Simple Energy is preparing to launch an IPO of 3000 crore know the full details

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Simple Energy IPO: इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली बेंगलुरु बेस्ड कंपनी सिंपल एनर्जी अब शेयर मार्केट में कदम रखने की तैयारियों में जुटी है. कंपनी का प्लान वित्त वर्ष 27 की दूसरी या तीसरी तिमाही में अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लॉन्च करने का है. इसके जरिए कंपनी 3,000 करोड़ रुपये (लगभग 350 मिलियन डॉलर) जुटाना चाहती है.

इस काम में होगा पैसों का इस्तेमाल

कंपनी की तरफ से उठाया जाने वाला यह कदम भारत में तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए मील का पत्थर साबित होगा. आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कंपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाने और पूरे देश के EV सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए करेगी ताकि वह 2030 तक सभी नए वाहनों में EV की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 30 परसेंट तक कर सके. यह भारत सरकार के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है.  

देश के हर कोने में पहुंचेगी EV

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिंपल एनर्जी के फाउंडर और सीईओ सुहास राजकुमार ने कहा है, ”भारत के सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए क्लीन एनर्जी बहुत जरूरी है और सिंपल एनर्जी देश के इसी ट्रांसफॉर्मेशन से प्रेरित है. 95 परसेंट हमारे इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉम्पोनेंट्स भारत में ही बनाए जाते हैं. हम मेक-इन-इंडिया पहल के प्रति प्रतिबद्ध हैं. आईपीओ एक बड़ा कदम है क्योंकि हम अपने ऑपरेशंस का विस्तार कर रहे हैं और देश के हर कोने में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ला रहे हैं – न केवल महानगरों में, बल्कि टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी.” 

EV सेगमेंट में तेजी से आगे बढ़ रही कंपनी 

कंपनी का ग्रोथ शुरुआती चरण में जबरदस्त रहा है. रेवेन्यू में सालाना लगभग 500 परसेंट तक बढ़त हासिल की गई है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए 800 करोड़ रुपये (96 मिलियन डॉलर) रेवेन्यू का टारगेट रखा है. कंपनी को अगले 18 महीनों में 1,500 करोड़ रुपये (180 मिलियन डॉलर) से अधिक रेवेन्यू जेनरेट होने की उम्मीद है. 

IPO से पहले ये है कंपनी का प्लान

कंपनी सिंपल एनर्जी कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों में अपनी मौजूदगी तेजी से बढ़ा रही है. स्टार्टअप का लक्ष्य आईपीओ लाने से पहले 23 अलग राज्यों में अपने डीलरशिप नेटवर्क को 15 से बढ़ाकर 250 आउटलेट करना और 1 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को पूरा करना है. इससे भारत के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में इसकी बाजार हिस्सेदारी 0.3 परसेंट से बढ़कर अपने टारगेट के मुताबिक 5 परसेंट हो जाएगी. 

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