“AIRR News: Politics of Purvanchal – Challenges of 2024 Lok Sabha Elections”

HomeBlog “AIRR News: Politics of Purvanchal - Challenges of 2024 Lok Sabha Elections”

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

पूर्वांचल की राजनीति सदैव उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। वाराणसी और गोरखपुर जैसी सीटें, जहां बीजेपी अपनी जीत को लेकर सबसे अधिक आश्वस्त रहती है, आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सबकी नजरें इन सीटों पर टिकी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से लगातार दो बार सांसद चुने गए हैं और इस बार भी उनकी जीत को लेकर कोई संदेह नहीं है। वहीं गोरखपुर, जो 1989 से बीजेपी का गढ़ माना जाता है, वहां भी बीजेपी की स्थिति मजबूत है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या विपक्ष इन सीटों पर बीजेपी को चुनौती दे पाएगा? क्या कांग्रेस के -Purvanchal political update

वाराणसी में पीएम मोदी को कड़ी टक्कर दे पाएंगे? और गोरखपुर में सपा की काजल निषाद क्या रवि किशन को हराने में सफल होंगी? आइए, इन सवालों के उत्तर खोजते हैं और समझते हैं पूर्वांचल की राजनीतिक समीकरणों को। नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। –Purvanchal political update

आज हम पूर्वांचल के दो प्रमुख सीटों, वाराणसी और गोरखपुर, की राजनीति पर चर्चा करेंगे। यह जानने की कोशिश करेंगे कि इन सीटों पर कौन-कौन से उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं और क्या समीकरण बन रहे हैं। साथ ही, हम समझेंगे कि पूर्वांचल की राजनीति में जातीय समीकरण किस प्रकार भूमिका निभाते हैं।

पूर्वांचल की राजनीति में वाराणसी और गोरखपुर जैसी सीटें अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दो बार सांसद चुने गए हैं और इस बार भी उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पीएम मोदी को चुनौती दे रहे हैं, लेकिन उनकी जीत की संभावना कम ही नजर आ रही है।

गोरखपुर को बीजेपी का परंपरागत सीट माना जाता है। यह सीट 1989 से बीजेपी के कब्जे में रही है और केवल 2018 का उपचुनाव ही था जब बीजेपी हारी थी। इस हार के बाद बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया था और 2019 में फिल्म अभिनेता रविकिशन को टिकट दिया था, जिन्होंने जीत हासिल की थी। इस बार भी रविकिशन बीजेपी के उम्मीदवार हैं। सपा ने रवि किशन के खिलाफ काजल निषाद को मैदान में उतारा है, जो सपा के टिकट पर विधानसभा और नगर निगम महापौर का चुनाव हार चुकी हैं।-Purvanchal political update

पूर्वांचल की राजनीति जातीय समीकरणों पर अधिक आधारित है। यहाँ पिछड़ी जातियों की संख्या अधिक है और इसलिए राजनीतिक दल टिकट देते समय इन जातीय समीकरणों का ध्यान रखते हैं। सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल जैसी पार्टियाँ, जो पिछड़ी जातियों की राजनीति करती हैं, इस बार बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं।

सुभासपा के उम्मीदवार अरविंद राजभर घोसी से चुनाव लड़ रहे हैं, जहाँ उन्हें सपा के राजीव राय से कड़ी चुनौती मिल रही है। निषाद पार्टी को संतकबीर नगर सीट मिली है, जहाँ पार्टी प्रमुख के बेटे प्रवीण कुमार निषाद बीजेपी के सिबंल पर चुनाव मैदान में हैं। सपा ने पप्पू निषाद को मैदान में उतारा है, लेकिन निषाद वोटों के बंटवारे की वजह से सपा की लड़ाई कमजोर मानी जा रही है।

अपना दल (एस) Mirzapur  और रॉबर्ट्सगंज में चुनाव लड़ रही है। अनुप्रिया पटेल Mirzapur  से मैदान में हैं, जहाँ सपा ने उनके खिलाफ रमेश बिंद को उतारा है। वहीं रॉबर्ट्सगंज से अपना दल (एस) ने रिंकी कोल को टिकट दिया है, जो पिछली बार के सांसद पकौड़ी लाल कोल की बहू हैं।-Purvanchal political update

