संसद के माइक बंद पर क्यों मचा है बवाल, जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया

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संसद में माइक बंद पर मचा बवाल-Parliament’s mike shutdown news

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

लोकसभा से राज्यसभा तक माइक बंद पर तल्खी

राज्यसभा में सभापति jagdeep धनखड़ ने जताई नाराजगी-Parliament’s mike shutdown news

NEET पेपर लीकर पर बोलने के दौरान राहुल का माइक बंद

माइक को लेकर प्रोटोकॉल क्या है?-Parliament’s mike shutdown news

संसद में माइक विवाद फिर चर्चा में है. 1 जुलाई को संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नीट पेपर लीक का मुद्दा गरमाया. इस बीच, लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक माइक बंद पर भी माहौल में तल्खी देखने को मिली है. लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने माइक बंद पर फिर सफाई दी है. जबकि राज्यसभा में सभापति jagdeep धनखड़ ने कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी पर खुलकर नाराजगी जताई. आज के वीडियो में आपका बताएंगे कि आखिर संसद के माइक पर हंगामा क्यों मचा है?.. किसके पास माइक के ऑन-ऑफ का कंट्रोल होता है और माइक को लेकर प्रोटोकॉल क्या है…नमस्कार आप देख रहे हैं..  दरअसल, कांग्रेस ने दावा किया कि लोकसभा में NEET पेपर लीक का मुद्दा उठाते समय विपक्ष के नेता राहुल गांधी का माइक बंद कर दिया गया.Parliament’s mike shutdown news

विपक्ष ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया…इससे पहले भी कांग्रेस राहुल गांधी का माइक बंद किए जाने का दावा कर चुकी है. 1 जुलाई को लोकसभा में माइक ‘कंट्रोल’ के आरोप पर स्पीकर बिरला ने विपक्षी सांसदों को पूरी बात बताई. बिरला का कहना था कि माइक का कंट्रोल मेरे पास नहीं होता है. आसन की व्यवस्था के अनुसार चलता है…

अब आपको बताते हैं कि माइक को लेकर प्रोटोकॉल क्या है?…. हर सांसद के लिए एक निर्धारित सीट होती है. माइक्रोफोन डेस्क से जुड़े होते हैं और उनका एक नंबर होता है. संसद के दोनों सदनों में एक चैंबर है, जहां साउंड टेक्निशियन बैठते हैं. यही कर्मचारी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को लिपिबद्ध और रिकॉर्ड करते हैं. इसी चैंबर में एक इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड है, जिस पर सभी सीटों के नंबर लिखे होते हैं. माइक्रोफोन को वहां से चालू या बंद किया जा सकता है.

चैंबर के सामने का हिस्सा कांच का है और यही टीम स्पीकर और सांसदों को बोलते हुए और सदन की पूरी कार्यवाही देखती है.लोकसभा के मामले में इसका संचालन लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों द्वारा किया जाता है. जबकि राज्यसभा के मामले में इसका संचालन राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों द्वारा किया जाता है..-Parliament’s mike shutdown news

आपको बता दें कि माइक्रोफोन को चालू और बंद करने की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है. सिर्फ स्पीकर ही माइक्रोफोन को बंद करने का निर्देश दे सकते हैं और वो भी नियमों के अनुसार. कार्यवाही बाधित होने पर इस पावर का इस्तेमाल किया जा सकता है. दोनों सदनों में माइक्रोफोन मैन्युअल रूप से चालू और बंद किए जाते हैं..

