सऊदी को परमाणु हथियार बनाने से रोकने का अमेरिकी प्लान, ईरान के खिलाफ सऊदी को साधने की कोशिश-iran latest update

HomeBlog सऊदी को परमाणु हथियार बनाने से रोकने का अमेरिकी प्लान, ईरान के...

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

ईरान के साथ अमेरिका की तनातनी जग जाहिर है, एक दूसरे को कमतर साबित करने के लिए दोनों साम, दाम, दंड, भेद…हर दांव आजमाते हैं…दोनों एक दूसरे के दुश्मनों को अपने पाले में करने की कोशिश तो करते ही रहते हैं और अब अमेरिका ईरान के दोस्त पर भी डोरे डाल रहा है…बदले-iran latest update

में नाटो जैसी सुरक्षा देने का वादा कर रहा है…जी हां, अमेरिका सउदी अरब को देगा नाटो जैसी सुरक्षा और बदले में उससे कोई भी परमाणु हथियार ना बनाने का वादा लेगा…जिससे वो ईरान को कमज़ोर कर सके…-iran latest update

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) जेक सुलिवन से मुलाकात की…इस दौरान दोनों देशों के बीच सिक्योरिटी अकॉर्ड और सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट पर चर्चा हुई…न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, समझौते के तहत अमेरिका, सऊदी अरब को सुरक्षा और परमाणु सहायता देगा…दरअसल, पिछले साल इजराइल और सऊदी अरब के बीच डिप्लोमैटिक रिश्ते शुरू करवाने के लिए अमेरिका बैकडोर बातचीत कर रहा था…-iran latest update

इस दौरान उसने इजराइल को मान्यता देने के बदले सऊदी को नाटो लेवल की सिक्योरिटी देने की पेशकश की थी…इस साल मई की शुरुआत में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका और सऊदी अरब सिक्योरिटी और परमाणु सहायता वाले एग्रीमेंट साइन करने के बेहद करीब हैं…

अमेरिकी एटॉमिक एनर्जी एक्ट 1954 के तहत अमेरिका कुछ शर्तों पर दूसरे देशों को परमाणु सहायता दे सकता है…इसके लिए इन देशों को 9 शर्तों को पूरा करना होगा…इनमें परमाणु हथियार बनाने के लिए न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ना करने और दूसरे देशों को खुफिया जानकारी साझा नहीं करने की बात कही गई है… 

सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है…हालांकि सऊदी क्राउन प्रिंस देश की अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता को कम करना चाहते हैं…इसके लिए उन्होंने ‘विजन 2030’ प्लान भी बनाया है…इस प्लान के लिए सऊदी रिन्यूएबल एनर्जी जनरेट करते हुए उत्सर्जन को कम करना चाहता है…न्यूक्लियर एनर्जी इस लक्ष्य को हासिल करने में अहम साबित होगी… इसके अलावा सऊदी कई बार ये कह चुका है कि अगर ईरान ने परमाणु बम बनाए तो वह खुद भी ऐसा करने से पीछे नहीं हटेगा…अमेरिका की मदद से सऊदी परमाणु तकनीक में महारत हासिल करना चाहता है…इसके जरिए वह अमेरिका के विरोध के बावजूद जरूरत पड़ने पर परमाणु हथियार बनाने में सक्षम होगा…लेकिन अमेरिका ऐसा नहीं चाहता…

बाइडेन प्रशासन सऊदी अरब के साथ डील करके इजराइल को मान्यता दिलवाना चाहता है…अगर एक बार सऊदी और इजराइल के बीच डिप्लोमैटिक रिश्ते बहाल हो गए, तो मिडिल ईस्ट के कई दूसरे देश भी इजराइल को मान्यता दे सकते हैं…इससे अमेरिका को वहां ईरान के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन बनाने में मदद मिलेगी…दूसरी तरफ, चीन के साथ वर्चस्व की लड़ाई के बीच मिडिल ईस्ट पर अमेरिका की पकड़ मजबूत हो जाएगी…साथ ही सऊदी में न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने के लिए अमेरिका वहां अपनी इंडस्ट्री भी लगा सकता है…इससे वह ग्लोबल बिजनेस के मामले में रूस और चीन की एटमी कंपनियों से एक कदम आगे निकल जाएगा… 

 बाइडेन प्रशासन सऊदी अरब के साथ डील करके इजराइल को मान्यता दिलवाना चाहता है

   क्या सउदी अरब इजरायल को मान्यता देगा

 अमेरिका खाड़ी देशों में किस तरह की राजनीति चाहता है?

RATE NOW
wpChatIcon