800 से ज्यादा मंदिरों वाला अनोखा पर्वत और मौत से 1 घंटा पहले मिलने वाले 5 संकतों की अनोखी दास्तां

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आजकल लोग छुट्टियां मनाने के लिए हिल स्टेशनों पर जाते हैं क्योंकि र्वत, झरने, ​नदियां और प्राकृतिक चीजें मानव मन को कुछ ज्यादा आकर्षित करती हैं। बता दें कि भारत में एक ऐसी ही अनोखा पर्वत है जहां 800 से ज्यादा मंदिर हैं, आस्था का यह केन्द्र अपने अनुगामियों को स्वर्ग का अहसास करता है। बता दें कि गुजरात राज्य के भावनगर जिले में स्थित पालीताना में शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत समुद्र तल से 164 फ़ीट ऊंचाई पर स्थित है। इस पहाड़ी पर एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों जैन मंदिर हैं। शत्रुंजय पहाड़ी पर जाने के लिए 375 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। इतिहास के मुताबिक शत्रुंजय पर्वत पर जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव ने अपना पहला उपदेश दिया था। 24 में 23 तीर्थंकर इस पर्वत पर आ चुके हैं, इसलिए यह स्थान जैन अनुयायियों के लिए तीर्थस्थल है। माना जाता है कि जैन धर्म के संस्‍थापक आदिनाथ ने पर्वत के शिखर पर एक वृक्ष के नीचे तपस्‍या की थी। यहां पर आज भी भगवान आदिनाथ का मंदिर है। शत्रुजंय पर्वत पर ही संत अंगार पीर की मजार भी मौजूद है, जहां मुस्लिम लोग मत्था टेकने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि अंगार पीर ने मुगलों से शत्रुंजय पहाड़ी की रक्षा की थी। यह तो रही इंसान के घूमने-फिरने और जैन मतावलम्बियों के तीर्थाटन की बात। अब बारी है जीवन के अंतिम सत्य की जिससे हर इंसान परिचित है लेकिन उसे खुली आंखों से स्वीकार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। जी हां, हम मृत्यु की बात कर रहे हैं, जो जीवन का आखिरी सत्य है, बाकी चीजें जीवन में भ्रम पैदा करने के सिवाय कुछ भी नहीं है। सनातन धर्म में जीवन और मृत्यु से जुड़ी हर बारीक चीजों का गरुड़ पुराण में वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण के मुताबिक, मौत से पहले ही व्यक्ति को कुछ संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं। इस स्टोरी में हम आपको उन पांच संकतों के बारे में बताने जा रहे हैं। पहला संकेत यह है कि मौत से पहले इंसान को उसके आसपास किसी साए का अहसास होने लगता है याफिर उसके पूर्वज नजर आते हैं। दूसरा संकेत यह है कि मृत्यु से कुछ पल पहले एक रहस्यमयी द्वार नजर आता है जिसमें आग की लपटे नजर आती हैं। तीसरे संकेत में मृत्यु के एक पहर शेष रहने पर इंसान को यमराज के दूत नजर आने लगते हैं। व्यक्ति को अपने आसपास नकारात्मक शक्ति होने का अहसास होने लगता है। मौत से पहले का चौथा संकेत यह है कि परछाई दिखना बंद हो जाती है, यहां तक कि पानी, शीशा, घी या तेल में अपनी छाया नजर नहीं आती है। पांचवे संकेत में मौत से कुछ समय पहले व्यक्ति को उसके जीवनभर के कर्म याद आने लगते हैं। विशेषकर उसे बुरे कर्म ही याद आते हैं। विशेष : यह स्टोरी सनातन धर्म की मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि एअर न्यूज चैनल इस स्टोरी की पुष्टि नहीं करता है।

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