ठाणे लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद शनिवार को निर्वाचन अधिकारियों द्वारा हुई जांच प्रक्रिया में वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के उम्मीदवार डॉ. रामराव तुकाराम केंद्रे सहित 11 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए। डॉ. केंद्रे, जिनका नामांकन अमान्य पाया गया, 2021 तक ठाणे नगर निगम (टीएमसी) में स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में तैनात थे।-Thane Lok Sabha Elections
आइये इस घटना को विस्तार से जाने। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़।
इस सीट के लिए 25 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ माने जाने वाले इस निर्वाचन क्षेत्र को जीतने के लिए महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार राजन विचारे (यूबीटी) और महायुति के नरेश म्हास्के (शिवसेना) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। शिंदे कोपरी-पचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। एमटीसी के पूर्व महापौर और मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र म्हास्के के मुकाबले विचारे ने लगातार दो बार (2014 और 2019) इस सीट पर जीत दर्ज की है और हैट्रिक लगाने की उम्मीद कर रहे हैं। उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 6 मई है, जबकि ठाणे लोकसभा क्षेत्र के लिए वोटिंग पांचवें चरण में 20 मई को होनी है। ठाणे लोकसभा क्षेत्र में मीरा-भायंदर, कोपरी-पचपखाड़ी, ओवाला- मजीवाड़ा, ठाणे, ऐरोली और बेलपुर सहित छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। अंतिम दिन 3 मई तक 18 निर्दलीय सहित 36 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे। राज्य निर्वाचन कार्यालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि कुल 36 उम्मीदवारों ने कुल 43 नामांकन पत्र जमा किए थे जिनमे से कुछ ने एक से अधिक नामांकन पत्र दाखिल किए थे। निर्वाचन कार्यालय ने 26 अप्रैल से 3 मई के बीच कुल 105 नामांकन फॉर्म जारी किए हैं।-Thane Lok Sabha Elections
वैसे आपको बता दे कि ठाणे लोकसभा सीट महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण सीट है और वर्तमान में इसे शिवसेना (शिंदे गुट) के एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। बाकि राजन विचारे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लगातार दो बार इस सीट से जीत चुके हैं।-Thane Lok Sabha Elections
तो ऐसे में माना जा रहा है कि ठाणे लोकसभा सीट का चुनाव एक कांटे का मुकाबला होने जा रहा है, जिसमें एमवीए और महायुति के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला होगा।
जहा विचारे एक मजबूत उम्मीदवार हैं, जिन्होंने इस सीट पर दो बार जीत दर्ज की है। हालाँकि, म्हास्के के पास शिंदे की मौजूदा लोकप्रियता और महायूति के समर्थन का लाभ है।
इसके अतिरिक्त, ठाणे में मराठी भाषी मतदाताओं की बड़ी आबादी का चुनाव परिणाम पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
आपको बता दे कि ठाणे में मराठी भाषी मतदाताओं का प्रभुत्व है। 2011 की जनगणना के अनुसार, ठाणे जिले की 83% आबादी मराठी भाषी है। यह इस तथ्य से और पुष्ट होता है कि ठाणे नगर निगम (टीएमसी) में मराठी भाषी समुदाय का वर्चस्व है। टीएमसी के वर्तमान महापौर नरेश म्हास्के शिवसेना (शिंदे गुट) के सदस्य हैं।
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) उम्मीदवार राजन विचारे ठाणे लोकसभा सीट से लगातार दो बार (2014 और 2019) जीत चुके हैं। विचारे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें विकास के कार्यों के लिए जाना जाता है। हालाँकि, उनके खिलाफ कुछ भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं।
महायुति उम्मीदवार नरेश म्हास्के एक स्थानीय नेता हैं और ठाणे में उनकी अच्छी पकड़ है। उन्हें शिंदे का करीबी माना जाता है और इस चुनाव में उन्हें शिंदे की लोकप्रियता का लाभ मिलने की संभावना है।
इसके अतिरिक्त, ठाणे लोकसभा सीट पर वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) का भी महत्वपूर्ण प्रभाव है। वीबीए एक दलित-बहुजन पार्टी है जिसका नेतृत्व प्रकाश अंबेडकर करते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में, वीबीए उम्मीदवार को ठाणे लोकसभा सीट से 1.7 लाख से अधिक वोट मिले थे।
बाकि आने वाले चुनाव में किसकी नैय्या मतदाता पार करवाएंगे ये तो आने वाला वक़्त ही बताएंगे , लेकिन अगर आपको हमारा ये वीडियो पसंद आया है तो कृपा इसे अन्य दोस्तों रिस्तेदारो को भी शेयर कीजिये , साथ ही हमारे चैनल को सब्सक्राइब और वीडियो को लिखे कारण ना भूले। मिलते है फिर नयी देश और दुनिया से जुडी खबरों और उनसे जुड़े आपके हितो और अहित का विस्तृत विश्लेषण।
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