Britain के नए प्रधानमंत्री पर पार्टी में कट्टर वामपंथी नेताओं को किनारे लगाने का आरोप

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 keir starmer ने साल 1987 में लंदन में बेरिस्टर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की…शुरुआत में उन्होंने मानवाधिकार, क्रिमिनल डिफेंस जैसे केसेज पर काम किया…1997 में उन्होंने मैकडोनाल्ड के खिलाफ दो क्लाइमेट एक्टिविस्ट्स का केस लड़ा…britain-keir starmer- Accusation

 keir starmer ने साल 1987 में लंदन में बेरिस्टर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की…शुरुआत में उन्होंने मानवाधिकार, क्रिमिनल डिफेंस जैसे केसेज पर काम किया…1997 में उन्होंने मैकडोनाल्ड के खिलाफ दो क्लाइमेट एक्टिविस्ट्स का केस लड़ा…britain-keir starmer- Accusation

क्लामेट एक्टिविस्ट हेलेन स्टील और डेविड मॉरिस ने मैकडोनाल्ड पर कई तरह के आरोप लगाए थे…वे कंपनी के खिलाफ पर्चे छपवाते थे और लोगों को बांटते थे…इस पर लिखा होता था, ‘मैकडोनाल्ड के साथ क्या गड़बड़ है? वो सब जानिए जो कंपनी आपसे छुपा रही है’…इस पर्चे में कंपनी पर कर्मचारियों का शोषण, वनों की कटाई, जंक फूड को बढ़ावा देने जैसे कई आरोप लगाए गए थे…britain-keir starmer- Accusation

इसके बाद मैकडोनाल्ड ने इन दोनों एक्टिविस्ट पर मानहानि का केस कर दिया… keir starmer ने इनका केस करीब 10 सालों तक लड़ा…हालांकि, आखिर में वे मैकडोनाल्ड के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए…इसके बाद कोर्ट ने हेलेन और डेविड को 40 हजार पाउंड का जुर्माना लगाया, लेकिन उन्होंने जुर्माना देने से इनकार कर दिया…मैकडोनाल्ड ने भी कह दिया कि वह जुर्माना वसूलना नहीं चाहते…उनके पक्ष में फैसला आया है वह इसी से खुश हैं…हालांकि, ब्रिटिश कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ यूरोपीय मानवाधिकार ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हेलेन स्टील और डेविड मॉरिस के पास फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का अधिकार है…britain-keir starmer- Accusation

उन्होंने ब्रिटिश सरकार से इन दोनों को 57 हजार पाउंड देने का आदेश दिया…ये केस उस दौरान काफी चर्चित हुआ था…इसे ‘मैक्लिबेल केस’ के रूप में जाना जाता है…साल 2015 में स्टार्मर को लेबर पार्टी से सांसदी का टिकट मिला…वे पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे…अब 9 साल बाद वे PM पद तक पहुंच गए हैं…

अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ मुताबिक स्टार्मर के दोस्त बताते हैं कि 2021 में हार्टलपूल के उपचुनाव में मिली हार के बाद कीर स्टार्मर राजनीति को अलविदा कहने वाले थे…वो इस चुनाव में हुई हार से बेहद दुखी थे…लेबर पार्टी के लिए सेफ सीट माने जानी वाली हार्टलपूल को कंजर्वेटिव के हाथों हारने के बाद स्टार्मर ने राजनीति छोड़ने को लेकर अपने दोस्तों से बात की थी…उन्होंने अपने दोस्तों को बताया था कि वो राजनीति छोड़कर किताबों की दुकान में काम करना चाहते थे…

 keir starmer साल 2020 में लेबर पार्टी के नेता प्रतिपक्ष बनाए गए…खबरों के मुताबिक उन पर आरोप हैं कि उन्होंने एक-एक कर पार्टी में कट्टर वामपंथी नेताओं को किनारे कर दिया…आरोप लगाने वाले नेताओं में डायने एबॉट, फैजा शाहीन और लॉयड रसेल-मोयल जैसे नाम शामिल हैं…जेरेमी कॉर्बिन को टिकट तक नहीं दिया…लेबर पार्टी के कई नेताओं ने आरोप लगाया कि वामपंथ के अधिक करीब होने और गाजा युद्ध में इजराइल की आलोचना करने के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया गया…स्टार्मर ने लेबर पार्टी के कद्दावर नेता और अपने पुराने बॉस जेरेमी कॉर्बिन को भी टिकट नहीं दिया…कॉर्बिन पर हाल ही में यहूदी विरोधी बयान देने के आरोप लगे थे…

कॉर्बिन साल 1983 से लगातार इस्लिंगटन नॉर्थ सीट पर सांसद बनते आ रहे हैं…टिकट कट जाने के बाद उन्होंने लेबर उम्मीदवार के खिलाफ अपनी पारंपरिक सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया…इसके बाद स्टार्मर ने लेबर पार्टी से कॉर्बिन को निकाल दिया…स्टार्मर ने ऐलान किया कि अब उनके पुराने बॉस कॉर्बिन कभी पार्टी में वापस नहीं आएंगे…

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