केंद्र की मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म क्या किया…पाकिस्तान को ऐसा सदमा लगा कि वो भुखमरी की कगार पर आ गया…ऐसा कैसे हुआ इसकी कहानी हम आपको विस्तार से बताएंगे लेकिन उससे पहले आपको पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति बता देते हैं…-pakistan in Trouble
पाकिस्तान में इस वक्त गरीबी चरम पर है…महंगाई सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है क्योंकि भारत का ही सामान वाया दुबई पहुंच रहा जिससे टैरिफ और ट्रांसपोर्टेशन बढ़ने की वजह से फल, सब्जियां, प्याज, आलू, कच्चा खनिज, मेडिकल और सर्जिकल के सामान पाकिस्तान में महंगी मिलती है…जो पहले सस्ती थी…तो उधर चीन भी पाकिस्तान बिदका पड़ा है…क्योंकि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की लगातार हत्याएं हो रही है…जिससे चीनी कंपनियां पाकिस्तान छोड़ रही है…हाल ही में चीन की एक कंपनी ने जलविद्युत परियोजना निर्माण के काम को रोक दिया है…अपने श्रमिकों को वहां से हटा दिया है…ऐसा कहते हैं कि अगर पाकिस्तान इन हमलों को नहीं रोक पाया तो चीन अपनी निवेश भी कम कर देगा या पाकिस्तान पर नाकेबंदी कर सकता है…जिससे पाकिस्तान की मुसीबत और बढ़ने वाली है…क्योंकि आज की तारीख में ज्यादतर चीजों के लिए पाकिस्तान चीन पर निर्भर है…इसलिए तो चीनी नागरिकों की हत्या के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी पूरी कैबिनेट के साथ चीनी दूतावास में जाकर हाजिरी लगा चुके हैं…और इतना ही नहीं पाकिस्तान अब चीन से इतर व्यापार के भी रास्ते तलाश रहा है…ताकि पहले से कंगाल पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके…और भारत से व्यापार की दलील भी शहबाज शरीफ की इसी रणनीति का हिस्सा है…-pakistan in Trouble
लेकिन अब खबर आ रही है कि जैसे ही लंदन से इशाक डार इस्लामाबाद पहुंचे तो आर्मी और आईएसआई ने जमकर खबर ली..इसके बाद पाकिस्तान ने अपने ही मंत्री के बयान से यूटर्न ले लिया है…हालांकि पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने साफ किया है कि इस पर व्यापारियों से बातचीत होगी…फिर जो फैसला सरकार लेगी…उसके हिसाब से आगे नीतियां बनेंगी…लेकिन फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है…
अगर आंकड़ों को देखे तो 2019-20 में भारत से पाकिस्तान को 8.04 मिलियन डॉलर का निर्यात होता था लेकिन 2020-21 में ये आकंड़ा 0.078 मिलियन डॉलर रह गया है…इसलिए पाकिस्तान सरकार ने टमाटर और प्याज के आयात को अफ्गानिस्तान और ईरान से मंजूरी दी है…ताकि घरेलू बाजार में कमी को पूरा किया जा सके…ईरान से आने वाली खेप बलूचिस्तान के लिए होगी…सूत्रों की मानें तो भारत से आने वाली सब्जियों को दुबई से भी लाया जा सकता है…जिससे घरेलू बाजार की स्थिति सुधर सके…लेकिन ये तभी होगा जब पाकिस्तान सरकार भारत से सीधे आयात को मंजूरी नहीं देगी…तब दुबई का रास्ता एक विकल्प है…ऐसे में पाकिस्तान जानता है कि अगर उसे अपनी आर्थिक स्थिति सुधारनी है…अपने नागरिकों की भूखमरी से बचानी है और महंगाई पर काबू पानी है तो फिर भारत से व्यापार उसके लिए एक बड़ी संजीवनी होगी.. यही वजह है कि पाकिस्तान अब भारत से ट्रेड करना चाहता है…