“Salman Khan Firing Case: Weapon Supplier’s Death in Custody – AIRR News”

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Salman Khan Firing Case

आज, हम Salman Khan Firing Case में एक बड़ी खबर लेकर आए हैं। मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक की पुलिस हिरासत में मौत आखिर कैसे हो गयी? इस घटना के मामले और पूरे मामले पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ।  नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। 

26 अप्रैल, 2023 के दिन पंजाब से अनुज थापन और सोनू सुभाष चंदर नाम के दो हथियार आपूर्तिकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

और इन्ही दोनों में से अनुज थापन की 30 अप्रैल को हिरासत में मौत हो गई।-Salman Khan Firing Case

नुज और सोनू ने कथित तौर पर 14 अप्रैल की तड़के मुंबई के बांद्रा में Salman Khan के आवास के बाहर गोलीबारी में इस्तेमाल किए गए हथियारों की आपूर्ति की थी। इस गोलीबारी के दो मुख्य आरोपी विक्की गुप्ता और सागर पाल पुलिस हिरासत में हैं और लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल ने गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी।

आपको बता दे की अनुज थापन की मौत गोलीबारी मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ है। उसकी मौत की परिस्थितियाँ अभी भी जांच के अधीन हैं, लेकिन इससे मामले में कई सवाल उठते हैं:

जैसे थापन की मौत कैसे हुई? 

इसपर पुलिस का कहना है कि थापन ने आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन यह कैसे हुआ अभी तक स्पष्ट नहीं है।

क्या थापन को हिरासत में उचित चिकित्सा सुविधा मिली?

थापन कथित तौर पर एक गंभीर स्थिति में था जब उसे अस्पताल ले जाया गया। उसकी मौत से यह सवाल उठता है कि क्या उसे पर्याप्त चिकित्सा देखभाल क्यों नहीं मिली।

क्या थापन को मरने के लिए मजबूर किया गया था?

कुछ लोगों का मानना है कि थापन को मरने के लिए मजबूर किया गया होगा। यदि यह सच है, तो यह मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाता है।

बाकि इस घटना की विपक्षी नेताओं और मानवाधिकार समूहों द्वारा व्यापक रूप से निंदा की गई है। उन्होंने थापन की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है और हिरासत में मौतों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है और थापन की मौत मामले की जांच पर सवाल उठाये है और सबूत मिटाने का आरोप लगाया है।

अगर पुलिस की माने तो उनके अनुसार, थापन ने आत्महत्या का प्रयास किया था। हालाँकि, यह कैसे हुआ अभी तक स्पष्ट नहीं है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि थापन को हिरासत में लिया गया था और उससे पूछताछ की जा रही थी, जबकि अन्य में कहा गया है कि वह हिरासत में था और सो रहा था।

कारन जो भी रहा हो लेकिन थापन की मौत पुलिस की लापरवाही की ओर इशारा करती है। अगर थापन ने आत्महत्या का प्रयास किया, तो उसे उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में पुलिस की विफलता गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस को हिरासत में लिए गए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होती है, और थापन की मौत से पता चलता है कि वे इस जिम्मेदारी को निभाने में विफल रहे हैं।

आपको बता दे कि थापन की मौत भारत में हिरासत में मौतों की बढ़ती समस्या पर प्रकाश डालती है। 2021 में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बताया कि भारत में 2020 में पुलिस हिरासत में 1,323 मौतें हुईं। ये मौतें अक्सर यातना, अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं और चिकित्सा उपेक्षा के कारण होती हैं।

वैसे हिरासत में मौतों की समस्या अक्सर पुलिस में भ्रष्टाचार और अत्याचार से जुड़ी होती है। पुलिस अक्सर आरोपियों से स्वीकारोक्ति प्राप्त करने के लिए हिंसा और धमकी का उपयोग करती है। इससे निर्दोष लोगों को यातना दी जा सकती है और उनकी जान भी जा सकती है।

तो इस तरह हमने जाना कि अनुज थापन की मौत एक जटिल और चिंताजनक मामला है जिसके भारतीय कानून प्रवर्तन प्रणाली पर कई निहितार्थ हैं। यह मामला पुलिस की लापरवाही, हिरासत में मौतों की समस्या और पुलिस में भ्रष्टाचार और अत्याचार की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इस मामले से Salman Khan की सुरक्षा, लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की गतिविधियाँ और मीडिया की भूमिका जैसी अतिरिक्त चिंताएँ भी सामने आती हैं। थापन की मौत की जांच और मामले में शामिल सभी लोगों को न्याय दिलाने की आवश्यकता है।

हमारी अगली वीडियो में, हम हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह द्वारा बॉलीवुड गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जांच करेंगे। हम इस जघन्य अपराध के पीछे के उद्देश्य और इसके भारतीय समाज पर प्रभाव की जाँच करेंगे। तो, जुड़े रहिये हमारे साथ। 

नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज। 

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