भारत के सबसे बड़े निजी सेक्टर के उद्योगपति Gautam Adani ने एक बार फिर से बिलेनियर्स कि लिस्ट में छलाँग मारी है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का खिताब हासिल किया है, जो उनके पक्ष में आया था। उच्चतम न्यायालय ने अदानी समूह के खिलाफ हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच को तीन महीने में पूरा करने का आदेश दिया था। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़। -Gautam Adani – The Richest Man
हाल ही में Gautam Adani ने अपने प्रतिद्वंद्वी मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का खिताब हासिल किया है, जो ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार है। अदानी वर्तमान में ब्लूमबर्ग के वैश्विक बिलियनेयर इंडेक्स पर 12वें स्थान पर हैं, जबकि अंबानी 13वें स्थान पर हैं।
Gautam Adani ने पिछले एक साल में धन अर्जन और हानि के मामले में काफी उतार चढाव देखे है, जबसे हिंडेनबर्ग रिसर्च ने 2023 जनवरी में उनकी कंपनी के बारे में अपनी रिपोर्ट जारी की थी। उन्होंने अपने नेट वर्थ का 34 प्रतिशत से अधिक हिस्सा खो दिया था, जबकि उनकी कंपनी का बाजार मूल्य 150 अरब डॉलर से अधिक घट गया था।
अदानी-हिंडेनबर्ग विवाद का शुरुआत 2023 के जनवरी में हुआ था, जब एक अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडेनबर्ग रिसर्च ने अदानी समूह के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अदानी समूह और उसके अध्यक्ष गौतम अदानी को कॉर्पोरेट और वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।
हिंडेनबर्ग रिसर्च ने दावा किया था कि अदानी समूह के कुछ विदेशी सहयोगी कंपनियां अस्तित्वहीन हैं, जिनके साथ अदानी समूह ने अपने आय को बढ़ाने के लिए अनैतिक लेनदेन किए हैं। इन कंपनियों के मालिक और निदेशक भी अदानी समूह के कर्मचारी या सहयोगी हैं, जिन्हें अदानी समूह ने अपने बोर्ड में नियुक्त किया है।
इसपर सफाई देते हुए अदानी समूह ने बताया कि, जो तथ्य और रिसर्च वे बता रहे हैं, वे असत्य और अपूर्ण हैं, और उनका उद्देश्य अदानी समूह की छवि को बिगाड़ना और उनके शेयरों को गिराना है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में किसी भी सबूत, स्रोत या प्रमाण का उल्लेख नहीं किया है, जो उनके आरोपों को साबित कर सके। साथ ही समूह ने कहा कि, वे अपनी पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए, अपनी सभी वित्तीय और वाणिज्यिक जानकारी को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया है। उन्होंने अपने विदेशी सहयोगी कंपनियों के बारे में भी सभी विवरण प्रदान किए हैं, जो कि वैध और स्वीकृत हैं। उन्होंने अपने निवेशकों, ग्राहकों, कर्मचारियों और साझेदारों को आश्वस्त किया है कि उनका कोई भी अधिकार या हित प्रभावित नहीं होगा, और वे अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
अदानी समूह के खिलाफ इस रिपोर्ट के आधार पर कई याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें से कुछ उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गईं। याचिकाकर्ताओं ने अदानी समूह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं, बेनामी संपत्ति, टैक्स चोरी, घोटाले और अन्य अपराधों का आरोप लगाया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय से एक विशेष जांच टीम SIT गठन करने और अदानी समूह के खातों और संपत्तियों को जब्त करने की मांग की।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को सुनते हुए 2024 के जनवरी में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें वह अदानी समूह के पक्ष में फैसला दिया। उच्चतम न्यायालय ने SIT की आवश्यकता को खारिज करते हुए, भारतीय बाजार नियामक अर्थात सेबी को अदानी समूह की जांच को तीन महीने के भीतर पूरा करने का आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उनकी शक्ति सेबी की जांच में हस्तक्षेप करने की “सीमित” है, और उन्होंने इस रिपोर्ट के कारण निवेशकों को हुए नुकसान के बारे में बात की।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद, अदानी समूह के शेयरों में तेजी आई, जिससे उनका बाजार मूल्य में भारी वृद्धि हुई। इससे गौतम अदानी का नेट वर्थ भी बढ़ गया, और वे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। उन्होंने अपने नेट वर्थ में केवल एक दिन में 7.7 अरब डॉलर की वृद्धि की, जबकि उनका कुल धन 13.3 अरब डॉलर बढ़ा। वे दुनिया के सबसे बड़े धन अर्जन करने वाले व्यक्ति बन गए, जबकि मुकेश अंबानी दूसरे स्थान पर थे, जिन्होंने अपने नेट वर्थ में 10 अरब डॉलर की वृद्धि की।
गौतम अदानी ने अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपनी ऊर्जा, खनन, बंदरगाह, एयरपोर्ट, डाटा सेंटर, डिफेंस और अन्य क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को बढ़ाया है। उन्होंने भारत के साथ-साथ विश्व के कई देशों में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने अपने सामाजिक जिम्मेदारी का भी निर्वहन किया है, और शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में अनेक पहल की हैं।
अदानी-हिंडेनबर्ग विवाद ने Gautam Adani के धन और प्रतिष्ठा को चुनौती दी, लेकिन उन्होंने इसे अपने पक्ष में मोड़ने का काम कामयाबी के साथ किया। उन्होंने अपने व्यावसायिक नेतृत्व, विश्वसनीयता और उद्यमशीलता का परिचय दिया, और भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने। उन्होंने अपने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों को साबित किया, और अपने सामाजिक दायित्वों को भी पूरा किया। वे अब भारत के विकास और समृद्धि के लिए एक प्रेरणा और एक महत्वपूर्ण भागीदार हैं।
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