Earthquake: Earthquake in Jajarkot, Nepal! Know why so many earthquakes occur in neighboring countries?

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    Earthquake: Earthquake in Jajarkot, Nepal! Know why so many earthquakes occur in neighboring countries?

    भूकंप: नेपाल के Jajarkot में भूकंप ! जानिए क्यों पड़ोसी देश में आते हैं इतने भूकंप?

    अक्टूबर के बाद फिर से शुक्रवार रात, 3 नवंबर को नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम 145 लोगों की मौत हो गई। इस Jajarkot भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान करनाली प्रांत के Jajarkot और रुकुम पश्चिम में हुआ। इसके अलावा, 140 से अधिक लोग घायल भी हुए। इस भूकंप में जाजरकोट के नलगढ़ नगर पालिका की डिप्टी मेयर सरिता सिंह की मौत हो गई।

    इस दुर्घटना के बाद, प्रांतीय सरकारों ने भूकंप प्रभावित लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की3। नेपाली कांग्रेस और नेशनल इंडिपेंडेंट पार्टी ने अलग से 50 लाख नेपाली रुपये (37 हजार 800  रूपये ) और डॉक्टरों के दो दलों की सहायता की पेशकश की है ताकि घायलों और पीड़ितों की सहायता की जा सके ।

    इसके अलावा नेपाल के उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री नारायण काजी बेस्ट ने मीडिया को बताया कि चीन और भारत ने राहत और बचाव में सहायता की पेशकश की है और जल्द ही दोनों देशो से रहत मिलनी सुरु हो जाएगी।

    इस दुर्घटना के बाद, नेपाल सरकार ने घायलों के बचाव और उपचार पर ध्यान दिया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नारायण प्रसाद भट्टराय ने बताया कि घायलों का बचाव और उपचार पहली प्राथमिकता है इसके लिए प्रभावित इलाके में रहत कार्य जोरो शोरो से सुरु कर दिया गया है , सैकड़ो पीड़ितों को अस्पताल और राहत शिविरों में शरण दे दी गयी है बाकि फसे हुए लोगो की खोज की जा रही है ।

    इस Jajarkot भूकंप के बाद राष्ट्रीय सिस्मोलॉजी केंद्र (NCS) के निदेशक डॉ. ओपी मिश्रा ने कहा कि हिमालय क्षेत्र में घटना की गंभीरता के लिए समय और क्षेत्र में इमारतों की संरचना दो महत्वपूर्ण कारक थे इसके आगे NCS के निदेशक ने यह भी कहा कि यह भूकंप नहीं होता जो लोगों को मारता है, बल्कि क्षेत्र में संरचना का प्रकार होता है.”

    आज सुबह, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहल ‘प्रचंड’ प्रभावित लोगों से मिलने के लिए Jajarkot पहुंचे.” 

    इधर भारत से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वे नेपाल में भूकंप से हुए जीवनों के नुकसान और क्षति से ‘गहरी दुःखी’ हैं. पीएम मोदी ने नेपाल को सहायता की पेशकश की और भारत की संभावना को व्यक्त किया कि वह सभी संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है.”

    नेपाल में आये दिन आते भूकंप की आखिर वजह क्या है ?आखिर क्या है नेपाल की ऐसे हादसों की वजह ?

    नेपाल में इतने भूकंप क्यों आते हैं? इसकी वजह छुपी है हमारी पृथ्वी की भौगोलिक संरचना में।  

    हमारी धरती की सतह को टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है, और ये प्लेट्स धीरे धीरे हिलती रहती हैं और इसी कर्म में ये प्लेट्स एक दूसरे के साथ टकराती हैं, एक दूसरे के नीचे स्लाइड होती हैं, या एक दूसरे से दूर होती जाती हैं। जब ये प्लेट्स एक दूसरे से टकराती हैं या एक दूसरे के नीचे स्लाइड होती हैं, तो इससे भूकंप के झटके उत्पन्न होते हैं।

