खुफिया एजेंसियों को मोहन भागवत की सेक्योरिटी में कुछ खामियां मिली थीं. जिसकी वजह से गृहमंत्रालय ने उनकी सेक्योरिटी का रीव्यू और आकलन कराया. जिसके बाद उनको सेक्योरिटी को और मजबूत करने के लिए निर्देश दिए गए.
खुफिया एजेंसियों से नए खतरे के इनपुट मिलने के बाद, सर संघ चालक मोहन भागवत की सेक्योरिटी में एडवांस सिक्योरिटी लायजन (ASL) ड्रिल को जोड़ा गया है, जिससे उनकी मौजूदा ‘Z+’ कैटेगरी की सेक्योरिटी से अधिक मजबूत हो गई है. इसके पहले देश में केवल गृहमंत्री अमित शाह को यह सेक्योरिटी मिली हुई थी. अब RSS प्रमुख पर खतरे को देखते हुए उन्हें भी यह सेक्योरिटी दी गई है.
ASL सेक्योरिटी में क्या शामिल होता है?
ASL ड्रिल का मकसद सेक्योरिटी प्राप्त व्यक्ति की सेक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए सेक्योरिटी उपायों की तैयारी और प्रबंधन करना है. जिस व्यक्ति को सेक्योरिटी मिलती है उसके आगमन से पहले सेक्योरिटी व्यवस्था का आकलन करने के लिए एक स्पेशल टीम उस जगह का दौरा करती है. स्पेशल टीम वहां की खामियों के बारे में जानकारी करती है और खतरे का एनालिसिस करती है और लोकल पुलिस के साथ प्लान और को-ऑर्डिनेशन का आकलन करती है.
ASL प्रोटोकॉल के तहत मिलता है कई तरह का सहयोग
ASL प्रोटोकॉल के तहत जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य स्थानीय एजेंसियों को सेक्योरिटी प्राप्त व्यक्ति की सेक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करना आवश्यक है.
मल्टी लेवल सेक्योरिटी की होती है जरूरत
प्रोटोकॉल के अनुसार सेक्योरिटी प्राप्त व्यक्ति को केवल विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए विमान से यात्रा करनी होती है, और पूरी तरह से तोड़फोड़-रोधी निरीक्षण और मल्टी-लेवल सेक्योरिटी घेरे की आवश्यकता होती है.
Z+ के ऊपर ASL दिए जाने की वजह
फिलहाल देश में दस व्यक्तियों को Z+ सेक्योरिटी मिलती है. यह केंद्रीय औद्योगिक सेक्योरिटी फोर्स (CISF) के कर्मियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेक्योरिटी का हाई लेवल होता है. अतिरिक्त ASL परत केवल कुछ Z+ सेक्योरिटी प्राप्त व्यक्तियों को प्रदान की जाती है, जो उनके लिए आसन्न खतरे के विश्लेषण पर आधारित होती है.
RSS मुख्यालय को भी सेक्योरिटी देता है CISF
CISF नागपुर में RSS मुख्यालय और दिल्ली में RSS कार्यालय केशव कुंज को भी सेक्योरिटी प्रदान करता है. CISF कुल मिलाकर लगभग 200 व्यक्तियों को अलग-अलग स्तर की सेक्योरिटी प्रदान करता है.
मोहन भागवत की क्यों बढ़ाई गई सेक्योरिटी
सेक्योरिटी एजेंसियों को हाल ही में सूचना मिली है कि कुछ प्रतिबंधित संगठन RSS प्रमुख को निशाना बना सकते हैं. जिसकी वजह से उनकी सेक्योरिटी का लेवल और बढ़ा दिया गया है. अब भागवत को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बराबर सेक्योरिटी मिल गई है.
ASL अभ्यास अब तक केवल कुछ संवेदनशील जगहों पर उनके दौरे के दौरान ही शुरू किया गया था. हालांकि, केंद्रीय एजेंसियों को मिली कुछ खामियों की वजह से गृह मंत्रालय ने भागवत की सेक्योरिटी की समीक्षा का आदेश दिया था.
खतरे को रीव्यू करने के बाद बढ़ाई गई सेक्योरिटी
खतरे की समीक्षा और आकलन पूरा होने के बाद, 16 अगस्त को नए निर्देश जारी किए गए. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भागवत की सेक्योरिटी में किए गए उन्नयन के बारे में सूचित कर दिया गया है.
गौरतलब है कि खुफिया एजेंसियां बड़े नेताओं, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों या फिर देश के किसी ऐसे शख्स के बारे में समय-समय पर सेक्योरिटी को लेकर रीव्यू और आकलन करती रहती हैं. यह उनके काम का एक हिस्सा होता है. ये एजेंसिया उस शख्स पर आसन्न खतरे के बारे में गृहमंत्रालय तक अपनी रिपोर्ट पहुंचाती हैं, जिसके बाद मंत्रालय उसका रीव्यू करता है और आकलन करता है. उसके आधार पर सेक्योरिटी को बढ़ाया या घटाया जाता है.