Delhi Parking Charges: राजधानी दिल्ली सर्दियों में हर बार गैस चेंबर में तब्दील हो जाती है, पॉल्यूशन का लेवल इतना बढ़ जाता है कि लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है. इस बार भी यही हाल देखने को मिल रहा है, दिल्ली और एनसीआर के तमाम इलाकों में एयर क्वालिटी काफी ज्यादा खराब है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तमाम तरह की पाबंदियां लगाई गईं, जिसके बाद अब दिल्ली में लोगों को एक और बड़ा झटका लग सकता है. दिल्ली एमसीडी की तरफ से एक प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें पार्किंग चार्ज को दोगुना करने की बात कही गई है. यानी दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी पार्क करना महंगा पड़ सकता है.
पॉल्यूशन कम करने की कवायद
एमसीडी ने बताया है कि लगातार खराब होती एयर क्वालिटी को देखते हुए ये प्रस्ताव तैयार किया गया है, इससे प्राइवेट वाहनों की आवाजाही में कमी होगी और कुछ हद तक पॉल्यूशन पर असर पड़ेगा. ग्रैप-2 के तहत दिल्ली में ऐसी ही तमाम तरह की पाबंदियां और नियम लागू किए जा रहे हैं. फिलहाल दिल्ली में पार्किंग चार्ज 20 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है, अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी जाती है तो ये दोगुना हो जाएगा. यानी जहां एक घंटे के लिए आपको 20 रुपये देने होते थे, वहां 40 रुपये तक देने पड़ सकते हैं.
दिल्ली में लागू ग्रैप-3
बता दें कि प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की उप-समिति ने ये फैसला लिया. ग्रैप के तीसरे चरण को लागू करने के बाद बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाती है. इसके अलावा, बिल्डर प्रोजेक्ट, सड़क निर्माण और अन्य निर्माण परियोजनाओं पर भी पूरी तरीके से रोक लगा दी जाती है. ग्रैप 3 के नियम लागू होते ही सिर्फ अति आवश्यक जगह जिनमें, एयरपोर्ट, अस्पताल, एलिवेटेड रोड और एसटीपी प्लांट परियोजनाओं को छोड़कर सभी जगह पर निर्माण कार्य बंद कर दिया जाता है.
कब लागू होता है ग्रैप?
AQI 401 से 450 के बीच होने पर तीसरा चरण लागू किया जाता है. इसमें हर दिन सड़कों की सफाई की जाती है, नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाता है. बता दें कि ग्रैप में कुल चार चरण आते हैं. पहला चरण तब लागू होता है, जब एक्यूआई 201 से 300 के बीच रहता है. इसके बाद दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 के बीच रहने पर लागू होता है, जबकि तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 रहने पर लागू किया जाता है. वहीं, चौथे चरण में एक्यूआई के 450 से अधिक होने पर इसे अमल में लाया जाता है.
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