    बता दे कि नेपाल इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेट के बीच में स्थित है। और ये सबको पता है कि इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रही है, जबकि यूरेशियन प्लेट स्थिर है। जब इन दोनों प्लेटों की टक्कर होती है, तो इससे नेपाल में भूकंप के झटके उत्पन्न होते हैं।

    ये दोनों प्लेटें हर साल लगभग 5 सेमी की दर से एक दूसरे के ऊपर और नीचे धकेले जा रहे हैं। हालांकि यह ज्यादा नहीं लगता है, लेकिन जब यह बल एकत्रित हो जाता है, तो इसका नतीजा भूकंप होता है, जो काफी विनाशकारी होता है और भयानक तबाही ले के आता है।  

    इसके अलावा नेपाल में भूकंप की आशंका इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यहाँ की भूमि पहाड़ी है, जिसके कारण भूकंप के झटके और भी अधिक महसूस होते हैं। इसके अलावा, नेपाल में भारी तबाही का कारण अपनी कमजोर इमारतों के कारण नेपाल तेज भूकंपों का सामना नहीं कर पाता है। इससे मामला और भी जटिल हो जाता है और मौतों की संख्या भी बढ़ जाती है।

    “नेपाल में विगत वर्षों में कई भयानक भूकंप आए हैं, जिन्होंने नेपाल को आर्थिक और भावनात्मक रूप से कमजोर किया है। “

    “बात करे 25 अप्रैल 2015 में  नेपाल में एक भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 7.8 थी. इसके कारण लगभग 8,964 लोगों की मृत्यु हुई थी और करीब 22,000 अन्य घायल हुए थे. इससे 8,00,000 से अधिक घरों और स्कूल भवनों को भी नुकसान पहुंचा था.”

    “इसके अलावा इसी साल 3 अक्टूबर 2023 को नेपाल में एक भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 6.3 थी. लेकिन गनीमत थी कि इस भूकंप में जयदा जानमाल का नुक्सान नहीं हुआ बस इस भूकंप में करीब 10 लोग घायल हुए थे.”

    “इन भूकंपों के बावजूद, नेपाल की जनता हमेशा अपनी संघर्षशीलता और साहस दिखाती है. वे अपने घरों को पुनर्निर्माण करते हैं और अपने जीवन को वापस पटरी पर लाते हैं.”

    अब हम बात करेंगे भूकंप से बचाव के उपायों के बारे में। भूकंप आने पर, आपको किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठ जाना चाहिए। आपको अपने हाथों से अपने सिर और चेहरे को अच्छी तरह से ढक लेना चाहिए। घर से बाहर निकलने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अगर आप घर में हैं, तो आपको अंदर ही बने रहना चाहिए। लेकिन अगर आपका घर काफी पुराण और जर्जर हालत में है तो वह पे रुकना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। 

    आपको याद रखना चाहिए कि भूकंप के दौरान सुरक्षा हमेशा सबसे पहली प्राथमिकता होती है। अगर आप बाहर हैं, तो आपको खुले मैदान में जाना चाहिए, जहां कोई इमारत या वृक्ष नहीं हो।

    भूकंप के बाद, आपको अपने आप को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी उपकरणों और सामग्री की आपूर्ति करने की योजना बनानी चाहिए। यह खाद्य सामग्री, पानी, दवाइयाँ, बैटरी चार्ज किए गए फोन, और अन्य आपातकालीन सामग्री शामिल कर सकता है।

    आपको याद रखना चाहिए कि भूकंप के बाद के  72 घंटे सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इस समय में, आपको अपने आप को सुरक्षित रखने और मदद पहुंचाने के लिए सबसे अधिक संभावनाएं होती हैं।

    अंत में, हम यह कहना चाहेंगे कि भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जिसे हम रोक नहीं सकते, लेकिन हम इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं अगर हम सही जानकारी और तैयारी के साथ हों। 

    नेपाल में आये इस भूकंप में हम सबकी संवेदनाये उन सभी पीड़ित परिवारों के साथ है , और हम प्रार्थना करते है कि उन्हें इस मुश्किल हालत से बाहर आने में समर्थ बनाये। 

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