Death of Maoist Commander Oya Potam in Encounter: An In-depth Analysis

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में एक माओवादी कमांडर की Death हो गई। इस कमांडर का नाम ओया पोतम था, जिसने पिछले साल एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या करके उनके शव को नदी में फेंक दिया था। पोतम के खिलाफ कई मामलों में आरोप लगे थे, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, पुलिस पार्टी पर हमला और आईईडी हमलों में शामिल होना शामिल था। सरकार ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था। आज की इस खास पेशकश में हम इसी मामले को गहराई से चर्चा करेंगे, तो कही जायेगा नही।-Death

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।

ओया पोतम की मुठभेड़ शुक्रवार को दोपहर में हुई, जब दंतेवाड़ा और बीजापुर से जिला रिजर्व गार्ड और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक संयुक्त टीम गंगालुर क्षेत्र समिति के सचिव दिनेश मोडियम के साथ 20 से 25 सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर एक विरोधी-माओवादी अभियान पर निकली थी। गंगालुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र के पुसनार जंगलों में खोज अभियान के दौरान, पुलिस और माओवादियों के बीच पुसनार के जंगलों में एक मुठभेड़ हुई , जिसमें जन मिलिशिया कमांडर पोतम उर्फ सोमलू की मौत हो गई। इस पर बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक अंजनेय वर्ष्णी ने कहा, “मुठभेड़ में तीन से चार अन्य माओवादियों को घायल होने की मजबूत संभावना है।”-Death 

आपको बता दे कि, पोतम पर आरोप है कि उसने एक गिरोह का नेतृत्व करते हुए 25 अप्रैल को पुलिस के मुखबिर होने के संदेह में 45 वर्षीय दुला पुनेम का अपहरण करके हत्या की थी। 3 अगस्त को, पोतम के गिरोह ने पुनेम की 40 वर्षीय पत्नी मंगली और 10 वर्ष की बेटी शांति की भी अपहरण करके हत्या की, उसके बाद उनके शव को नदी में फेंक दिया। हत्याओं के बाद, पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर और 40,000 रुपये का इनाम रख दिया था। 

वैसे पोतम कई अन्य मामलों में वांछित आरोपी था, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, पुलिस पार्टी पर हमला और आईईडी हमलों में शामिल होना शामिल था। उसके खिलाफ एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था। 

वैसे में ओया पोतम की मौत से, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादी गतिविधियों को एक बड़ा झटका लगा है। पोतम एक अत्यंत कुशल और क्रूर नेता था, जिसने अपने गिरोह के साथ कई अपराधी और हिंसक कार्यों को अंजाम दिया था। उसके खिलाफ लगे आरोपों में से कई अभी भी अनसुलझे हैं, जिनके लिए उसकी पहचान और गवाही जरूरी थी। उसकी मौत ने उसके शिकारों के परिवारों को न्याय दिलाने की उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है।

दूसरी ओर, सुरक्षा बलों को इस मुठभेड़ में एक बड़ी सफलता मिली है, जिसने उनके लिए एक खतरनाक दुश्मन को खत्म कर दिया है। इसने उन्हें माओवादी आंदोलन के खिलाफ अपने अभियान को और अधिक मजबूत बनाने का अवसर दिया है। इसने उन्हें आम जनता के बीच अपनी प्रतिष्ठा और विश्वास को बढ़ाने में भी मदद की है।

इस प्रकार, ओया पोतम की मौत एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक, सामाजिक और सुरक्षा परिदृश्य में एक बदलाव लाया है। इसके परिणामों को आने वाले समय में और अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

आशा है कि आपको हमारा ये विडियो पसंद आया होगा।

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