कांग्रेस की चुनौती: गुजरात के वाव उपचुनाव में अपनी जमीन बचाने की लड़ाई

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Congress’s challenge : वाव उपचुनाव (Vav By-Election) कांग्रेस के लिए एक निर्णायक मोड़ है। गुजरात में BJP के लगातार जीत के बाद, कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई है, और इस सीट को जीतना उसकी राजनीतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। जेनीबेन ठाकोर की लोकप्रियता और लोकल मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके, कांग्रेस को उम्मीद है कि वह ठाकोर वोटों को पुनः प्राप्त कर सकेगी।

हालांकि, BJP अपने विकास के एजेंडे और मजबूत संगठन के बल पर पूरी तरह से आश्वस्त है। लोकल मुद्दों और पार्टी की रणनीतियों पर निर्भर करते हुए, यह चुनाव केवल एक सीट की लड़ाई नहीं, बल्कि कांग्रेस की भविष्य की दिशा और शक्ति का भी परीक्षण होगा। यदि कांग्रेस इस चुनाव को जीतती है, तो यह उसकी वापसी का संकेत हो सकता है, लेकिन हारने पर उसकी चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। Airr News

Congress’s challenge : गुजरात में 13 नवंबर को वाव उपचुनाव (Vav By-Election) के लिए मतदान होने वाला है, और इस बार कांग्रेस पार्टी के सामने यह परीक्षा की घड़ी है। दिसंबर 2022 के विधानसभा चुनावों में उसकी हार के बाद, जहां उसने केवल 17 सीटें जीतीं, कांग्रेस अब अपने आखिरी गढ़ को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है। BJP ने राज्य की राजनीति पर अपनी मजबूत पकड़ बनाई है, और इस बार कांग्रेस के लिए दांव बहुत ऊंचा है। Airr News

विधानसभा में कांग्रेस की कमजोर होती ताकत

Congress’s challenge: हाल ही में BJP ने विधानसभा में 156 सीटें जीतकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिसके परिणामस्वरूप उसकी विधानसभा में संख्या घटकर केवल 12 विधायक रह गई। ऐसे में वाव सीट को जीतना कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी हो गया है।

2022 के चुनावों में, कांग्रेस के तत्कालीन विधायक गुलाबसिंह राजपूत ने BJP के शंकर चौधरी से हार का सामना किया। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता जेनीबेन ठाकोर ने वाव में अपनी सीट बरकरार रखी, जिसमें उन्होंने BJP के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया। जेनीबेन की जीत ने उन्हें गुजरात से कांग्रेस की एकमात्र सांसद बना दिया, लेकिन अब वाव सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है। Airr News

वाव सीट की अहमियत

वाव उपचुनाव (Vav By-Election) केवल एक सीट की लड़ाई नहीं है; यह गुजरात में कांग्रेस के भविष्य के लिए एक बड़ा संघर्ष है। कांग्रेस ने इस चुनाव में गुलाबसिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है, जबकि BJP ने स्वरुपजी ठाकोर को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों उम्मीदवार पिछले चुनावों में हार चुके हैं, और इस विधानसभा क्षेत्र में ठाकोर और चौधरी समुदायों का बाहुल्य है।

जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में ठाकोर और गैर-ठाकोर मतदाताओं के बीच विभाजन हो सकता है। लेकिन कांग्रेस के नेता जेनीबेन की लोकप्रियता का लाभ उठाने का भरोसा रखते हैं, जो ठाकोर वोटों को फिर से अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। Airr News

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कांग्रेस की चुनावी रणनीति

Congress’s challenge : कांग्रेस अपने चुनावी अभियान में जोश भरने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। पार्टी के नेताओं ने विश्वास जताया है कि लोकल जनता उनके साथ है, भले ही उन्हें BJP के मुकाबले वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़े। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि पार्टी त्योहारों के मौसम का उपयोग कर लोगों से जुड़ने और अपना संदेश फैलाने की योजना बना रही है। Airr News

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हाल ही में एक रैली में, राजपूत ने अपने नामांकन पत्र भरा, जिसमें उन्हें जेनीबेन और अन्य प्रमुख पार्टी नेताओं का समर्थन मिला। उन्होंने BJP को “घमंडी” और “जनता विरोधी” बताते हुए उनकी आलोचना की और लोकल मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया। Airr News

कांग्रेस का लोकल मुद्दों पर जोर

कांग्रेस का अभियान लोकल मुद्दों पर केंद्रित होगा जो मतदाताओं के दिलों को छूते हैं। वे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के मुआवजे और लोकल बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरतों पर ध्यान देंगे। कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि बानासकांठा क्षेत्र में बहुत कुछ जेनीबेन के नेतृत्व में प्रदर्शन और जन आंदोलनों के माध्यम से प्राप्त हुआ है। Airr News

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कांग्रेस के नेता BJP के अंदरुनी संघर्षों को अपने पक्ष में एक लाभ मानते हैं। उनका कहना है कि BJP के पास इस सीट के लिए कई उम्मीदवार थे, जबकि कांग्रेस के पास केवल चार। यह एक मजबूत संकेत है कि सत्ता में रहते हुए भी BJP को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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BJP का आत्मविश्वास

BJP अपने उम्मीदवार की लोकप्रियता और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। BJP के वाव उपचुनाव (Vav By-Election) के प्रभारी अरजुन्सिंह चौहान ने विश्वास जताया कि क्षेत्र की सभी समुदायों के लोग विकास के लिए BJP का समर्थन करेंगे। उनका कहना है कि विकास के एजेंडे के साथ, BJP की जीत निश्चित है। Airr News

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वाव सीट पर पिछले पांच चुनावों में कांग्रेस ने तीन बार जीत हासिल की है, जबकि BJP ने दो बार। इस सीट पर हमेशा कड़ा मुकाबला रहा है, जो लोकल राजनीति और समुदायों की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। Airr News

कांग्रेस के लिए एक बड़ा अवसर

कांग्रेस के लिए, वाव उपचुनाव (Vav By-Election) केवल एक सीट बचाने की लड़ाई नहीं है; यह उसके गुजरात में भविष्य का परीक्षण भी है। पार्टी की चुनौतियों को देखते हुए, अगर वे इस सीट को हारते हैं, तो यह उनकी विश्वसनीयता को और कमजोर कर सकता है।

आप पार्टी (AAP) ने इस उपचुनाव में कोई उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है, जिससे यह मुकाबला सीधे कांग्रेस और BJP के बीच हो गया है। इससे कांग्रेस को विपक्षी वोटों को एकत्रित करने और मजबूत स्थिति में आने का एक मौका मिला है। Airr News

नतीजे की प्रतीक्षा

जैसे-जैसे 13 नवंबर नजदीक आ रहा है, वाव में राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। कांग्रेस लोकल मुद्दों को उजागर करने और मतदाताओं के साथ फिर से जुड़ने की कोशिश कर रही है। इस उपचुनाव का नतीजा न केवल कांग्रेस की रणनीति को आकार देगा, बल्कि आने वाले वर्षों में उनकी राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित करेगा। Airr News

वाव उपचुनाव (Vav By-Election) गुजरात में राजनीतिक भावना का एक महत्वपूर्ण संकेतक बन सकता है। कांग्रेस के लिए, एक जीत उसे फिर से सक्रिय कर सकती है, जबकि एक हार उसके लिए और भी बड़ी चुनौतियाँ पेश कर सकती है। अब सभी की नज़रें वाव पर हैं, जब राजनीतिक लड़ाई अपने चरम पर पहुंचने वाली है। Airr News

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