भारत की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा की है। इससे उत्तर प्रदेश में राजनीतिक संरचना में बदलाव होगा। इसके साथ ही, कांग्रेस ने भी अपने गठबंधन पार्टनरों के साथ सीट-बांटने की बातचीत शुरू कर दी है। इससे भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) का गठन होगा, जो केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को चुनौती देगा। आज हम बात करेंगे भारत की राजनीति में आए नए गठबंधनों के बारे में, जो 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार हो रहे हैं। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।
पिछले शुक्रवार को, पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “राष्ट्रीय लोक दल-एसपी गठबंधन पर सभी को बधाई। आइए हम सब मिलकर विजय के लिए एकजुट हों!” अखिलेश यादव ने शुक्रवार को X पर यह पोस्ट किया।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय लोक दल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर 7 से 8 सीटों पर गठबंधन में लड़ेगा।
इससे पहले बुधवार को, कांग्रेस ने दिल्ली में समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ सीट-बांटने की बैठक की थी।
इसपर कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “हमने एक-दूसरे के साथ हर सीट का विवरण साझा किया है। मुझे उम्मीद है कि गठबंधन भारत जोड़ो न्याय यात्रा के उत्तर प्रदेश पहुंचने से पहले हो जाएगा।”
आपको बता दे की कांग्रेस लोकसभा चुनावों के लिए अभियान शुरू करने से पहले अपने सभी गठबंधन पार्टनरों के साथ सीट-बांटने की बातचीत कर रही है। इससे भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) का गठन होगा, जिसमें कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दल शामिल होंगे। यह गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को केंद्र में तीसरी बार चुनौती देने की कोशिश करेगा।
वैसे इन गठबंधनों का परिणाम भारत की राजनीतिक तस्वीर पर क्या असर डालेगा, यह अभी से कहना मुश्किल है। लेकिन कुछ तथ्य और आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह चुनाव बहुत ही रोमांचक और घमासान होने वाला है।
2019 के लोकसभा चुनावों में, NDA ने 353 सीटें, UPA ने 91, और अन्य ने 98 पर जीत दर्ज की थी । वोटिंग को अप्रैल 11 से मई 19 के बीच सात चरणों में तय किया गया था, जिसमें लगभग 900 मिलियन योग्य लोगों में से 67 प्रतिशत ने लोकसभा के 542 सदस्यों को चुनने के लिए अपना मतदान किया था।
बात करे उत्तर प्रदेश की तो यहाँ 80 सीटें हैं, जिनमें से 2019 में NDA ने 64, UPA ने 2, और अन्य ने 14 जीतीं थी। यहाँ पर SP-RLD गठबंधन का प्रभाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि राष्ट्रीय लोक दल का क्षेत्रीय आधार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है, जहाँ जाट और मुस्लिम वोटरों का बड़ा तबका है।
वही कांग्रेस ने 2019 में अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया था, जब वह सिर्फ 52 सीटें जीत पाई थी। इस बार, वह अपने गठबंधन पार्टनरों के साथ अच्छी सीट-बांटने की बातचीत कर रही है, ताकि वह अपना वोट बाँटने से बच सके। कांग्रेस के नेतृत्व में INDIA गठबंधन में अन्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल शामिल होंगे, जैसे आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, और अन्य।
इसी तरह NDA का नेतृत्व करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में 37.36 प्रतिशत मतों का समर्थन पाया था, जो कि 2014 के 31.34 प्रतिशत से बढ़कर रहा। इस बार, वह 50 प्रतिशत मतों का लक्ष्य रख रही है, और 350 से अधिक सीटों को जीतने की उम्मीद कर रही है। भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो चुनावों में अपनी लोकप्रियता और नेतृत्व का प्रदर्शन किया है, और वह तीसरी बार केंद्र में सत्ता बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं।
इस प्रकार, हम देख सकते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भारत की राजनीति में बहुत से उतार-चढ़ाव और रुझान होंगे। इन गठबंधनों का वोटरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह अभी से कहना मुश्किल है। लेकिन एक बात तय है कि यह चुनाव बहुत ही रोमांचक और घमासान होने वाला है।
नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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