दोस्तों, यह बात जानकर आपको हैरानी होगी कि जापान में तकरीबन 86000 लोग ऐसे हैंए जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा ऐसे में अब हर कोई यह सोचने पर मजबूर हो जाता होगा कि आखिर शतायु लोगों की जीवनशैली कैसी होगी? जापानी लोगों के शतायु होने के 4 जीनियस फैक्टर है, जिनका अनुसरण कर आप भी 100 साल तक जीवित रह सकते हैं। जापान के लोग अपने भोजन में अनाज, हरी सब्जी और मछली को ज्यादा तवज्जों देते हैं। मांस,अंडे और डेयरी प्रोडक्ट पर इनका फोकस बेहद ही कम होता है। जापानी बहुत ज्यादा तनाव में जीना पसंद नहीं करते हैं। उनका सामाजिक जीवन एक दूसरे की मदद करने वाला होता है। जापानी ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं यानी पैदल ज्यादा चलते हैं। जापान के लोग घंटों बैठकर काम करने के मुकाबले खड़े होकर काम करना पसंद करते हैं। जापान में 1960 से ही एक अनिवार्य हेल्थकेयर सिस्टम लागू किया गया हैए जो जीडीपी का 8 फीसदी है। ऐसे में यहां के लोग जमकर स्वास्थ्य लाभ लेते हैं।
दोस्तों, यह बात जानकर आपको हैरानी होगी कि जापान में तकरीबन 86000 लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। हैरानी की बात यह है कि इस बड़े आंकड़े में 88 फीसदी का योगदान महिलाओं का है। ये सभी आंकड़े जापान के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं। एनएचके वर्ल्ड की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में 100 वर्ष तक जीने वाले व्यक्तियों की संख्या में लगातार 51वें वर्ष तक वृद्धि हुई दर्ज है। इतना ही नहीं शतायु लोगों के मामले में जापान पूरी दुनिया में पहले स्थान पर काबिज है।
भारत के वेदों में कहा गया है जीवेत शरदः शतम! इसका तात्पर्य है हम 100 वर्ष तक जीवित रहें। अब भारत में भी शतायु लोगों के आंकड़ों में सुधार देखने को मिल रहा है। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक भारत में 2.5 लाख से अधिक मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है ( स्रोतः 9 नवम्बर 2022 को इंडिया टुडे में प्रकाशित एक खबर) ।
भारत की युवा पीढ़ी आजकल जिस प्रकार से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होती जा रही है, इनके बीच 100 साल तक जीने वाले लोग एक कल्पना की तरह लग रहे हैं। ऐसे में अब हर कोई यह सोचने पर मजबूर हो जाता होगा कि आखिर शतायु लोगों की जीवनशैली कैसी होगी? दूसरे शब्दों में कहें तो आखिर इनकी लंबी उम्र का राज क्या है?
चूंकि शतायु लोगों के मामले में जापान के लोग ही पूरी दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर है, ऐसे में सबसे पहले हम इनकी जीवनशैली पर ही अध्ययन करेंगे ताकि इनके 100 साल से भी ज्यादा जीने का राज पता चल सके। जापानी लोगों के शतायु होने के 4 जीनियस फैक्टर है, जिनका अनुसरण कर आप भी 100 साल तक जीवित रह सकते हैं।
- खानपान
जापान के लोग अपने भोजन में अनाज, हरी सब्जी और मछली को ज्यादा तवज्जों देते हैं। मांस, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट पर इनका फोकस बेहद ही कम होता है। इनका खाना पकाने का तरीका भी बिल्कुल अलग होता है जैसे ग्रिलिंग, भूनना, हल्का फ्राइ करना और धीरे-धीरे पकाना। जापान के लोग कॉफी बहुत कम पीते हैं, जबकि चाय में हरी पत्तियां डालते हैं और बिना दूध के पीते हैं।
इसके विपरीत भारत के रसोईघरों में मसालेदार और तैलीय सब्जियों की भरमार देखने को मिलती है। सैंडविच, पिज्जा, बर्गर और कोल्ड ड्रिन्क एक तरह से रोजमर्रा की जीवनशैली बन चुका है।
2- जीवनशैली-
जापानी बहुत ज्यादा तनाव में जीना पसंद नहीं करते हैं। उनका सामाजिक जीवन एक दूसरे की मदद करने वाला होता है। जापान के लोग बहुत केयरिंग होते हैं, वे अपने बुर्जुगों को कभी अकेला नहीं छोड़ते हैं। उनकी खास देखभाल की जाती है। भारत में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है।
3- फिजीकल एक्टिविटी
भारत में लोग प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक आफिस में बैठे-बैठे नौकरी करते हैं। आफिस से निकलने के बाद भी घर जाने के लिए कार अथवा बाइक का इस्तेमाल करते हैं। जबकि जापान में ऐसा नहीं है। जापानी ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं यानी पैदल ज्यादा चलते हैं। जापान के लोग घंटों बैठकर काम करने के मुकाबले खड़े होकर काम करना पसंद करते हैं। इसके अलावा जापान के लोग बागवानी जैसी एक्टिविटी पर भी जोर देते हैं।
4- स्वास्थ्य प्रणाली
जापान में 1960 से ही एक अनिवार्य हेल्थकेयर सिस्टम लागू किया गया है, जो जीडीपी का 8 फीसदी है। ऐसे में यहां के लोग जमकर स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। जापान का हर शख्स साल में कम से कम दर्जन से भी ज्यादा बार चैकअप कराने डॉक्टर के पास जाता है। यानि तनाव नहीं लेना है, सीधे डॉक्टर को दिखाओ। जाहिर सी बात है, जब कोई भी इंसान तनाव नहीं लेगा, वो ज्यादा जीएगा। जब कि भारत के लोग डॉक्टर के पास तब तक नहीं जाते हैं, जबतक मामला गंभीर नहीं हो जाता।