दुनियाभर में नॉनवेजिटेरियन्स की संख्या हर रोज बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में दुकानों पर अंडा, चिकन-मटन खाने वालों की लाइन देखी जा सकती है। आज हम आपको भारत के एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के पुलिस थाने की रखवाली देशी मुर्गे करते हैं, बावजूद इसके इन्हें मारने की हिम्मत किसी में नहीं है। जिसने भी इन मुर्गों को मारने की कोशिश की, वो खुद ही मौत का शिकार बन गया।
जी हां, दोस्तों उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बलिया जिला में एक ऐसा थाना मौजूद है जिसकी पहरेदारी देशी मुर्गें करते हैं। यह सौ फीसदी सच है कि पुलिस थाने के बाहर -भीतर घूम रहे किसी मुर्गे को कोई हाथ लगा दे। दरअसल पुलिस थाने के अंदर एक मजार है, जहां लोग प्रसाद के नाम पर देशी मुर्गे चढ़ाकर छोड़ देते हैं। यह रिकॉर्ड है कि आज तक इन्हें किसी ने मारा नहीं। इस पुलिस थाने में थानेदार हो या फिर कोई और, राज सिर्फ बाबा का ही चलता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस खबर के मुताबिक यह स्टोरी बलिया जिले सिकन्दरपुर थाने की है। सिकन्दरपुर पुलिस थाने में घूमने वाले देशी मुर्गें शहीद बाबा के नाम पर छोड़े जाते हैं, इसलिए इन्हें कोई भी मारने की हिमाकत नहीं करता है। रिपोर्ट के मुताबिक जब भी कोई नया थानेदार यहां आता है, वह शहीद बाबा के नाम एक देशी मुर्गा जरूर छोड़ता है।
इसके पीछे बहुत ही दिलचस्प स्टोरी छुपी हुई है। बताया जाता है कि जब सिकन्दरपुर थाने का निर्माण किया जा रहा था, तब बढ़िया ईंट, सीमेन्ट, सरिया आदि होने के बावजूद भी थाने की दीवार नहीं टिक पा रही थी। आखिरकार एक मुस्लिम शख्स थाना परिसर में मौजूद मजार के बारे में जानकारी दी। ऐसे में जब मजार का निर्माण किया गया तब जाकर पुलिस थाने का निर्माण कार्य पूरा हुआ। तभी इस पुलिस थाने में देशी मुर्गे चढ़ाने की परम्परा चली आ रही है।
गौरतलब है कि बलिया जिला स्थित सिकन्दरपुर पुलिस थाने में जब भी कोई बड़ा अधिकारी भ्रमण पर आता है, इससे पूर्व ही ये देशी मुर्गे मौजूदा थाने के अफसरों और सिपाहियों को अलर्ट कर देते हैं। इस पुलिस थाने के पहरेदार को पहले ही अनुभव हो जाता है कि यहां कोई बड़ा अधिकारी निरीक्षण पर आ रहा है।
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