मऊ दंगा मामले में सरेंडर के बाद मुख्तार को गाजीपुर जेल भेजा गया…मुख्तार तब विधायक भी था…और इसी रसूख के चलते उसने जेल में वो सबकुछ किया जिसकी कहानी आज भी वहीं के जेलर सुनाते हैं…मुख्तार को मछली खाने का शौक था तो उसने जेल में ही तालाब खुदवा दिया…इतना ही नहीं मुख्तार तब गाजीपुर जेल में DM समेत बड़े अधिकारियों के साथ बैडमिंटन भी खेला करता था…लेकिन 2017 में बाबा के यूपी की कमान संभालते ही मुख्तार के बुरे दिन शुरू हो गए…वो समझ गया था कि उसकी उलटी गिनती शुरू हो चुकी है…Mafia Mukhtar jail story
माफिया मुख्तार के डर की कहानी तब शुरू हुई जब 10 जुलाई 2018 को उसके करीबी माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या हो गई तो इससे घबराए मुख्तार ने यूपी से बाहर निकलने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया और पंजाब की रोपड़ जेल पहुंच गया…यूपी पुलिस ने 26 बार प्रोडक्शन वारंट लगाया.. लेकिन मुख्तार को पंजाब की जेल से वापस नहीं ला सकी…आखिरकार यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा.. -Mafia Mukhtar jail story
Mukhtar Ansari को पंजाब की रोपड़ जेल से अप्रैल 2021 में यूपी की बांदा जेल शिफ्ट किया गया लेकिन कोई भी जेलर इस जेल का चार्ज लेने के लिए ही तैयार नहीं हुआ…ऐसा क्यों इसकी वजह भी जान लीजिए…जून 2021 में बांदा जिला प्रशासन ने जेल पर छापा मारा तब कई जेल कर्मचारी मुख्तार की सेवा में लगे मिले…जिसके बाद तत्कालीन DM अनुराग पटेल और SP अभिनंदन की ज्वॉइंट रिपोर्ट पर डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह और 4 बंदी रक्षक सस्पेंड कर दिए गए थे…-Mafia Mukhtar jail story
लेकिन इसके बाद भी मुख्तार का जलवा बना रहा.. इस घटना के बाद.. मुख्तार को स्पेशल हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया…उसकी बैरक दूसरे कैदियों से अलग थी…ये बैरक जेल के बीच वाले गेट के पास ही बनी है…गेट के पास ही वो हर दिन घंटों कुर्सी डालकर बैठता था…वहीं जेल अधिकारियों और दूसरे कैदियों से मिलता था…मुख्तार जब तक वहां बैठता कोई उस गेट से आ-जा नहीं सकता था..
बताने वाले तो यहां तक बताते हैं…मुख्तार जितनी देर अपनी बैरक से बाहर रहता…तब तक जेल के उस हिस्से के CCTV बंद रहते…ताकि वो किससे मिल रहा है…ये किसी को पता ना चले…लेकिन यही जेल एक समय के बाद मुख्तार के लिए बुरा सपना बन गई…वो यहां से निकलने के लिए छटपटाने लगा…जेल में शाही जिंदगी जीने वाला डॉन जिसने अपने शौक के लिए एक समय जेल में ही तालाब खुदवा दिया था…पिछले साल अक्टूबर में जज के सामने पेश हुआ तो कोर्ट से गुहार लगाई कि जेल में उसे खाने पीने का सामान भिजवा दीजिए..मुख्तार ने लजीज कुरकुरे बिस्कुट भिजवाने री मांग की थी…
हालांकि ये पहला मामला नहीं था जब Mukhtar Ansari ने कोर्ट में जज के सामने ऐसी मांग रखी थी…इससे पहले उसने लखनऊ के केले और लजीज आम मांगे थे…तब कोर्ट ने उसकी मांग को स्वीकार कर लिया था और उसे ये उपलब्ध कराने का आदेश दिया था…जिसके बाद उसे लखनऊ के केले और आम दिए गए थे…
चाचा देश के राष्ट्रपति रहे उसने अपनी इस मशहूर विरासत में कालिख पोत दी
क्या अभी भी फल फूल रहा है माफिया मुख्तार का परिवार?
क्या माफिया मुख्तार की बीवी अफशां सरेंडर करेगी?