छेड़छाड़ करने वालों को अब Rajasthan में सरकारी नौकरी नहीं
Rajasthan के लिए साल 2023 चुनावी साल है ऐसे में सत्ता में वापसी के लिए गहलोत सरकार साम, दाम, दंड, भेद जैसी तमाम कोशिशें कर अपनी छवि को सुधारने में लगी है…लोकलुभावन योजनाओं से जनता को अपने पाले में करने साथ-साथ मुख्यमंत्री गहलोत अपनी सरकार की छवि सुधारने के लिए तमाम ऐलान कर रहे हैं…मुख्यमंत्री गहलोत ने आदेश दिया है कि महिलाओं और बच्चियों से छेड़छाड़ करने या उनसे बदतमीजी करने वालों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी…मुख्यमंत्री अगर इस फ़ैसले पर अडिग रहते हैं तो देशभर के लिए यह एक मिसाल साबित हो सकता है ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या ये Rajasthan में संभव हो पाएगा…इसे अमल में कैसे लाया जाएगा…
कहा जा रहा है कि महिला सुरक्षा मामले में गहलोत का यह निर्णय सटीक साबित होगा…अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसे युवाओं को सरकार नौकरी पाने से रोकेगी कैसे? सरकार का कहना है कि इसके लिए अब छेड़छाड़ करने वालों की FIR पुलिस लिखेगी…ये FIR परीक्षा मण्डलों को भी भेजी जाएगी…परीक्षार्थियों से कैरेक्टर सर्टिफिकेट मांगा जाएगा, अगर कोई युवा छेड़छाड़ में लिप्त रहा होगा तो इस सर्टिफिकेट में इसका हवाला रहेगा…जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और वो नौकरी के लिए किसी भी परिक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा…
योजना बहुत अच्छी है लेकिन इसे अमल में लाना बहुत मुश्किल लग रहा है..आख़िर इतना बड़ा और विस्तृत डेटा कैसे इकट्ठा हो पाएगा…फिर जो छेड़छाड़ की FIR ही नहीं लिखवाई जाएगी तो उसका तो पुलिस और सरकार भी क्या कर लेगी? इसके अलावा ये भी है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग यानि आरपीएससी और राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के पास कैरेक्टर सर्टिफिकेट मांगने की कोई व्यवस्था या नियम नहीं है…भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता रखने वाला कैंडिडेट परीक्षा दे सकता है…कैरेक्टर वेरिफ़िकेशन का काम जिस विभाग में नौकरी लगती है वही करता है…
वैसे भी आरपीएससी और चयन बोर्ड के पास कर्मचारियों की इतनी बड़ी फ़ौज नहीं है कि वह सभी परीक्षार्थियों का कैरेक्टर वेरिफ़िकेशन कर सके…आख़िरकार यह काम पुलिस को ही करना पड़ेगा…पुलिस के हाथ में यह काम गया तो घपले-घोटाले भी होंगे…पुलिस ही नहीं जिस भी विभाग के पास ये काम जाएगा वहां पर भ्रष्टाचार की पूरी गुंजाइश भी रहेगी…ऐसे में गहलोत सरकार का ये ऐलान पानी में जाता दिख रहा है…
लेकिन कुल मिलाकर यह फ़ैसला है बड़े काम का…सरकारी नौकरी नहीं पाने के डर से कुछ दह तक तो इस तरह के अपराध में कमी आएगी…लोगों को ये तो लगेगा कि छेड़छाड़ करने से उनका बड़ा नुक़सान हो सकता है और यह सब काम ठीक नहीं है…महिला सुरक्षा के मामले में यह निर्णय निश्चित तौर पर मील का पत्थर साबित हो सकता है…बस इसे अमल में लाने के लिए सरकार को एक काम और करना पड़ेगा…सरकार और सरकारी विभागों को ये स्क्रुटनी बड़ी ही सावधानी से करनी होगी जिसमें भ्रष्टाचार की कोई बू ना आए…
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