“PM Narendra Modi’s Journey to G7 Summit: A Significant Global Event | AIRR News”

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वैश्विक राजनीति और कूटनीति की दुनिया में, जी7 शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच है जहाँ दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेता मिलकर महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इस वर्ष, इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने एक नया आयाम जोड़ा। उनके दौरे ने न केवल भारत-इटली संबंधों को मजबूत किया बल्कि वैश्विक कूटनीतिक परिदृश्य में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी पुनःस्थापित किया।-Modi’s Journey to G7 news

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।

आज हम आपको बताएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी के बारे में, जहाँ उन्होंने विश्व के प्रमुख नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की और कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।-Modi’s Journey to G7 news

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार देर रात पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा उनके तीसरे कार्यकाल की पहली राज्य यात्रा है, और इसने भारत-इटली संबंधों को और मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनकी पहली राज्य यात्रा जी7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली में हो रही है। उन्होंने अपनी पिछली इटली यात्रा और प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत यात्रा को याद किया, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को काफी बढ़ावा दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं खुश हूँ कि मेरे तीसरे कार्यकाल की पहली यात्रा जी7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली में हो रही है। मैं 2021 में इटली के लिए अपनी जी20 शिखर सम्मेलन की यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूँ। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएँ हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई को जोड़ने में महत्वपूर्ण रही हैं। हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक और भूमध्य सागर के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भी मुलाकात की। इन बैठकों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए नई रणनीतियों पर विचार किया गया।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उनके लिए यह एक व्यस्त दिन था, जिसमें विश्व के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें शामिल थीं। जैसवाल ने कहा, “हमारे पास कई द्विपक्षीय बैठकें हैं, और वह जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को भी संबोधित करेंगे।”

आपको बता दे कि जी7 शिखर सम्मेलन इटली के अपुलिया क्षेत्र में स्थित भव्य बोर्गो एग्नाज़िया रिज़ॉर्ट में 13-15 जून तक आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन में इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के निमंत्रण पर भाग ले रहे हैं। यह भारत की 11वीं भागीदारी है और प्रधानमंत्री मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी है।

आपको बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी की जी7 शिखर सम्मेलन में उपस्थिति ने कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक उद्देश्यों को पूरा किया। पहले, यह यात्रा भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम थी। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री मेलोनी के बीच हुई बैठकों ने इन संबंधों को और मजबूत किया और भविष्य के लिए नए मार्ग प्रशस्त किए।

दूसरे, प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकातें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर गहन चर्चा के लिए महत्वपूर्ण थीं। इन नेताओं के साथ हुई बातचीत ने भारत के कूटनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने में मदद की और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत किया।

जी7 शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी ने वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को पुनःस्थापित किया। भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है और उसकी भागीदारी से न केवल भारत के हितों की रक्षा होती है, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण भी प्रस्तुत होता है। जी7 जैसे मंच पर भारत की भागीदारी से वैश्विक कूटनीतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

वैसे जी7 शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी की बात करें तो पिछले कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित हुई हैं। उदाहरण के लिए, 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जो इटली में आयोजित हुआ था। इस शिखर सम्मेलन ने वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने और महामारी के बाद की दुनिया में आर्थिक सुधार के उपायों पर विचार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया था।

इसी प्रकार, 2019 में ओसाका, जापान में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न वैश्विक नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की थी। इस शिखर सम्मेलन ने वैश्विक व्यापार, पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया था।

इन्हीं घटनाओं से हमें यह पता चलता है कि भारत की वैश्विक मंच पर उपस्थिति कितनी महत्वपूर्ण है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श और सहयोग के नए रास्ते खोलता है।

नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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