युद्ध होने पर भारत के सैटेलाइट सिस्टम को ध्वस्त कर सकता है चीन, जानिए कैसे?

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न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में चीनी हैकर्स ने महज पांच दिनों के भीतर भारत के बैंकिंग सेक्टर्स, पॉवर ग्रिड और आईटी कंपनियों पर तकरीबन 40300 बार साइबर अटैक करने का प्रयास किया था। इतना ही नहीं मार्च 2021 में चीन के सरकारी साइबर एक्सपर्ट के द्वारा भारत की दो बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वेबसाइट को हैक करके जानकारी एकत्र करने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं इसी वर्ष चीनी हैकर्स ने भारत के दो बड़े बंदरगाहों और रेलवे सिस्टम को हैक भी करने की कोशिश की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने साइबर्स को भारत के बिजली, रेल, रोड, हाईवे जैसी सुविधाओं को हैक करने की खुली छूट दे रखी है। 

गौरतलब है कि साइबर वार फेयर के मामले भारत की स्थिति बेहद नाजुक है। बतौर उदाहरण इसी साल चीन अपने पड़ोसी देश भारत पर 50 हजार से ज्यादा बार साइबर अटैक कर चुका है। ऐसे में साइबर वॉर होने पर भारत बि​ल्कुल कमजोर पड़ जाएगा। जबकि चीन इस सैक्टर में पिछले 2 सालों से जबरदस्त तरीके से काम कर रहा है।

दोस्तों, आपको याद दिला दूं कि 12 अक्टूबर 2020 की सुबह मुम्बई में अचानक बिजली गुम हो गई। अस्पतालों से लेकर स्टॉक मार्केट तक बंद हो गए। दरअसल यह किसी तकनीकी खराबी की वजह से नहीं बल्कि चीनी हैकर्स की फौज ने मुंबई स्थित पावर ग्रिड को हैक कर लिया ​था। बाद में पता चला कि चीन की ‘रेडइको’ कंपनी ने भारतीय पावर ग्रिड को हैक कर लिया था।

बता दें कि चीन अब इससे भी दो कदम आगे निकलकर दुश्मन देशों को युद्ध के दौरान उनके सैटेलाइट तकनीक को सीज अथवा ध्वस्त करने पर तेजी से काम कर रहा है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के लीक हुए गोपनीय दस्‍तावेजों के मुताबिक चीन का इरादा महाशक्तिशाली साइबर हथियार की मदद से युद्ध के लिए जरूरी कम्‍यूनिकेशन सिस्‍टम को ही ठप करके उसे अपने नियंत्रण में लेना है। परिणामस्वरूप दुश्‍मन देश के सैटलाइट युद्ध के दौरान न तो सिग्‍नल भेज पाएंगे और न ही जासूसी कर पाएंगे।

जी हां, इस सम्बन्ध में लीक इंटेलिजेंस डॉक्यूमेंट के अनुसार अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि चीन को मिलिट्री स्पेस टेक्नोलॉजी विकसित करने में काफी हद तक सफलता भी मिल चुकी है। इस स्पेस तकनीक में सैटेलाइट सिस्टम भी शामिल है।

चीन का लक्ष्य 2045 तक अंतरिक्ष में एक बड़ी महाशक्ति बनना है। इसलिए चीन एंटी-सैटेलाइट मिसाइल विकसित कर रहा है जिसके द्वारा वह ​दुश्मन देश के किसी भी सैटेलाइट को स्पेश में ही ध्वस्त कर सकता है। बता दें चीन की सेना अब तक कुल 347 सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है जिसमें 35 सैटेलाइट तो उसने महज 6 महीने में लॉन्च किए हैं। चीन की मिलिट्री का एक मात्र लक्ष्य इन सैटेलाइट के जरिए अमेरिका और भारत की सेनाओं की गहनता से निगरानी करना है।

चीनी हैकर्स के निशाने पर हैं दुश्मन देश के हेल्थ और डिफेन्स सेक्टर

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हेल्थकेयर, डिफेंस इंडस्ट्रियल बेस, फाइनेंशियल सर्विस, एनर्जी, गवर्नमेंट फैसिलिटी और क्रिटिकल मैन्युफैक्चरिंग आदि ऐसे सेक्टर हैं जिन्हें किसी भी देश की लाइफ लाइन कहें तो कुछ भी गलत नहीं होगा। ऐसे में चीन के साइबर्स दुश्मन देशों के इन्हीं उपरोक्त् सेक्टर्स को निशाना बना रहे हैं। 

चीन यदि ऐसा करने में सफल हो जाता है तब वह ना केवल हेल्थकेयर, फार्मास्युटिकल और रिसर्च सेक्टर्स के महत्वपूर्ण डेटा हासिल कर लेगा बल्कि मिलिट्री के गोपनीय और अतिसंवेदशील सूचनाओं के आधार पर युद्ध के दौरान दुश्मन देश को घुटने टेकने पर मजबूर कर देगा।

चीन द्वारा भारत पर साइबर अटैक की रिपोर्ट

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में चीनी हैकर्स ने महज पांच दिनों के भीतर भारत के बैंकिंग सेक्टर्स, पॉवर ग्रिड और आईटी कंपनियों पर तकरीबन 40300 बार साइबर अटैक करने का प्रयास किया था। इतना ही नहीं मार्च 2021 में चीन के सरकारी साइबर एक्सपर्ट के द्वारा भारत की दो बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वेबसाइट को हैक करके जानकारी एकत्र करने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं इसी वर्ष चीनी हैकर्स ने भारत के दो बड़े बंदरगाहों और रेलवे सिस्टम को हैक भी करने की कोशिश की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने साइबर्स को भारत के बिजली, रेल, रोड, हाईवे जैसी सुविधाओं को हैक करने की खुली छूट दे रखी है। 

गौरतलब है कि साइबर वार फेयर के मामले भारत की स्थिति बेहद नाजुक है। बतौर उदाहरण इसी साल चीन अपने पड़ोसी देश भारत पर 50 हजार से ज्यादा बार साइबर अटैक कर चुका है। ऐसे में साइबर वॉर होने पर भारत बि​ल्कुल कमजोर पड़ जाएगा। जबकि चीन इस सैक्टर में पिछले 2 सालों से जबरदस्त तरीके से काम कर रहा है।

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