जयपुर-दिल्ली हाइवे: खर्चा 8.9 हजार करोड़, टोल वसूली 11.94 हजार करोड़

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दरअसल, इस तरह की जानकारी केन्द्रीय सडक़ व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के लिखित जवाब में दी है। बेनीवाल ने निर्माण लागत के बावजूद टोल वसूली जारी रखने के साथ खस्ताहाल सडक़ों पर टोल वसूली के औचित्य पूछा था। गडकरी ने लिखित जवाब में बताया कि नेशनल हाइवों पर टोल वसूली नियमों के तहत होती है। जो थोक मूल्य सूचकांक से अनुक्रमित नेशनल हाइवे की प्रति किलोमीटर आधार दर पर तय होती है। जयपुर से दिल्ली हाइवे के दो खंड है। गुडग़ांव-कोटपुतली-जयपुर खंड पर ज्यादा वसूली हुई है। जबकि इसके मुकाबले गुडग़ांव-दिल्ली पर टोली वसूली कम है। गडकरी का जवाब में कहना है कि टोल शुल्क में छूट नहीं दी जाती है, जिसकी वजह से इसकी निर्माण लागत से तुलना नहीं की जा सकती है।

सबसे ज्यादा टोल वाला प्रदेश है राजस्थान

देश के नेशनल हाइवों पर 1063 टोल नाके हैं, जिनमें से अकेले राजस्थान में 163 टोल नाके हैं। यह किसी भी राज्य में सर्वाधिक है। इसके अलावा जयपुर-दिल्ली हाइवे पर स्थित शाहजहांपुर टोल नाका देश के सर्वाधिक टोल वसूली वाले नाकों में शुमार है

टोल वसूली और खर्च का हिसाब (करोड़ों रुपए में)

नेशनल हाइवे खंड टोल वसूली लागत रख रखाव खर्च
गुडग़ांव-कोटपुतली-जयपुर 9218.30 6430
दिल्ली-गुडग़ांव 2727.50 2489.45

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