चीन की चर्चा सर्वप्रथम महाभारत ग्रंथ के आदि पर्व में हुई है. चीन का राजा महाभारत काल में धर्मराज युद्धिष्ठिर के यज्ञ में उनकी आधीनता स्वीकार करने के लिए आया था.
पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल के दौरान चीन भी भारत का अंग था. महाभारत के आदि पर्व , सभा पर्व , वन पर्व , उद्योग पर्व , भीष्म पर्व और शांति पर्व में चीन का जिक्र आता है.
कुछ जनश्रुतियों के मुताबिक महाभारत काल के समय चीन का नाम पहले हरिवर्ष था. कहा जाता है हरिवर्ष का उल्लेख और ‘विष्णु पुराण’ में मिलता है.
ग्रंथों के मुताबिक मनु के पुत्र प्रियव्रत समस्त भू-लोक के स्वामी थे. महाराज प्रियव्रत ने अपने सात पुत्रों को सप्त द्वीपों का स्वामी बनाया था.
हरिवर्ष राजा प्रियव्रत (मनु के पुत्र) के पौत्र थे. हरिवर्ष के पिता राजा आग्नीध ने अपने सभी पुत्रों को उनके नाम से भूखंड दिया था. आज के चीन का भाग, जो प्राचीन भूगोल के अनुसार जंबूद्वीप का एक भाग था वो हरिवर्ष को मिला.
महाभारत के शांति पर्व के राजधार्मनुशासन पर्व के अनुसार इक्ष्वांकु वंश के राजा मांधाता ने भी चीन पर शासन किया था.
Published at : 19 Dec 2024 05:45 PM (IST)
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