UP by-elections
UP by-elections कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तैयारियों में जुटी है। जबकि, उत्तर प्रदेश में सपा कांग्रेस केवल कुछ सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने की इच्छुक है, जबकि कांग्रेस सभी 10 सीटों पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी। पार्टी ने राज्य के नेताओं, चार AICC सचिवों और पांच नए सांसदों को शामिल किया है। कांग्रेस का लक्ष्य 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करना है और वे चार सीटों से कम पर संतोष नहीं करना चाहती। कांग्रेस का कैंपेन बीजेपी द्वारा आरक्षण और संविधान को खतरे में डालने के मुद्दे पर केंद्रित है। इसके अलावा, दलित नेता पीएल पुनिया को मिल्कीपुर सीट का प्रभारी बनाया गया है। सपा के नेता कांग्रेस की गतिविधियों को दबाव की रणनीति मानते हैं, लेकिन उन्हें विश्वास है कि गठबंधन बना रहेगा।
कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तैयारी कर रही है। यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। कांग्रेस ने इन चुनावों के लिए कई नए कदम उठाए हैं।
समाजवादी पार्टी का सहयोग
समाजवादी पार्टी (SP) कांग्रेस के साथ इन उपचुनावों में केवल कुछ सीटें साझा करना चाहती है। SP ने 2022 में 10 में से 5 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस ने कोई भी सीट नहीं जीती। इससे कांग्रेस का सभी 10 सीटों पर सक्रिय होना सबको चौंका रहा है।
कांग्रेस नेताओं के सक्रियता की वजह
कांग्रेस ने इस बार तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ी। पार्टी ने राज्य के नेताओं के साथ-साथ चार एआईसीसी सचिवों और पांच नए सांसदों को भी शामिल किया है। इसका मकसद लोकल इश्यूज और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए काम करना है।
कांग्रेस ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक
कांग्रेस ने इन 10 सीटों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। ये पर्यवेक्षक स्थानीय स्तर पर चुनावी स्थिति का आकलन करेंगे और उम्मीदवारों की पहचान में मदद करेंगे।
AICC के सचिवों में कांग्रेस के कई नेता
UP by-elections में कई महत्वपूर्ण नेता शामिल हैं। इनमें कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय, आराधना मिश्रा और अन्य एआईसीसी सचिव शामिल हैं। ये सभी नेता चुनावों की रणनीति बनाने में जुटे हैं।
कांग्रेस कर रही चार सीटों की मांग
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ये उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हैं। पार्टी चार सीटों से कम पर संतुष्ट नहीं होना चाहती। वे सभी 10 सीटों पर गंभीरता से तैयारी कर रहे हैं।
2022 में BJP की सभी जीती सीटों की मांग
कांग्रेस की मुख्य मांग उन सीटों पर चुनाव लड़ने की है, जो 2022 में BJP और अन्य पार्टियों ने जीती थीं। यह उनकी रणनीति का हिस्सा है।
कांग्रेस ग्रासरूट पर कर रही काम
कांग्रेस ने स्वीकार किया है कि वह लोकसभा चुनावों में SP पर निर्भर थी। लेकिन अब पार्टी अपनी सक्रियता बढ़ाना चाहती है। एक नेता ने कहा कि अगर कांग्रेस को चार सीटें नहीं मिलीं, तो वे अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के नेता कांग्रेस की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। वे इसे “दबाव की रणनीति” मानते हैं। लेकिन उन्हें विश्वास है कि गठबंधन बना रहेगा। समाजवादी पार्टी के एक SP नेता ने कहा कि सीटों की संख्या चुनाव के समय तय होगी।
हरियाणा चुनाव का असर
हालांकि, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच मजबूत संबंध हैं, कांग्रेस ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों में SP के लिए टिकट नहीं दिया। इससे SP की नाराजगी बढ़ी है।
कांग्रेस का चुनावी नारा
कांग्रेस का चुनावी अभियान BJP सरकार द्वारा आरक्षण और संविधान को खतरे में डालने पर केंद्रित होगा। यह पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
दलित नेताओं की भूमिका
कांग्रेस ने दलित नेता और पूर्व सांसद पीएल पुनिया को मिल्कीपुर (आरक्षित) सीट का प्रभारी बनाया है। उनके बेटे तानुज पुनिया को गाजियाबाद सीट का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
नए दलित नेता का योगदान
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व बीSP मंत्री सदल प्रसाद को भी मिल्कीपुर सीट का प्रभारी बनाया गया है। ये कदम कांग्रेस की रणनीति को मजबूत करेंगे।
किन 10 सीटों पर होंगे उपचुनाव?
UP by-elections 10 सीटों में मीरापुर, गाजियाबाद, खैर (आरक्षित), कुंदरकी, करहल, फूलपुर, सीसामऊ, मिल्कीपुर (आरक्षित), कटेहरी और मझवां शामिल हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस की यह तैयारी दिखाती है कि वे 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए गंभीर हैं। SP के साथ गठबंधन के बावजूद, कांग्रेस अपनी पहचान बनाने में जुटी है। अब देखना यह है कि ये उपचुनाव कैसे परिणाम देते हैं?