इन महिलाओं को मां बनने में होती है परेशानी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहीं ये गलती?

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<p style="text-align: justify;">खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण इसका सीधा असर हमारे हेल्थ पर पड़ता है. आजकल ज्यादातर महिलाएं इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं जूझ रही हैं. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण खराब खानपान के कारण हार्मोनल इनबैलेंस, थॉयराइड और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी बीमारी से जूझ रही हैं. पीरियड्स में दिक्कत यह सब ऐसी समस्याएं जिसका सीधा कनेक्शन खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण होता है. कम उम्र की महिलाएं भी इनफर्टिलिटी की शिकार होती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">COS यानी पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम…एक ऐसी बीमारी. जो भले ही रोजमर्रा की लाइफस्टाइस से जुड़ी हैं. लेकिन इसकी चपेट में आज दुनियाभर की करीब 116 मिलियन महिलाएं हैं. WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, PCOS एक ऐसी सामान्य स्थिति है, जो महिलाओं में एक उम्र के बाद दिखने लगती है. यह एक हार्मोनल स्थिति है, जो महिलाओं के अंडाशय को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इन बीमारियों के कारण महिला नहीं कर पाती हैं कंसीव</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ओव्यूलेशन संबंधी समस्याएं</p>
<p style="text-align: justify;">अंडाशय नियमित रूप से अंडे नहीं छोड़ रहे हैं, या बिल्कुल भी नहीं छोड़ रहे हैं.यह कई स्थितियों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:</p>
<p style="text-align: justify;">पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)</p>
<p style="text-align: justify;">हार्मोनल असंतुलन</p>
<p style="text-align: justify;">तनाव</p>
<p style="text-align: justify;">शरीर का कम वजन</p>
<p style="text-align: justify;">मोटापा</p>
<p style="text-align: justify;">थायरॉइड की समस्या</p>
<p style="text-align: justify;">समय से पहले डिम्बग्रंथि विफलता</p>
<p style="text-align: justify;">इसकी वजह से महिलाओं में पीरियड से जुड़ी समस्या होने लगती है, एक्ट्रा एण्ड्रोजन और पॉलीसिस्टिक अंडाशय हो जाता है, जिसमें अंडाशय बड़े हो जाते हैं. इसमें कई द्रव से भरे थैली होती है, जिन्हें सिस्ट कहते हैं. आइए जानते हैं &nbsp;महिलाओं में PCOS की समस्या होने पर उनके फेस पर किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>महिलाओं के फेस पर दिखते हैं PCOS के लक्षण</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पीसीओएस के वैसे तो कई लक्षण (PCOS symptoms) होते हैं. इनमें से कुछ सबसे पहले चेहरे पर दिखने लगते हैं. महिलाओं में एण्ड्रोजन या पुरुष हार्मोन के हाई लेवल होने पर चेहते पर इसके संकेत मिल जाते हैं. एण्ड्रोजन पीसीओएस से संबंधित मुंहासे को जन्म देता है. ये अत्यधिक मात्रा में सीबम का उत्पादन करने के लिए त्वचा की ग्रंथियों को चलाने का काम करते हैं. ये तैलीय पदार्थ होते हैं. इसका मतलब अगर किसी महिला के चेहरे के ठुड्डी और ऊपरी गर्दन के आस-पास मुंहासे हो रहे हैं तो ये पीसीओएस के लक्षण हो सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>PCOS का इलाज कैसे कर सकते हैं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अगर कोई महिला PCOS की समस्या से परेशान हैं तो सबसे पहले उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए. अगर वजन बढ़ रहा है तो उस पर कंट्रोल करना भी सबसे ज्यादा जरूरी होता है. अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज और पौष्टिक-संतुलित आहार शामिल कर इस समस्या से निजात पा सकती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसी महिलाओं जो पीसीओएस से जूझ रही हैं, उन्हें फल और सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खानी चाहिए. इन सबसे अलावा पीसीओएस का इलाज (PCOS Treatment) के लिए डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>PCOD की वजह से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">1. पीसीओडी से ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट यानी गांठ बन जाती है, जिसकी वजह से गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है. जिससे पीसीओडी बांझपन का कारण बन जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;">2. इस बीमारी के कारण महिलाओं में इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है. जिसकी वजह से उनकी सेल्स इंसुलिन सही तरह से इस्तेमाल नहीं हो पाती है. जिससे शरीर में इंसुलिन डिमांड बढ़ जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;">3. &nbsp;जब शरीर में इंसुलिन की मांग ज्यादा होती है तब पैनक्रियाज ज्यादा इंसुलिन बनाता है. एक्स्ट्रा इंसुलिन बनने से मोटापे की समस्या होने लगती है.</p>
<p style="text-align: justify;">4. जब मोटापा बढ़ता है तो स्लीप एप्निया का रिस्क रहता है. इस कारण रात में सांस लेने में बार-बार रुकावट आती है, जिससे नींद में बाधा आ सकती है.</p>
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<p style="text-align: justify;">5. स्लीप एपनिया उन महिलाओं में ज्यादा होता है, जिनमें वजन ज्यादा होता है, खासकर उन्हें अगर पीसीओएस भी है. जिनमें मोटापा और पीसीओडी दोनों हैं, उनमें स्लीप एपनिया का रिस्क उन महिलाओं के मुकाबले 5 से 10 गुना ज्यादा है. जिन्हें पीसीओडी नहीं है.</p>
<p style="text-align: justify;">6. पीसीओडी से हार्मोनल इंबैलेंस और अनचाहे बालों के बढ़ने जैसे लक्षण मानसिक सेहत पर बुरा असर डालते हैं. इससे महिलाएं एंग्जाइटी और डिप्रेशन की चपेट में आ जाती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.&nbsp;</strong></p>
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