भारत ने अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए एक नया कदम उठाया है। भारत अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप के मिनीकोय द्वीप पर एक India’s Naval Base बना रहा है, जो मालदीव की राजधानी माले से मात्र 450 किलोमीटर दूर है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा मार्च में मिनीकोय जाकर आईएनएस जटायू का उद्घाटन करने की उम्मीद है।
यह नया बेस भारत के लिए क्या महत्त्व रखता है?
यह भारत की नौसेना की क्षमता को कैसे बढ़ाएगा?
यह भारत के साथ-साथ इंडियन ओशन के अन्य देशों के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?
और सबसे महत्वपूर्ण सवाल कि, यह चीन के बढ़ते प्रभाव को कैसे रोकेगा?
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।
भारत का ये नेवल बेस एक बड़ी रणनीतिक पहल है, जो भारत को अपनी द्वीप संपदा का उपयोग करके इंडो-प्रशांत क्षेत्र में अपनी भूमिका को मजबूत करने में मदद करेगी। मिनीकोय द्वीप नौ डिग्री चैनल पर स्थित है, जिसके माध्यम से दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तर एशिया के लिए अरबों डॉलर का वाणिज्यिक व्यापार होता है। यह द्वीप भारत के लिए एक महत्वपूर्ण नौसैनिक और वायुसैनिक अड्डा बनने जा रहा है, जो भारत को इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा और सहयोग को बढ़ाने का अवसर देगा।
आपको बता दे कि मिनीकोय द्वीप पर नवल बेस का निर्माण करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद लिया गया है। मोदी ने फरवरी में लक्षद्वीप का दौरा किया था, जहां उन्होंने द्वीप के विकास और पर्यटन के लिए कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। मोदी ने लक्षद्वीप को भारत के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया था, और उन्होंने कहा था कि लक्षद्वीप को एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने का लक्ष्य है।
लक्षद्वीप के विकास के साथ-साथ, भारत ने अपनी नौसेना को भी बल देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। भारत ने मिनीकोय द्वीप पर एक नेवल बेस का नाम आईएनएस जटायू रखा है, जो रामायण के जटायु के नाम पर रखा गया है। आईएनएस जटायू का उद्घाटन मार्च महीने में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया जाएगा, जो आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत के साथ लगभग 15 युद्धपोतों के साथ मिनीकोय पहुंचेंगे।
यह नवल बेस भारत को अरब सागर में अपनी उपस्थिति और प्रभाव को बढ़ाने में सहायता करेगा, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है। भारत को इस क्षेत्र में अपने व्यापारिक, राजनीतिक हितों की रक्षा करनी है, जो चीन के बढ़ते दबाव और द्विपक्षीय विवादों के कारण खतरे में पड़ सकते हैं। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने नौसैनिक संबंधों को इंडियन ओशन के अन्य देशों के साथ मजबूत किया है, जैसे कि श्रीलंका, मॉरीशस, सेशेल्स, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया। यह नवल बेस भारत को इन देशों के साथ अपनी सामरिक सहयोगिता और संयुक्त अभ्यासों को आगे बढ़ाने का मंच प्रदान करेगा।
भारत का नवल बेस मिनीकोय में एक ऐतिहासिक और रणनीतिक उपलब्धि है, जो भारत को इंडियन ओशन में एक नेतृत्व भूमिका निभाने में सक्षम करेगा। यह भारत को अपने द्वीप संपदा का उचित रूप से उपयोग करने, अपने व्यापारिक और सुरक्षा हितों की रक्षा करने, और अपने पड़ोसी और मित्र देशों के साथ अपनी सामरिक साझेदारी को मजबूत करने का अवसर देगा। यह भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव और अवैध दावों का मुकाबला करने के लिए एक बलवान और विश्वसनीय सहयोगी बनाएगा।
तो , यह थी हमारी आज की खास वीडियो, जिसमें हमने भारत के नेवल बेस मिनीकोय में के बारे में जाना। आशा करते हैं कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा। अगर आपको यह वीडियो अच्छा लगा हो तो इसे लाइक, शेयर और कमेंट करना न भूलें। और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना भी न भूलें, ताकि आप हमारी अगली वीडियो का नोटिफिकेशन प्राप्त कर सकें।
हमारी अगली वीडियो में आपको हम एक ऐसे हथियार के बारे में जानेंगे, जो अंतरिक्ष में नाभिकीय शक्ति से संचालित हो सकता है और अन्य देशों के उपग्रहों को नष्ट कर सकता है। हम ये भी जानेंगे कि इसका अमेरिका और उसके सहयोगियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, जो अपनी रक्षा, संचार और जासूसी के लिए अंतरिक्ष पर निर्भर हैं।
अगर आप जानना चाहते हैं कि ये हथियार किस देश ने बनाया है, यह अन्य देशो के लिए क्यों घातक है ? तो हमारी अगली वीडियो को जरूर देखें। तब तक के लिए, नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
Extra :
भारत नवल बेस मिनीकोय
अरब सागर में भारतीय नौसेना
भारत चीन सागरीय सुरक्षा
भारतीय नौसेना की मजबूती
भारतीय नौसेना और इंडियन ओशन
भारत और चीन सागरीय तनाव
AIRR न्यूज़
India Naval Base Minicoy
Indian Navy in Arabian Sea
India China Maritime Security
Strengthening Indian Navy
Indian Navy and Indian Ocean
India China Maritime Tensions
AIRR News