भारत का पहला अंडरसी टनल, जिसे मुंबई Coastal Road परियोजना का हिस्सा माना जाता है, बहुत उत्साह और धूमधाम के साथ मार्च में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा जिसका उद्घाटन किया गया था। लेकिन केवल दो महीने बाद ही इस टनल में रिसाव की खबरें सामने आईं हैं, जिसने इस मेगा परियोजना की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मानसून के आगमन से पहले टनल में रिसाव ने नागरिकों में चिंता पैदा कर दी है और सोशल मीडिया पर लोगों ने निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। यह घटनाक्रम न केवल इंजीनियरिंग विफलता की ओर इशारा करता है, बल्कि इससे जुड़े राजनीतिक और सामाजिक प्रश्न भी उठाता है। आइये इसे विस्तार से समझते है। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। – Mumbai Coastal Road update
मार्च में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार द्वारा उद्घाटित मुंबई Coastal Road परियोजना का यह टनल, भारत का पहला अंडरसी टनल है। इस टनल का निर्माण 13,983 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और इसका उद्देश्य दक्षिण मुंबई में वर्ली से नरीमन पॉइंट के बीच यात्रा समय को कम करना है। यह परियोजना 2018 में शुरू हुई थी और इसे पूरा होने में पांच साल लगे। -Mumbai Coastal Road update
लेकिन दो महीने बाद ही, टनल में पानी का रिसाव देखा गया। टनल की छत से पानी टपक रहा था और दीवारों पर गहरे धब्बे दिखाई दे रहे थे जहां नमी के कारण पेंट उतर गया था। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को लेकर मजाक भी बनाया और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
टनल के रिसाव की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साइट का निरीक्षण किया और कहा कि रिसाव विस्तार जोड़ों से हो रहा है और इसे प्राथमिकता पर ठीक किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मूल संरचना को कोई खतरा नहीं है और विशेषज्ञों की मदद से इसे स्थायी रूप से ठीक किया जाएगा। – Mumbai Coastal Road
मुंबईCoastal Road परियोजना का दूसरा चरण, जो मरीन ड्राइव से वर्ली तक है, 10 जून को उद्घाटित होने वाला है। इस परियोजना को न केवल यात्रा समय को कम करने में मदद के लिए बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को 34 प्रतिशत तक कम करने में भी सहायक माना जा रहा है।
आपको बता दे कि मुंबई Coastal Road परियोजना के तहत बने इस अंडरसी टनल में रिसाव की घटना ने इस मेगा परियोजना की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उद्घाटन के केवल दो महीने बाद ही टनल में रिसाव होना इंजीनियरिंग की विफलता को दर्शाता है। – Mumbai Coastal Road
विशेषज्ञों के अनुसार, टनल में रिसाव का मुख्य कारण विस्तार जोड़ों की समस्या है। यह जोड़ों की उचित सीलिंग न होने के कारण हो सकता है, जिसे पॉलिमर ग्राउटिंग जैसी तकनीक से ठीक किया जा सकता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है और इसे प्राथमिकता पर ठीक किया जा रहा है ताकि मानसून के दौरान यात्रियों को कोई असुविधा न हो।
बाकि यह घटना राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य प्रमुख नेताओं के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती है। इस परियोजना की विफलता से सरकार की छवि पर भी असर पड़ सकता है।
ऐसे में टनल में रिसाव की घटना ने आम जनता में चिंता और असंतोष को बढ़ा दिया है। मुंबई के लोग इस परियोजना को लेकर उत्साहित थे, लेकिन अब वे इसके गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर कई टिप्पणियां और मजाक उड़ाए गए हैं, जो दर्शाते हैं कि लोगों में इस परियोजना के प्रति निराशा है।
वैसे अब इस घटना से परियोजना की लागत में वृद्धि हो सकती है। रिसाव को ठीक करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी। साथ ही, परियोजना के दूसरे चरण के उद्घाटन पर भी इसका असर पड़ सकता है।
आपको बता दे कि ऐसी घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं। दिल्ली के प्रगति मैदान टनल, जिसे जून 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित किया गया था, में भी फरवरी में दीवारों पर दरारें और रिसाव की समस्याएँ देखी गई थीं। इसी तरह, अप्रैल में हाजी अली Coastal Road के पैदल यात्री अंडरपास में भी पानी भरने की घटनाएँ सामने आई थीं, जिससे मुंबई की नगर निगम पर आलोचनाएँ की गई थीं।
तो इस तरह मुंबई Coastal Road परियोजना का यह घटनाक्रम न केवल इंजीनियरिंग की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह दर्शाता है कि मेगा परियोजनाओं में सतर्कता और गुणवत्ता नियंत्रण की महत्वपूर्णता कितनी अधिक है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों और परियोजना के बाकी हिस्सों में गुणवत्ता को बनाए रखा जाए।
नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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