Upcoming Rajasthan Legislative Assembly Elections 2023: A Battle Among Major and Minor Political Parties

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Upcoming Rajasthan Legislative Assembly Elections 2023: A Battle Among Major and Minor Political Parties

आगामी Rajasthan Assembly Elections 2023: प्रमुख और छोटे राजनीतिक दलों के बीच लड़ाई

राजनीतिक उथल पुथल का दौर अब जल्द ही थमने वाला है , दो सौ विधानसभाओं वाले राजस्थान में पच्चीस नवंबर दो हज़ार तेईस को सभी दो सौ सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा, और इसका परिणाम तीन दिसंबर दो हज़ार तेईस को ही घोषित किया जाएगा। आपको बता दे कि राजस्थान में मुख्य रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही मुकाबला है, लेकिन राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और अन्य छोटी-बड़ी पार्टियां भी इस चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रही है।

अगर हम बात करे पिछले चुनाव की तो दो हज़ार अठारह में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सौ विधानसभाओं पर जीत हासिल की थी।

ऐसा करके वो राज्य में पहले नंबर की पार्टी बन गयी, और दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी आयी जिसे तिहत्तर सीट पर विजय प्राप्त हुई। 

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानी आर एल पी ने तीन सीटों पर उपस्तिथि दर्ज की,  और बाद में कांग्रेस पार्टी की सहयोगी बनी।

इस बार के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कार्यकाल मे किये , अपनी सरकार के कामों का दावा कर रहे है।

आपको बता दे कि गहलोत सरकार ने किसानों की कर्ज माफी, रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी , नए विद्यालय और कॉलेज खुलवाए बेहतर शिक्षा के साधन उपलब्ध करवाए,  स्वास्थ्य क्षेत्र में उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुलवाये और बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को जनता के लिए सुलभ करवाया था।

इन चुनावों में गहलोत इन्ही सब कामो पर वोट मांग रहै है, जयपुर में हुई उनकी विशाल जनसभा ने उन्होंने कहा है कि “उनकी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान राज्य के लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई है।”

साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह राज्य की विकास योजनाओं को रोकने की कोशिश कर रही है, केंद्र द्वारा इन योजनाओं में होने वाले खर्च का पैसा देने में देरी करके ।

भाजपा के नेता राजेंद्र सिंह राठौर जो खुद भी चुनावी मैदान में है ने गहलोत सरकार के बारे में कहा ” कांग्रेस की गहलोत सरकार सिर्फ घोषणाओं की सरकार है, उन्हें सिर्फ यही आता है , पिछले चुनाव में किये वादों को पूरा करने में गहलोत सरकार पूरी तरह से विफल रही है”

आगे उन्होंने कहा है कि “भाजपा की सरकार ने दो हज़ार तेरह से लेकर दो हज़ार अठारह तक के अपने कार्यकाल के दौरान राजस्थान को विकास की दिशा में ले जाने का काम किया था, लेकिन राजस्थान की जनता का दुर्भाग्य की उनके द्वारा चुनी हुई कांग्रेस ने उसे बर्बाद कर दिया है। लेकिन राजस्थान की जनता के पास मौका है , अगर ये मौका उन्होंने नही गवाया तो मोदी जी के नेतृत्व में एक नया राजस्थान उन्हें बनाने का मौका मिलेगा “।

आर एल पी  के नेता हनुमान बेनीवाल ने अपनी पार्टी को राजस्थान की तीसरी बड़ी राजनीतिक पार्टी बताया है, जो क्षेत्र के किसानों, युवाओं और पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा करती आई है और आगे भी करती रहेगी, उन्होंने कांग्रेस और बी जे पी दोनों राजनीतिक दलों को भ्रष्टाचार, जातिवाद और तुष्टिकरण का दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा है कि आर एल पी एक लोकतांत्रिक और जननायक पार्टी है, जो सत्ता में आती है तो राजस्थान को आधुनिक और समृद्ध बनाने का सामर्थ्य रखती है।

दिल्ली से पंजाब और अब राजस्थान में जमीन तलाशती आम आदमी पार्टी के नेता नवीन पालीवाल ने अपनी पार्टी को राजस्थान की जनता के लिए एक विकल्प बताया है, जो दिल्ली की तरह राजस्थान में भी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और रोजगार के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है। उन्होंने कहा है कि आप पार्टी की सरकार ने दिल्ली में जनता की आवाज सुनी है और उनकी जरूरतों को पूरा किया है। उन्होंने भाजपा और काँग्रेस दोनो को राजस्थान में जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है।

राजनीतिक पार्टीयो की ये बयानबाज़ी आखिर राजस्थान की जनता को कितना लुभा पाएगी ये तो आने वाली 3 तारीख़ ही बताएगी।

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