पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर मुरलीधरन को Jammu Kashmir में मिली जमीन का विधानसभा में उठा मुद्दा, मामले को लेकर मंत्री ने कही ये बात | The issue of land given to former Sri Lankan cricketer Muralitharan in Jammu Kashmir was raised in the assembly, the minister said this about the matter

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    25.75 एकड़ जमीन की आवंटित

    श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर मुरलीधरन की कंपनी सीलोन बेवरेज को कठुआ में 1600 करोड़ रुपये की बोतल भरने और एल्यूमिनियम केन निर्माण इकाई के लिए 25.75 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। पिछले साल जून में विभाग के साथ लीज डीड पर हस्ताक्षर किए गए थे। 

    विधानसभा में उठा मुद्दा 

    सीपीआई (एम) विधायक एमवाई तारिगामी ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि एक श्रीलंकाई क्रिकेटर को जम्मू-कश्मीर में जमीन आवंटित की गई है। यह आवंटन कैसे किया गया। हालांकि इस दौरान उन्होंने मुरलीधरन का नाम नहीं लिया था। वहीं विधायक जीए मीर ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर गौर किए जाने की जरूरत है। उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की तारीफ, देखें वीडियो…

    सरकार को नहीं है जानकारी

    विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री जावेद अहमद डार ने कहा कि इस बात की सरकार को कोई जानकारी नहीं है कि श्रीलंका के किसी पूर्व क्रिकेटर को औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए मुफ्त जमीन दी गई थी। उन्होंने कहा कि इसकी जांच करेंगे। मंत्री ने कहा कि यह मामला राजस्व विभाग से जुड़ा हुआ है। हमारे पास कोई जानकारी नहीं है हम तथ्यों को जानने के लिए इसकी जांच करेंगे। 

    क्या भारत में विदेशी खरीद सकते है जमीन?

    भारत में विेदेशी नागरिक जमीन खरीद सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष पात्रता मानदंड है।  विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Fema) के अनुसार विदेशी नागरिक आवासीय संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होगा। भारत में विदेशी लोग आवासीय संपत्तियां, वाणिज्य अचल संपत्ति और कृषि भूमि खरीद सकते हैं। हालांकि विदेशियों को कृषि भूमि खरीदने की अनुमति नहीं होती है, जब तक कि उनके पास सरकार से विशिष्ट अनुमति न हो।

    संपत्ति खरीदने के लिए क्या करना होगा?

    विदेशियों को संपत्ति खरीदने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अनुमति लेनी होगी। यह विशेष रूप से आवासीय संपत्तियों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा दस्तावेजों को सत्यापन के लिए संबंधित अधिकारियों के पास जमा करना होगा। खरीदारों को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा, जो राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है, लेकिन आम तौर पर संपत्ति के मूल्य का 5% से 7% तक होता है।

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