्शनों के दौरान, भाजपा नेताओं ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली जल बोर्ड में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं।
इसके जवाब में, AAP ने भाजपा के प्रदर्शन को “राजनीतिक नाटक” बताया। उन्होंने कहा कि “हर दिन वे एक नया घोटाला आरोपित करते हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, हालांकि उनके पास केंद्र में सभी अधिकार हैं।
इस मामले पर मुख्यमंत्री केजरीवाल का जवाब था कि “वे कहते है की दिल्ली जल बोर्ड के कामकाज में धन का दुरुपयोग, भर्ष्टाचार, अवैध कनेक्शन, गंदे पानी की आपूर्ति , घटिया सीवेज व्यवस्था शामिल हैं।”
इन आरोपों के चलते, दिल्ली सरकार ने 6 दिसंबर 2023 को दिल्ली जल बोर्ड के रिकॉर्ड का लेखा परीक्षण महालेखापरीक्षक द्वारा करने का आदेश दिया। दिल्ली सरकार ने कहा कि वे दिल्ली जल बोर्ड के कामकाज की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना चाहते हैं, और जनता को दिल्ली जल बोर्ड के खर्च और आय के बारे में पूरी जानकारी देना चाहते हैं।
लेकिन दिल्ली भाजपा ने इस फैसले को एक नाटक बताया, और कहा कि यह एक बचाव का प्रयास है, जिससे दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार को छुपाया जा सके। भाजपा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के लेखा परीक्षण का आदेश तभी मान्य होगा, जब वह निरीक्षण निदेशालय या केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा किया जाएगा, जो कि केंद्र सरकार के अधीन हैं। भाजपा ने यह भी कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के लेखा परीक्षण के लिए महालेखापरीक्षक को चुना गया है, क्योंकि महालेखापरीक्षक का मुख्य लेखापरीक्षक आम आदमी पार्टी के पूर्व वित्त मंत्री राघव चड्ढा है, जो कि एक संभावित घोटाले में शामिल हो सकता है।
बाकि इस तरह, दिल्ली जल बोर्ड के लेखा परीक्षण का विवाद एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है, जिसमें दिल्ली सरकार और भाजपा के बीच तीखी टकरार है। दिल्ली जल बोर्ड के लेखा परीक्षण के परिणामों का इंतजार करना होगा, जो कि दिल्ली जल बोर्ड के कार्य की गुणवत्ता और प्रभाविता को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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