राज्यसभा के सभापति के निर्देश पर माइक्रोफोन चालू किए जाते हैं. जब सभापति किसी सदस्य को बुलाते हैं, तभी माइक चालू किया जाता है. शून्य काल में एक सदस्य को 3 मिनट का समय दिया जाता है और जब तीन मिनट पूरे हो जाते हैं तो माइक्रोफोन अपने आप बंद हो जाता है.. विधेयकों आदि पर बहस के मामले में प्रत्येक पार्टी को समय दिया जाता है. स्पीकर उस समय के अनुसार चलते हैं और अपने विवेक से सदस्य को बात पूरी करने के लिए एक या दो मिनट का समय देते हैं… वहीं यदि किसी सांसद की बोलने की बारी नहीं आई है

तो उसका माइक बंद किया जा सकता है. स्पेशल मेंशन के मामले में सांसदों के पास 250 शब्द पढ़ने की सीमा होती है. जैसे ही इसे सदस्य द्वारा पढ़ा जाता है, चैंबर में मौजूद कर्मचारियों द्वारा उस सदस्य का माइक बंद कर दिया जाता है.. एक एक्सपर्ट के अनुसार, सांसदों के लिए अलग-अलग सीट नंबर निर्धारित हैं. सांसदों से अनुरोध किया जाता है कि वो अपनी निर्धारित सीटों से ही बोलें. हालांकि,

नई संसद में सीट निर्धारित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में सांसदों को स्क्रीन या सीसीटीवी में देखकर उनका माइक ऑन या ऑफ करना होता है. दरअसल लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने सदन के बाहर माइक बंद करने के आरोप लगाए जाने पर चिंता जताई और कहा कि माइक का कंट्रोल आसन की व्यवस्था के अनुसार चलता है. सभी दल के सदस्य बैठते हैं. आसन की मर्यादा रही है. आप जब भी सभापति के आसन पर बैठें, आक्षेप नहीं करेंगे तो सही रहेगा.

बिरला का कहना था कि बाहर कई सदस्य आरोप लगाते हैं कि पीठासीन अधिकारी या आसन पर बैठे व्यक्ति माइक बंद कर देते हैं. बिरला ने कहा, आसन से व्यवस्था रहती है कि जिसका नाम पुकारा जाता है, वो अपनी बात कहता है. इसी व्यवस्था पर माइक का कंट्रोल चलता है.  माइक का कंट्रोल आसन पर बैठे व्यक्ति के पास नहीं होता है. आसन पर सभी दल के व्यक्ति बैठते हैं. सभी दल के सदस्य ऐसे ही सदन चलाते हैं. यह आसन की हमेशा मर्यादा रही है.

इस तरह का आरोप ना लगाएं. बिरला ने पूछा- जब आप आसन पर बैठते हैं तो क्या आपके पास कंट्रोल रहता है.  कांग्रेस ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में देखा गया कि राहुल गांधी लोकसभा में अपनी बात रख रहे थे कि अचानक उनके माइक से आवाज नहीं आती है, जिसके बाद विपक्षी दलों के नेता ‘माइक-माइक’ चिल्लाने लगते हैं. इस पर स्पीकर कहते हैं कि मैं माइक बंद नहीं करता हूं. पूर्व में आपको व्यवस्था दी गई थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का माइक बंद किया गया था…

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन स्थित हाउस ऑफ पार्लियामेंट के परिसर में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित किया था और कहा था कि भारत में संसद में विपक्षी नेताओं के माइक्रोफोन बंद कर दिए जाते हैं. राहुल ने कहा, हमारे माइक खराब नहीं हैं, वो काम कर रहे हैं, लेकिन फिर भी आप उन्हें चालू नहीं कर सकते.

क्योंकि मैं जब संसद में अपनी बात रखता हूं तो वहां ऐसा कई बार हुआ है. भारत में विपक्ष का दमन किया जा रहा रहा है.. उसके बाद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति jagdeep धनखड़ ने राहुल के बयान पर पलटवार किया था और कहा था,

इमरजेंसी के ‘काले अध्याय’ के दौरान ऐसा किया गया था, लेकिन अब यह संभव नहीं है. धनखड़ ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, ‘कुछ लोगों ने एक नैरेटिव सेट कर दिया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक्रोफोन बंद हैं. इससे ज्यादा झूठ कुछ नहीं हो सकता… माकइ बंद का विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है.. ऐसी ही खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ.. नमस्कार…

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