Next Generation Digital Connectivity Empowerment License

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अगली पीढ़ी के Digital Connectivity सशक्तिकरण लाइसेंस

Digital connectivity infrastructure and provider authorization में सुधार में  regulatory, technological, financial and collaborative strategies का मिश्रण शामिल है . प्रत्येक देश का दृष्टिकोण उसकी विशिष्ट आवश्यकताओं , चुनौतियों और संसाधनों के अनुरूप  होता है , जिसका अंतिम लक्ष्य एक robust and inclusive digital ecosystem बनाना है .

Telecom Regulatory Authority of India- TRAI ने हाल ही में Unified License- UL के तहत Digital Connectivity Infrastructure Provider Authorization की शुरुआत पर recommendations जारी कीं।

TRAI की प्रमुख सिफारिशें:

§  DCIP AUTHORIZATION का निर्माण: TRAI, लाइसेंस की एक नई श्रेणी  Digital Connectivity Infrastructure Provider- DCIP Authorization के निर्माण की सिफारिश करता है।

o यह AUTHORIZATION सक्रिय और निष्क्रिय दोनों DIGITAL CONNECTIVITY बुनियादी ढाँचे के निर्माण की अनुमति देता है।

§  DCIP AUTHORIZATION का Scope: proposed DCIP AUTHORIZATION का प्रयोजन व्यापक है, जिसमें  Wireline Access Network, Radio Access Network- RAN,  Wi-Fi Systems, Transmission Links इत्यादि जैसे विभिन्न घटकों के स्वामित्व, स्थापना, रखरखाव और संचालन को शामिल किया गया है।

o हालाँकि इसमें मुख्य नेटवर्क Elements और  Spectrum शामिल नहीं हैं।

§  Self-Regulation and Compliance: security conditions, Quality of Service- QoS तथा अन्य license obligations का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये TRAI, DCIP एवं लाइसेंस प्राप्त संस्थाओं के बीच एक प्रिंसिपल-एजेंट संबंध का प्रस्ताव करता है।

§  Sharing of Infrastructure: DCIP licensees को कुछ शर्तों के अधीन UL (Unified License) licensees  और internet service providers के साथ अपने बुनियादी ढाँचे को साझा करने की अनुमति है।

Significance of Digital Connectivity Infrastructure: 

o Digital transformation के इस आधुनिक युग में डिजिटल कनेक्टिविटी आर्थिक विकास के बुनियादी ढाँचे, सामाजिक प्रगति और तकनीकी नवाचार की आधारशिला के रूप में उभरी है, जिसे NDCP, 2018 में दर्शाया गया है।

o TRAI की हालिया सिफारिशों का उद्देश्य water, electricity, and fire  safety systems जैसी अन्य आवश्यक सेवाओं के अनुरूप भवन विकास योजनाओं में DCI को integrate करने के लिये एक रूपरेखा स्थापित करना है।

§  significance: 

o Facilitating Communication and Information Flow: डिजिटल कनेक्टिविटी ब्रॉडबैंड नेटवर्क और मोबाइल सेवाओं जैसे बुनियादी ढाँचे, भौगोलिक सीमाओं के पार त्वरित संचार को सक्षम बनाती है।

o Driving Economic Growth: DIGITAL CONNECTIVITYव्यवसायों को वैश्विक बाज़ार तक पहुँच प्रदान करके आर्थिक विकास के लिये उत्प्रेरक का कार्य करती है।

o Empowering Digital Services: telemedicine, e-governance, and online education जैसी डिजिटल सेवाओं के लिये  high-speed internet and reliable connectivity की उपलब्धता आवश्यक है।

o Supporting Industry Transformation: manufacturing, agriculture, and healthcare सेवा जैसे उद्योग digital transformation के दौर से गुज़र रहे हैं, जो automation, IoT एवं डेटा एनालिटिक्स को लागू करने के लिये कनेक्टिविटी पर निर्भर हैं।

·         Smart factories, precision agriculture, and telemedicine इस बात के कुछ उदाहरण हैं कि कैसे कनेक्टिविटी traditional sectors में क्रांति ला रही है।

o Bridging the Digital and Social Divide: DIGITAL CONNECTIVITY infrastructure previously underserved or remote areas को सूचना, शिक्षा तथा आर्थिक अवसरों तक पहुँच प्रदान करके डिजिटल विभाजन के अंतराल को समाप्त करने में सहायता प्रदान करती है।

o Minimum Government Maxmium Governance: यह  Digital India, Make in India, Ayushman Bharat Digital Mission (ABDM) तथा smart cities के विकास जैसी विभिन्न सरकारी पहलों के streamlined implementation को सक्षम बनाता है।

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