America’s ‘Chandrayaan’ नहीं हो पाया तैयार, समय से नहीं होगा लॉन्च
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा एक बार फिर इंसानों को चांद पर भेजने का प्लान बना रही है…इसके लिए नासा ने आर्टेमिस प्रोग्राम शुरू किया है…लेकिन ये अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मिशन के तहत इंसानों को भेजने में देरी हो सकती है जिसका सबसे बड़ा कारण लैंडिंग सिस्टम का ना बन पाना है…नासा की ओर से एक बड़ा बयान दिया गया है जो इस मिशन पर नजर गड़ाए लोगों के सपनों पर पानी फेर देगा…नासा ने कहा है कि वे अपने आर्टेमिस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को लॉन्च करने और उन्हें चंद्रमा पर उतारने में सक्षम नहीं है क्योंकि स्पेस एक्स अभी लैंडिंग सिस्टम नहीं तैयार कर पाया है…
नासा ने 50 साल पहले इंसान को पहली बार चांद पर भेजा था…एक बार फिर नासा का यही लक्ष्य था…
नासा की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया है कि स्पेस एक्स की ओर से तैयार किए जा रहे लैंडिंग सिस्टम पर विशेष ध्यान देने के साथ कई महत्वपूर्ण घटकों को तैयार करने की जरूरत है…उन्होंने कहा कि अगर यह निर्धारित समय पर पूरा नहीं होता है तो इस बात की संभावना है कि इसकी जगह एक वैकल्पिक मिशन शुरू किया जा सकता है…यानि साफ है कि एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के काम में देरी की वजह से अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का प्रोजेक्ट अधर में जा सकता है जो उसके लिए एक बड़ा झटका है…
अपने आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत नासा कई मिशन लॉन्च करने की रणनीति बना रहा है…जो जटिलता में बढ़ोतरी करते हैं…इसके तहत नासा का दो प्रमुख लक्ष्य था…पहला ये कि America’s ‘Chandrayaan‘ पर फिर से इंसानों को भेजा जाए और दूसरा ये कि तकनीकी प्रयोग के लिए एक स्थायी बेस बनाया जाए जो मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने का रास्ता साफ करेगा…आर्टेमिस-1 प्रोग्राम के तहत पिछले साल यानि 2022 में पहला मिशन लॉन्च किया गया था..जिसके तहत बिना इंसानों वाला एक स्पेसक्राफ्ट भेजा गया था…
आपको बता दें कि इस पूरे कार्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण आर्टेमिस 3 मिशन रहेगा जिसके तहत दिसंबर 2025 में इंसानों को चांद पर भेजने की योजना थी…इस मिशन में 1972 के बाद एक बार फिर मनुष्यों के साथ चांद की सतह पर नासा वापसी करना चाहता है…इस बार सबसे बड़ा लक्ष्य दक्षिणी ध्रुव पर जाना है ताकि वहां बर्फ को निकाल कर रॉकेट ईंधन में बदला जा सके…स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क के नेतृत्व में कंपनी ने मिशन के लैंडिंग सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था…हालांकि स्टारशिप रॉकेट का ये प्रोग्राम अभी दूर-दूर तक सफल होता नहीं दिखाई दे रहा है क्योंकि इसी साल अप्रैल में लॉन्च के दौरान इसमें अजीब तरीके से विस्फोट हुआ था…
2 जून 1966 से 11 दिसंबर 1972 के बीच अमेरिका ने 11 बार America’s ‘Chandrayaan’ पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई है…इसमें सर्वेयर स्पेसक्राफ्ट के पांच मिशन थे और छह मिशन अपोलो स्पेसक्राफ्ट के थे…इसी के तहत नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चांद पर पहला कदम रखा था…जिनके बाद 24 अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स चांद पर गए…अमेरिका का पहला लैंडर चंद्रमा पर 20 मई 1966 में उतरा था…रूस के लैंडर के उतरने के तीन महीने बाद…यानि ये कि चंद्रमा पर नासा ने कई मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं लेकिन आर्टेमिस-3 को लेकर अभी भी संशय बरकरार है क्योंकि स्पेस एक्स अभी लैंडिंग सिस्टम नहीं तैयार कर पाया है…
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