आपको बता दे कि पूर्वांचल की राजनीति का इतिहास बेहद रोचक है। यह क्षेत्र सदैव विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष का केंद्र रहा है। 1990 के दशक में जब सपा और बसपा का उदय हुआ, तो इस क्षेत्र की राजनीति में एक नया मोड़ आया। दोनों पार्टियाँ दलित और पिछड़े वर्गों के समर्थन से सत्ता में आईं। 2007 में मायावती के नेतृत्व में बसपा ने उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाई, जिसमें पूर्वांचल का बड़ा योगदान था। लेकिन 2012 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा ने राज्य में सरकार बनाई और बसपा को सत्ता से बाहर कर दिया।

2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और विकास के एजेंडे के बल पर इस क्षेत्र में भारी जीत दर्ज की। 2019 में तो बीजेपी ने सपा-बसपा गठबंधन को भी कड़ी टक्कर दी और 16 सीटों पर जीत हासिल की।-Purvanchal political update

ऐसे में 2024 के चुनाव में पूर्वांचल की राजनीति में कई महत्वपूर्ण कारक भूमिका निभा सकते हैं। इनमें जातीय समीकरण, विकास के मुद्दे, नेताओं की लोकप्रियता और राजनीतिक गठबंधन शामिल हैं। जातीय समीकरणों की बात करें तो यादव, दलित और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश में सभी पार्टियाँ लगी हुई हैं।

बीजेपी ने अपने विकास कार्यों और राष्ट्रीय मुद्दों को चुनाव प्रचार का केंद्र बनाया है। वहीं, सपा और बसपा ने बीजेपी के खिलाफ महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था के मुद्दों को उठाया है। कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर पकड़ बनाने की कोशिश की है।

ऐसे में पूर्वांचल की 21 सीटों के परिणाम न केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति को बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। अगर बीजेपी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखती है, तो यह पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत स्थिति को दर्शाएगा। वहीं, अगर सपा-कांग्रेस गठबंधन या बसपा को सफलता मिलती है, तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।

इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस का प्रवेश भी इस बार कुछ नई संभावनाएँ पैदा कर सकता है। भदोही में तृणमूल के टिकट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी मैदान में हैं, जो इस सीट को रोमांचक बना रहे हैं।

ऐसी ही अन्य घटनाओं में हम पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात कर सकते हैं, जहाँ किसान आंदोलन का प्रभाव चुनाव पर पड़ सकता है। इसी तरह, बुंदेलखंड में भी विकास के मुद्दे प्रमुख रहेंगे। इन सभी क्षेत्रों में जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे चुनाव परिणामों को प्रभावित करेंगे।

तो इस तरह पूर्वांचल की 21 सीटें आगामी लोकसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस सभी पार्टियाँ इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। जातीय समीकरण, विकास के मुद्दे और राजनीतिक गठबंधन चुनाव परिणामों को प्रभावित करेंगे। यह देखना रोचक होगा कि किस पार्टी की रणनीति सफल होती है और कौन इस क्षेत्र में जीत का परचम लहराता है।

नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

“2024 Lok Sabha Elections: Political Equations of Purvanchal – AIRR News”

“AIRR News: Politics of Purvanchal – Challenges in Varanasi and Gorakhpur”

Extra : Purvanchal,Politics,Lok Sabha Elections,Varanasi,Gorakhpur,AIRR News,Narendra Modi,Mamata Banerjee,Opposition,Challenges,Political Equations,Caste Equations,पूर्वांचल

राजनीति,लोकसभा चुनाव,वाराणसी,गोरखपुर,AIRR न्यूज़,नरेंद्र मोदी,ममता बनर्जी,विपक्ष,चुनौतियाँ,राजनीतिक समीकरण,जातीय समीकरण

#politics #trump #news #india #conservative #republican #usa #bjp #memes #election #america #maga #congress #covid #politicalmemes #donaldtrump #vote #democrat #liberal #freedom #democrats #government #political #narendramodi #meme #rahulgandhi #instagram #bhfyp

RATE NOW
wpChatIcon