टोयोटा कंपनी अब नहीं बनाएगी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, जानिए असली वजह

HomeVEHICLE टोयोटा कंपनी अब नहीं बनाएगी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, जानिए असली वजह

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

अब यह बताने की जरूरत नहीं है कि इन दिनों पूरे विश्व में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की धूम मची हुई है। ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि टोयोटा कंपनी भी अन्य कंपनियों की तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इंडस्ट्री का नेतृत्व करती नजर आएगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। दरअसल टोयोटा के सीईओ कई बार यह घोषणा कर चुके हैं कि​ कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स नहीं बनाएगी। 

टोयोटा कंपनी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की जगह कई अन्य विकल्प की पेशकश की है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि ग्लोबल मार्केट में टोयोटा कंपनी अपनी ​स्थिति को कैसे बरकरार रखेगी। टोयोटा के इस निर्णय के पीछे वास्तविक कारण क्या है? इस स्टोरी में हम आपको विस्तार से बताएंगे। 

C:\Users\LENOVO\Desktop\toyota1.JPG

वर्षों पहले इलेक्ट्रिक कार के भविष्य को लेकर जब जर्मन ऑटोमोटिव उद्योग के उच्च पदस्थ अधिकारियों से पूछा गया तो उनमें से अधिकांश ने कहा कि बैटरी इलेक्ट्रिक कार मजबूत साबित नहीं होगी। इनमें लगभग 75 फीसदी अधिकारियों ने कहा कि वे हाइड्रोजन संचालित ईंधन सेल के भविष्य में विश्वास करते हैं।

आपको बता दें कि साल 2010 में टेस्ला कंपनी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाया। आज की तारीख में ऐसी कई कंपनियां हैं जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बना रही है। यह बात विचार करने योग्य है कि एक टेस्ला बैटरी 10,000 स्मार्टफोन बैटरी के बराबर होती है।

C:\Users\LENOVO\Desktop\toyota2.JPG

साल 2017 में, टेस्ला ने 100,000 कारें बनाईं, यह एक बिलियन स्मार्टफोन बैटरी के बराबर है। जबकि साल 2017 में स्मार्टफोन का विश्वव्यापी उत्पादन लगभग 1.45 बिलियन यूनिट था। ऐसे में एक छोटी सी कार कंपनी टेस्ला बैटरी की हिस्सेदारी दुनियाभर में मौजूद स्मार्टफोन उद्योग में उपयोग की जाने वाली सभी बैटरी के लगभग 75 फीसदी के बराबर है।

अब हम बात करते हैं टोयोटा कंपनी की जो अमेरिका, चीन, जापान, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ग्लोबल सेल्स मार्केट में टॉप-5 में बनी हुई है। जापान के लोगों ने बड़े पैमाने पर महसूस किया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खराब मौसम में प्रतिकूल साबित हो रही हैं। बदले में व्हीकल्स निर्माताओं ने इलेक्ट्रिक की जगह हाइड्रोजन से संचालित होने वाले इंजन के बारे में सोचना शुरू कर दिया। 

C:\Users\LENOVO\Desktop\toyota3.JPG

इस संबंध में टोयोटा कंपनी के पूर्व सीईओ टोयोडा अकियों ने अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का मानना कि गैस संचालित वाहनों और आंतरिक दहन इंजनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खराब मौसम के उपयुक्त हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। साल 2023 में बतौर सीईओ अकीओ टोयोडा के अपने पद से हटने के बाद लेक्सस कोजी को टोयोटा का नया सीईओ बनाया। इसके बाद लोगों में एक उम्मीद जगी कि शायद टोयोटा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में कुछ काम करेगी। इसके बाद लेक्सज कोजी ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर टोयोटा के पास अभी कोई प्लान नहीं है, ऐसा बयान देकर टोयोटा के नए सीईओ ने सबको चौंका दिया। 

टोयोटा ऐसे ही दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी नहीं है, वह आगामी 5,10 या फिर 15 साल के लिए  ​नहीं बल्कि 50 या  100 सालों के लिए सोचती है। टोयोटा कंपनी द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स नहीं बनाने का सबसे ब्रीलिएंट कारण यह है कि टोयोटा आटो उद्योग को बखूबी समझती है कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो इलेक्ट्रिव व्हीकल्स के मुकाबले गैस संचालित इंजन को ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की पॉवर, माइलेज, स्पीड और चार्जिंग कैपासिटी को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में टोयोटा कंपनी ने हाइड्रोजन संचालित इंजन वाली व्हीकल्स बनाने का विचार किया है। टोयोटा का कहना है कि दुनिया के कई देशों में चार्जिंग प्वाइंट और सर्विस सेन्टर का आभाव है, ऐसे में इलेक्ट्रिव व्हीकल्स बनाना घाटे का सौदा साबित होगा। ऐसे में टोयोटा कंपनी अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने को लेकर कोई विचार नहीं कर रही है।  

#Toyota Company # Charging Point #Service Center # Power #Mileage #Speed #Charging Capacity # Electric vehicles # Tesla #Smartphone battery # CEO Akio Toyoda # Global sales market #USA #China #Japan #Canada #Australia

RATE NOW
wpChatIcon